मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ राजस्थान रॉयल्स के इस मुक़ाबले का पिछले तीन दिनों से बेसब्री से इंतज़ार था. सभी निगाहें पिछले मैच के हीरो रहे 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी पर थीं.
वैभव मुंबई की बल्लेबाज़ी के दौरान अंतिम ओवरों में मैदान पर उतरे तो कैमरा उन पर आ टिका.
जब मुंबई ने 217 का विशाल स्कोर खड़ा किया तो उम्मीद की जाने लगी कि वैभव भले ही शतक न जमाएं लेकिन उनके बल्ले से कुछ रनों की बरसात तो देखने को मिलेगी.
वैभव बैटिंग के लिए उतरे तो स्टेडियम में दर्शकों का शोर अपने चरम पर था. लेकिन वैभव खाता भी नहीं खोल सके और स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया.
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वैभव भले ही खाता न खोल सके हों पर उन्होंने एक और आईपीएल रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.
29 अप्रैल को वैभव आईपीएल में शतक जमाने वाले सबसे कम उम्र में खिलाड़ी बने थे, तो एक मई को आईपीएल में सबसे कम उम्र में शून्य बनाने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज हो गया.
ख़ैर, अभी वैभव से कई बड़ी पारियों की उम्मीदें हैं. कुछ ऐसा ही वैभव के आइडल रोहित शर्मा मैच के बाद उन्हें दिखे.
यह रोहित शर्मा के साथ-साथ मुंबई की पूरी यूनिट के दमदार प्रदर्शन की रात थी.
इसकी बदौलत मुंबई न केवल 13 साल बाद जयपुर में जीत दर्ज की, बल्कि लगातार छह मैच की क़ामयाबी ने उसे नंबर एक पर भी पहुंचा दिया.
पिछले छह मुक़ाबले से मुंबई के बल्लेबाज़ों और गेंदबाज़ों ने जो लय हासिल की है, उसके सामने राजस्थान रॉयल्स को उसी की धरती पर चारों खाने चित होते देखा गया.
मुंबई को राजस्थान ने पहले बल्लेबाज़ी के लिए आमंत्रित किया. दूसरे ओवर में जब रोहित 7 रन पर खेल रहे थे तो अंपायर ने उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट करार दे दिया था.
रिकल्टन के साथ काफ़ी विचार करने के बाद जब 15 सेकेंड की समय सीमा ख़त्म ही होने वाली थी कि रोहित ने रिव्यू का इशारा किया.
गेंद लेग स्टंप से बाहर टप्पा खा रही थी तो फ़ील्ड अंपायर को अपना निर्णय बदलना पड़ा.
मुंबई के दोनों बल्लेबाज़ों ने धीमी शुरुआत की. तीन ओवरों में केवल 16 रन बने थे. इसके बाद रोहित और रिकल्टन दोनों के बल्ले से रन बरसने लगे.
रिकल्टन ने छक्के से अपना अर्धशतक पूरा किया तो दोनों ने 11वें ओवर की पहली गेंद पर शतकीय साझेदारी पूरी की.
पिछले पांच सालों में यह केवल दूसरा मौक़ा है जब मुंबई इंडियंस के सलामी बल्लेबाज़ों ने वानखेड़े के बाहर शतकीय साझेदारी निभाई.
रोहित ने एक ओवर बाद अपना ऐसा अर्धशतक पूरा किया जिसमें एक भी छक्का शामिल नहीं था.
यह उनके आईपीएल करियर में केवल पांचवां ऐसा मौक़ा है जब अर्धशतक बनाने के दौरान उन्होंने कोई छक्का नहीं जड़ा.
यह इस सीज़न में उनका चौथा और आईपीएल की 89वीं अर्धशतकीय पारी है. इस दौरान रोहित ने मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल में 6,000 रन भी पूरे किए.
अपनी इस पारी में धीमी शुरुआत पर रोहित ने कहा, "हमारे लिए अच्छी शुरुआत करना ज़रूरी था. कुछ ओवर के बाद जब लगा कि गेंद अच्छी तरह से आ रही है तब हम उसे सीधी हिट करने की कोशिश कर रहे थे."
रोहित और रिकल्टन जल्द ही केवल छह गेंद के अंतराल पर आउट हो गए. यहां से मैच को कप्तान हार्दिक पांड्या और सूर्यकुमार यादव ने संभाला.
इन दोनों ने नाबाद शतकीय साझेदारी निभाई पर अपने अपने अर्धशतक पूरा नहीं कर सके.
हार्दिक और सूर्या दोनों ने एकसमान 23 गेंदों पर 48 रन बनाए और नाबाद रहे.
