राजस्थान के अजमेर जिले के पीसांगन ब्लॉक की करनोस ग्राम पंचायत के ओडास राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक स्कूल में कार्यरत भविष्यवक्ता शिक्षक नेमीचंद सांखला माली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह कक्षा के फर्श पर चटाई बिछाकर सोते हुए और अपने स्कूल बैग को तकिये की तरह इस्तेमाल करते हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान छात्र स्कूल परिसर के बाहर खेलते नजर आते हैं। उल्लेखनीय है कि नेमीचंद सांखला के पास स्कूल के प्रधानाध्यापक का अतिरिक्त कार्यभार भी है।
विभाग ने कहा कि वह इसकी जांच करेगा।
वीडियो वायरल होते ही शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया और जांच शुरू कर दी गई। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरोत्तम सिंह गुर्जर ने बताया कि मामले को गंभीरता से लिया गया है तथा संबंधित शिक्षक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच के बाद भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
राजस्थान : अजमेर के करनोस ग्राम पंचायत स्थित ओडास राजकीय विद्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें टीचर स्कूल में ही सोते नजर आए और बच्चे बाहर खेलते दिखे. जब शिक्षक से इसके बारे में पूछा गया तो उन्होनें कहा कि- 'तबीयत खराब होने के कारण लेट गए थे और इसी दौरान… pic.twitter.com/ydUToRELs8
— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) May 14, 2025
राजस्थान : अजमेर के करनोस ग्राम पंचायत स्थित ओडास राजकीय विद्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें टीचर स्कूल में ही सोते नजर आए और बच्चे बाहर खेलते दिखे. जब शिक्षक से इसके बारे में पूछा गया तो उन्होनें कहा कि- 'तबीयत खराब होने के कारण लेट गए थे और इसी दौरान… pic.twitter.com/ydUToRELs8
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उन्होंने नींद को लेकर सफाई देते हुए कहा- मेरी तबीयत खराब थी।
इस मामले में शिक्षक नेमीचंद सांखला ने सफाई देते हुए कहा कि वे अस्वस्थ होने के कारण लंच ब्रेक में सो रहे थे और उसी समय उन्हें नींद आ गई। उन्होंने बताया कि इस दौरान किसी ने उनका वीडियो बना लिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उस समय स्कूल में केवल 9-10 बच्चे ही मौजूद थे तथा अन्य शिक्षक सर्वेक्षण कार्य के लिए गांव में गए हुए थे।
वीडियो वायरल हो गया।
इस घटना के प्रकाश में आने के बाद क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और अनुशासन पर सवाल उठने लगे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस लापरवाही पर गुस्सा जताया है और शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह घटना न केवल शिक्षकों की जिम्मेदारी पर सवाल उठाती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था की वास्तविक स्थिति को भी उजागर करती है।
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