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पेरिस में गूंजा बेगम बतूल का 'पधारो म्हारे देस', यूरोप के देशों में गाएंगी लोक गीत

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पद्मश्री बेगम बतूल ने पेरिस में ग्लोबल इंडियन आर्गेनाइजेशन (जीआईओ) और लुई विटॉन फाउंडेशन द्वारा आयोजित यूरोप के सबसे बड़े होली महोत्सव का गणेश वंदना गाकर और प्रसिद्ध मांड केसरिया बालम पधारो म्हारे देश गीत प्रस्तुत कर उद्घाटन किया।

इस अवसर पर भारत के माननीय राजदूत संजीव सिंगला भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। पेरिस होली महोत्सव के सांस्कृतिक निदेशक अनवर हुसैन के निर्देशन में 300 से अधिक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत संगीतमय प्रदर्शन का 32,000 से अधिक लोगों ने आनंद लिया।

2017 से हर साल पेरिस में होली उत्सव में प्रस्तुति देते हैं
इसमें "राजस्थान एसोसिएशन ऑफ फ्रांस" (आरएएफ) के साथ-साथ राजस्थानी प्रवासियों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। आरएएफ अध्यक्ष एवं गायक अनवर हुसैन ने अपने बैंड "बॉलीवुड महाराजा ऑर्केस्ट्रा" के साथ शानदार प्रस्तुति दी। बेगम बतूल 2017 से हर साल अपने ग्रुप "बसंत" के साथ पेरिस में होली उत्सव में प्रदर्शन करती रही हैं।

28 अप्रैल को राष्ट्रपति से पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने के बाद आप अपने ग्रुप "बसंत" के कलाकारों के साथ यूरोप के दौरे पर हैं। यहां वे तीन माह तक फ्रांस, हॉलैंड, स्विटजरलैंड, इटली, स्पेन और जर्मनी में भजन, मांड और राजस्थानी लोक संगीत की प्रस्तुति देंगे। बसंत में बेगम बतूलजी के साथी मनवर, फरहान, रोबिन, रमीज, लुमनाथ साहिल थे।

'पद्मश्री' बेगम बतूल ने मांड गायकी को दिलाई वैश्विक पहचान
'पद्मश्री' बेगम बतूल ने राजस्थान की मांड गायकी को वैश्विक पहचान दिलाई। धर्म और जाति की बाधाओं को तोड़कर उन्होंने राम और कृष्ण के भजनों को अपनी आवाज दी। यह प्रथा 70 वर्ष की उम्र में भी जारी है। बेगम का बचपन नागौर के केराप गांव में बीता। उन्होंने बिना किसी औपचारिक शिक्षा के, केवल अभ्यास से संगीत सीखा।

इस वर्ष उन्हें मांड गायन के लिए पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इससे पहले, उन्हें 2022 में नारी शक्ति पुरस्कार, 2024 में फ्रेंच सीनेट भारत गौरव सम्मान, 2024 में ऑस्ट्रेलियाई संसद सांस्कृतिक सम्मान, 2021 में GOPIO अचीवर्स अवार्ड और 2023 में राजस्थान गौरव सम्मान मिला है।

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