अपनी पारी के दौरान सूर्यकुमार यादव एक बार फिर ऑरेंज कैप हासिल करने में कामयाब रहे.
इस सीज़न में उनके बल्ले से 67.86 की औसत से सबसे अधिक 475 निकल चुके हैं.
सूर्या ने लगातार 11 मैचों में 25 से अधिक के स्कोर का आईपीएल में अद्भुत रिकॉर्ड बनाया.
मज़बूत बैटिंग, बॉलिंग लाइनअपपिछले छह मैचों में मुंबई को मिली जीत पर नज़र डालें, तो उसकी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी का पैनापन साफ़ झलकता है.
सूर्यकुमार (475 रन) के साथ ही उसके शुरुआती चार बल्लेबाज़ रायन रिकल्टन 334 रन, रोहित शर्मा 293 रन और तिलक वर्मा 239 रन बना चुके हैं.
तो मध्यक्रम में कप्तान हार्दिक पांड्या, नमन धीर हैं. इस बैटिंग लाइनअप की मज़बूती का अंदाजा लगाएं कि इन छह बल्लेबाज़ों में से किसी का औसत 30 से कम नहीं है.
वहीं तिलक वर्मा (140.58) के अलावा बाकी सभी के स्ट्राइक रेट भी 153 से ऊपर ही हैं.
पिछले छह मैचों में अगर मुंबई ने पहले बल्लेबाज़ी की है तो 200+ के स्कोर बनाए हैं.
वहीं गेंदबाज़ों ने अपने अनुभव का लोहा मनवाया है. इसे लेकर सीज़न की शुरुआत में ही हार्दिक ने अपनी योजना स्पष्ट की थी.
उन्होंने कहा था, "मिच (सैंटनर) से लेकर ट्रेंट तक, जो भी अनुभवी खिलाड़ी हैं उन्हें टीम में लाना बहुत-बहुत महत्वपूर्ण था."
उनका कहना था कि टीम में अनुभवी गेंदबाज़ों को लाने से मुश्किल समय में मैच निकालना आसान होता है क्योंकि ये अनुभवी खिलाड़ी अपने करियर में पहले भी कई दफ़ा ऐसे दबाव को झेल चुके होते हैं.
तब बुमराह चोट की वजह से शुरुआती मैचों के लिए उपलब्ध नहीं थे. उनके टीम में आ जाने के बाद से तो यह पैनापन और भी बढ़ गया है.
ट्रेंट बोल्ट, मिच सैंटनर, जसप्रीत बुमराह, दीपक चाहर, हार्दिक पांड्या, कर्ण शर्मा जैसे गेंदबाज़ों से सजी इस टीम ने पिछले पांच मैचों में किसी भी विपक्षी टीम को 176 से ऊपर का स्कोर नहीं बनाने दिया है.
बीती रात भी जब गेंदबाज़ों की बारी आई तो उन्होंने पॉवर प्ले में ही मैच का रुख़ मुंबई के पक्ष में मोड़ दिया.
अनुभवी चाहर ने वैभव सूर्यवंशी को खाता भी नहीं खोलने दिया. जब दो छक्के से यशस्वी ने बोल्ट का स्वागत किया तो अनुभवी बोल्ट ने अगली ही गेंद पर उन्हें बोल्ड कर दिया.
बोल्ट यहीं नहीं रुके और जल्द ही नीतीश राणा को भी चलता किया.
फिर आई अनुभवी बुमराह की बारी जिन्होंने लगातार दो गेंदों पर कप्तान रियान पराग और हेटमायर को आउट कर राजस्थान को पूरी तरह बैकफ़ुट पर धकेल दिया.
अभी पांच ओवर भी नहीं हुए थे लेकिन राजस्थान की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी.
इसके बाद अनुभवी कर्ण शर्मा ने तीन खिलाड़ियों को पवेलियन लौटाया.
इसके बावजूद राजस्थान की टीम 16.1 ओवर तक मैच को ले गई. इसके पीछे जोफ़्रा आर्चर के वो बेशक़ीमती 30 रन थे जिसकी बदौलत उनकी टीम 100 रन का आंकड़ा पार कर सकी.
राजस्थान की ओर से किसी और बल्लेबाज़ ने 20 रन भी नहीं बनाए.
राजस्थान की टीम ने पिछले मैच में जैसा प्रदर्शन किया था उसे देखते हुए एक कड़े मुक़ाबले की उम्मीद थी लेकिन उसके बल्लेबाज़ों ने पूरी तरह निराश किया.
100 रनों से हुई इस बड़ी हार के बाद राजस्थान प्लेऑफ़ की रेस से बाहर होने वाली चेन्नई के बाद दूसरी टीम बनी.
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