भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून इस बार पूरे जोर-शोर से सक्रिय है। प्रदेश में अब तक औसतन 32.4 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो पूरे मानसून सीजन के तय कोटे का लगभग 87 प्रतिशत है। लगातार सक्रिय हो रहे तीन बड़े सिस्टम मानसून ट्रफ, डिप्रेशन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को कई जिलों में झमाझम बारिश हुई। रतलाम और दमोह में हालात सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। रतलाम में नौ घंटे के भीतर तीन इंच पानी बरस गया, जिससे सड़कों पर नदियों जैसा नजारा बन गया। दमोह में ढाई इंच तक पानी गिरा। वहीं इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन समेत 30 से ज्यादा जिलों में बारिश का दौर बना रहा। बारिश के चलते नदी-नाले उफन गए और कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए।
मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन कर रहे असर
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस समय प्रदेश पर तीन बड़े सिस्टम सक्रिय हैं। एक ट्रफ रेखा बैतूल से मंडला की ओर गुजर रही है, जिससे लगातार नमी खिंचकर आ रही है। वहीं, उत्तर-पूर्व अरब सागर में बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी दक्षिण और पश्चिमी जिलों में बारिश बढ़ा रहा है। इन परिस्थितियों के चलते प्रदेश में मानसूनी गतिविधियां अगले पांच दिनों तक बनी रहने की संभावना है।
12 जिलों में यलो अलर्ट, 27 शहरों में भारी बारिश की संभावना
गुरुवार के लिए मौसम विभाग ने कुल 12 जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, उमरिया, शहडोल, डिंडौरी और अनूपपुर शामिल हैं। इन जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान ढाई से साढ़े चार इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जैसे जिलों में अति भारी बारिश का खतरा जताया गया है। इसके अलावा रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, हरदा, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, अनुपपुर, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला और बालाघाट में भारी बारिश होने के आसार हैं। राजधानी भोपाल सहित 27 अन्य शहरों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ आंधी-तूफान और बिजली गिरने की भी चेतावनी दी गई है।
मौसम वैज्ञानिक दीपक शाक्य ने गुरुवार बताया कि प्रदेश में रतलाम-धोलावाड, झाबुआ, अलीराजपुर, धार-मांडू, उज्जैन, शिवपुरी , गुना, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन-भीमबेटका-सांची, सागर, दमोह, निवाड़ी-ओरछा, टीकमगढ़, छतरपुर-खजुराहो, पन्ना, सिंगरौली में बिजली के साथ मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है, साथ ही नीमच में हल्की बारिश होने की संभावना है। उन्होंने बताया मंदसौर-गांधी सागर, बड़वानी-बावनगजा, खरगोन-महेश्वर, खंडवा-ओंकारेश्वर, बुरहानपुर, इंदौर, देवास, सीहोर, आगर, राजगढ़, शाजापुर, भोपाल-बैरागढ़, ग्वालियर, दतिया-रतनगढ़, हरदा, नर्मदापुरम-पचमढ़ी, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, सतना-चित्रकूट, मऊगंज, सीधी, देर रात रीवा, जबलपुर कहीं कम और कुछ अधिक वर्षा हुई है।
औसत से ज्यादा बारिश
एक जून से 20 अगस्त 2025 तक प्रदेश में सीजन की औसत बारिश से 22 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 25 प्रतिशत अधिक और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 20 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इसका असर खेती-किसानी पर भी सकारात्मक दिख रहा है, हालांकि कहीं-कहीं जलभराव से नुकसान की खबरें भी आई हैं। मौसम विभाग का कहना है कि अगले पांच दिन तक पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में जोरदार बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। पश्चिमी मध्यप्रदेश के जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। साथ ही, बिजली गिरने और आंधी-तूफान की स्थिति भी बनी रह सकती है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और नदियों-नालों के आसपास अनावश्यक आवाजाही से बचने की सलाह दी है।
निचले इलाकों में अलर्ट
लगातार भारी बारिश के चलते कई जिलों में निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत दल तैनात कर दिए हैं। नर्मदा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। श्योपुर, शिवपुरी, मंदसौर और नीमच जिलों में प्रशासन ने विशेष निगरानी शुरू कर दी है। मौसम विभाग का स्पष्ट अनुमान है कि अगस्त के अंत तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्से भीगते रहेंगे। ऐसे में जनता को सावधानी बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की जरूरत है।
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