जिले के सूरजगढ़ ब्लॉक के काजड़ा गांव की निवर्तमान सरपंच और प्रशासक मंजू तंवर को पद से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई जिला कलेक्टर अरुण गर्ग ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) के तहत की गई जांच में पाया गया कि लाभार्थियों से वसूली गई राशि में अनियमितताएँ हुई हैं।
जिला प्रशासन के अनुसार, एमजेएसए के अंतर्गत गाँवों में जल आपूर्ति और जल संरक्षण योजनाओं के लिए लाभार्थियों से कुछ राशि वसूली जाती है। काजड़ा गांव में यह राशि गलत तरीके से वसूली गई और उसका रिकॉर्ड व्यवस्थित नहीं रखा गया। मामले की जांच के दौरान यह भी सामने आया कि सरपंच मंजू तंवर ने सरकारी दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया और लाभार्थियों की राशि के उपयोग में पारदर्शिता नहीं दिखाई।
जिला कलेक्टर अरुण गर्ग ने स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “सरपंच के पद पर रहते हुए यदि कोई व्यक्ति सरकारी निधियों के उपयोग में अनियमितता करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एमजेएसए जैसी महत्वाकांक्षी योजना का लाभ सही तरीके से लाभार्थियों तक पहुँचाना हमारी प्राथमिकता है।”
मंजू तंवर को पद से हटाने के बाद गांव में प्रशासक नियुक्त किया गया है, जो योजनाओं की निगरानी करेगा और लाभार्थियों तक सहायता राशि के सही वितरण को सुनिश्चित करेगा। प्रशासन ने गांववासियों से भी अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अनियमितताओं की सूचना तत्काल संबंधित अधिकारियों को दें।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई जिले में सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अब एमजेएसए और अन्य योजनाओं का लाभ सभी पात्र लाभार्थियों तक उचित रूप से पहुंचेगा।
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