
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शाहपुरा पंचायत समिति की प्रधान की सदस्यता समाप्त करने और उसके जगह पर किसी अन्य को चार्ज देने की कार्रवाई को चुनौती देने के मामले में अतिरिक्त मुख्य पंचायती राज सचिव और जिला कलेक्टर सहित अन्य से जवाब मांगा है। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश मंजू देवी शर्मा की याचिका पर दिए। अदालत ने याचिका की कॉपी अतिरिक्त महाधिवक्ता कपिल प्रकाश माथुर को दिलाते हुए मामले की सुनवाई 12 मई को रखी है।
याचिका में बताया कि याचिकाकर्ता देवन से वार्ड सदस्य थी और सितंबर 2021 में शाहपुरा पंचायत समिति की प्रधान बनीं। उसका कार्यकाल 5 साल के लिए था। इस दौरान ही राज्य सरकार ने 22 अप्रैल 2025 को अधिसूचना जारी कर नगर परिषदों के गठन में कई वार्ड को शामिल करने के लिए कहा। इसके चलते याचिकाकर्ता का वार्ड भी शाहपुरा नगर परिषद में शामिल कर लिया और उसकी वार्ड सदस्यता भी खत्म हो गई। इसके बाद राज्य सरकार ने 5 मई को आदेश जारी कर प्रधान का कार्यभार किसी अन्य वार्ड सदस्य को दिए जाने के लिए कहा। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता साल 2021 में नियमानुसार प्रधान के पद पर पांच साल के लिए निर्वाचित हुई थी। उसका कार्यकाल सितंबर 2026 में खत्म होगा। पंचायती राज अधिनियम नियम 17 व 30 के अनुसार पांच साल का कार्यकाल पूरा करने का प्रावधान है। उसके प्रधान पद पर किसी अन्य को लगाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में इस प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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