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राजस्थान विधानसभा सत्र : तीन दिनों में सरकार लाएगी चार नए बिल, विपक्ष ने कसी कमर

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राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम चरण में, सोमवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय बैठक के एजेंडे में सरकार चार महत्वपूर्ण विधेयक पेश करेगी। इनमें से दो विधेयक, 'राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' और 'राजस्थान भूजल (संरक्षण एवं प्रबंधन) प्राधिकरण विधेयक 2024', राजनीति गरमा सकते हैं। इनमें भारी जुर्माने और आजीवन कारावास जैसे कड़े प्रावधान हैं।

वहीं, 'राजस्थान मत्स्य क्षेत्र (संशोधन) विधेयक 2025' में अवैध रूप से मछली पकड़ने पर जुर्माना 1000 रुपये से बढ़ाकर 50000 रुपये करने और 'राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान जयपुर विधेयक 2025' में 'रिम्स' जयपुर को स्वायत्तशासी निकाय घोषित कर राष्ट्रीय स्तर का चिकित्सा संस्थान बनाने का प्रावधान किया जा रहा है।धर्मांतरण और भूजल प्रबंधन जैसे संवेदनशील मुद्दे सीधे आम लोगों से जुड़े हैं। विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा करने का कोई मौका नहीं छोड़ेगा। इस तीन दिवसीय विधायी कार्यवाई से सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की रणनीति सामने आएगी।

तीन दिवसीय विधायी कार्यसूची
8 सितंबर: मत्स्य क्षेत्र (संशोधन) विधेयक 2025 और जयपुर आयुर्विज्ञान संस्थान विधेयक 2025
9 सितंबर: विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025
10 सितंबर: भूजल (संरक्षण एवं प्रबंधन) प्राधिकरण विधेयक 2024


विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025

गैर-जमानती अपराध और कठोर दंड: सरकार राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025 को जनहित में ऐतिहासिक बता रही है। इसमें जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कठोर दंड, भारी जुर्माना और संस्थागत नियंत्रण का प्रावधान है।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान: जबरन धर्म परिवर्तन: बलपूर्वक, धोखाधड़ी, प्रलोभन, ऑनलाइन प्रलोभन, विवाह के नाम पर धर्म परिवर्तन।
दंड और जुर्माना: सामान्य मामले में - 7 से 14 वर्ष का कारावास और 5 लाख रुपये का जुर्माना। नाबालिग, महिला और अनुसूचित जाति-जनजाति के मामले में 10 से 20 साल और 10 लाख रुपये तक की सज़ा। सामूहिक धर्म परिवर्तन पर आजीवन कारावास और 25 लाख रुपये तक का जुर्माना।


सूचना: धर्म परिवर्तन करने पर ज़िला मजिस्ट्रेट को 90 दिन पहले और धर्मगुरु को 60 दिन पहले सूचना देना अनिवार्य है।

मुआवज़ा: पीड़ित को 10 लाख रुपये तक का मुआवज़ा।
विवाह-संपत्ति: लव जिहाद अवैध, संपत्ति ज़ब्त।
संस्थाएँ: गैर-सरकारी संगठनों का पंजीकरण रद्द, 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना।
क़ानूनी स्थिति: सभी अपराध संज्ञेय और गैर-ज़मानती, सत्र न्यायालय में।

मत्स्य पालन क्षेत्र (संशोधन) विधेयक 2025

अवैध शिकार पर भारी जुर्माना: राजस्थान मत्स्य पालन क्षेत्र (संशोधन) विधेयक 2025 में सरकार ने कड़ा रुख़ अपनाया है और अवैध मछली पकड़ने पर जुर्माने को कई गुना बढ़ा दिया है। पहली बार अपराध करने पर: 500 से बढ़ाकर 25,000 रुपये
दूसरी बार अपराध करने पर: 1,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये
अपराध का शमन: 100 से बढ़ाकर 25,000 रुपये

आयुर्विज्ञान संस्थान जयपुर विधेयक 2025
जयपुर को मिला रिम्स, ये होंगे प्रावधान: राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान जयपुर विधेयक 2025 राज्य में राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सा संस्थान की पहल।
संरचना: रिम्स जयपुर एक स्वायत्त निकाय बनेगा।

सदस्य: शासी परिषद में मुख्य सचिव अध्यक्ष, चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रभारी सचिव उपाध्यक्ष और वित्त सचिव, आरयूएचएस के कुलपति और एम्स-दिल्ली और जोधपुर, आईआईएम-उदयपुर, आईआईटी-जोधपुर, टाटा मेमोरियल सेंटर-मुंबई और भारतीय विज्ञान संस्थान-बैंगलोर के निदेशक या प्रतिनिधि, आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष या प्रतिनिधि सदस्य होंगे।
उद्देश्य: आधुनिक चिकित्सा, नर्सिंग, पैरामेडिकल और आयुष शिक्षा प्रदान करना।
प्राधिकरण: एमबीबीएस, पीजी, सुपरस्पेशलिटी पाठ्यक्रम, डिग्री और डिप्लोमा।
प्रशासन: निदेशक की नियुक्ति हेतु चयन समिति, वित्त अधिकारी की नियुक्ति।
विलय: आरयूएचएस कॉलेज और उससे संबद्ध अस्पताल, राज्य कैंसर संस्थान का रिम्स में।
वित्तीय प्रावधान: पृथक निधि, राज्य सरकार अनुदान, वार्षिक बजट रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत की जाएगी।

इस प्रकार होगा नियंत्रण
- प्रत्येक जिले में 'जिला भूजल संरक्षण एवं प्रबंधन समिति' का गठन।
- राज्य भूजल संरक्षण एवं प्रबंधन योजना तैयार की जाएगी।
- योजना की हर तीन वर्ष में समीक्षा अनिवार्य है।
- योजना में भूजल स्तर, गुणवत्ता, पुनर्भरण और उपयोग का क्षेत्रवार आकलन शामिल होगा।
- भूजल दोहन और उपयोग के लिए अनुमति अनिवार्य है।
- जल की गुणवत्ता और मात्रा मापने के लिए उपकरण लगाना आवश्यक है।
- प्राधिकरण सरकार को टैरिफ की सिफारिश करेगा।
- बिना अनुमति के नए बोरवेल और संरचनाएँ बनाने या नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना।
- पहली बार उल्लंघन करने पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना।
- दूसरी बार उल्लंघन करने पर पाँच गुना तक जुर्माना।
- छह महीने तक की कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजाएँ।

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