हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़ ग़ज़ा के रफ़ाह इलाक़े में एक राहत सामग्री वितरण केंद्र पर जुटे फ़लस्तीनी लोगों पर हमला हुआ था.
इस घटना में इसराइली गोलाबारी में कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई है. ये सहायता केंद्र ग़ज़ा ह्यूमेनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ़) का बताया जा रहा है.
एक स्थानीय फ़लस्तीनी पत्रकार ने बीबीसी को बताया कि राहत शिविर के पास इसराइली टैंकों ने गोलाबारी की थी. वहीं एक डॉक्टर का कहना था कि वो जिन मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं उन्हें गोलियां या छर्रे लगे हैं.
फ़लस्तीनी रेड क्रिसेंट के मुताबिक़ मध्य ग़ज़ा के नेत्ज़ारिम कॉरिडोर में एक अन्य सहायता केंद्र के पास 14 लोग घायल हुए हैं.
अमेरिका और इसराइल समर्थित ग़ज़ा ह्यूमेनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ़) ने रफ़ाह में अपने सहायता केंद्र को लेकर आई ख़बरों को 'फ़र्ज़ी' बताया है.
वहीं इसराइली डिफ़ेंस फोर्सेज़ (आईडीएफ) ने भी सहायता केंद्र के पास आम लोगों पर गोली चलाने की बात से इनकार किया है और कहा है कि वो इसकी जांच कर रहे हैं.
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हमास ने क्या कहा है?
हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ग़ज़ा के रफ़ाह इलाके़ में रविवार को इसराइली टैंकों ने गोलाबारी की.
मंत्रालय ने कहा कि 200 से ज़्यादा लोग अस्पताल पहुंचे, जिनमें से कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
ग़ज़ा स्थित फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्रिटिश सर्जन विक्टोरिया रोज़ का एक किया है, जो नासिर अस्पताल के आपातकालीन विभाग में हैं.
इस वीडियो में उन्होंने आज की घटना के बाद की स्थिति बताई है. उन्होंने कहा, "रफ़ाह के पास जीएचएफ़ सहायता वितरण केंद्र पर गोलाबारी हुई है."
उन्होंने इस घटना को 'नरसंहार' बताते हुए कहा कि सभी घायलों में गोली लगने के घाव हैं.
एक और सहायता केंद्र पहुंचे कई फ़लस्तीनी घायलयूके स्थित चैरिटी मेडिकल एड फ़ॉर फ़लस्तीन (एमएपी) ने नासिर अस्पताल के आपातकालीन विभाग के हवाले से कहा है कि मेडिकल कॉम्प्लेक्स में बड़े पैमाने पर हताहतों का आना जारी है.
वहीं फ़लस्तीनी रेड क्रिसेंट ने बीबीसी को कि उनकी टीम ने रफ़ाह में राहत सामग्री केंद्र के पास से कई मृतकों और लगभग 23 घायलों को बाहर निकाला है.
इसके अलावा, फ़लस्तीनी रेड क्रिसेंट का कहना है कि उसने मध्य ग़ज़ा में नेत्ज़ारिम कॉरिडोर के पास भी एक सहायता वितरण केंद्र से 14 घायल लोगों को निकाला है.
ग़ज़ा ह्यूमेनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ़) ने रफ़ाह में अपने सहायता वितरण केंद्र के पास किसी के घायल होने या किसी की मृत्यु होने की बात से इनकार किया है.
बीबीसी के पूछे एक सवाल के जवाब में जीएचएफ़ ने , "आज सभी राहत सामग्री बिना किसी घटना के बांट दी गई. इसमें कोई हताहत या घायल नहीं हुआ है."
फाउंडेशन ने कहा, "हमने सुना है कि हमास की ओर से कुछ फर्ज़ी ख़बरें फैलाई गई हैं. ये झूठी और मनगढ़ंत हैं."
वहीं इसराइली डिफ़ेंस फोर्सेज़ (आईडीएफ) का है कि शुरुआती निष्कर्षों से पता चलता है कि उसकी सेना ने राहत सामग्री वितरण केंद्र के पास या उसके अंदर मौजूद लोगों पर "गोली नहीं चलाई".
एक बयान में, आईडीएफ़ ने ऐसी रिपोर्टों को "झूठा" बताया और मीडिया से हमास की ओर से दी जा रही जानकारियों को लेकर "सतर्क" रहने की अपील की है.
आईडीएफ़ का कहना है कि वह लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए अभी भी अमेरिका और इसराइल समर्थित जीएचएफ़ के साथ काम कर रहा है.
सहायता केंद्रों के पास क्या हुआ था?बीबीसी के रिपोर्टर और मध्य पूर्व मामलों के विश्लेषक सेबेस्टियन अशर के मुताबिक़ रफ़ाह और नेत्ज़ारिम कॉरिडोर में सहायता वितरण केंद्रों के पास असल में क्या हुआ, ये पूरी तरह से साफ़ नहीं है.
उनके मुताबिक़ ये निश्चित लगता है कि इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में हताहतों को अस्पतालों में लाया गया है और कई लोगों की मौत हुई है.
नासिर अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक़ गोलियों या छर्रों से घायल लगभग 200 लोग अस्पताल आए हैं.
उनके मुताबिक़ दक्षिणी ग़ज़ा के रफ़ाह में कई सूत्रों ने ख़बर दी है कि आज सुबह एक सहायता वितरण केंद्र के पास जुटे फ़लस्तीनी लोग इसराइली गोलाबारी में मारे गए या घायल हुए हैं.
मृतकों और घायलों को अस्पताल लेकर जाने की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं.
हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने ग़ज़ा में हताहतों की संख्या पर अपनी दैनिक रिपोर्ट में बताया है कि पिछले 24 घंटों में ग़ज़ा में 37 लोगों की मौत हुई है और 136 लोग घायल हुए हैं. कई लोग मलबे के नीचे दबे हैं, जिन तक पहुँचा नहीं जा सका है.
इसी साल 18 मार्च को इसराइल की ओर से ग़ज़ा में हमला फिर से शुरू करने के बाद से यहां मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,149 हो गई है.
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इसराइल पर हमला किया था. इसके बाद ग़ज़ा में इसराइली सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से यहां कुल 54,418 लोगों की मौत हुई है, जबकि 124,190 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक मुनीर अल-बुर्श ने ग़ज़ा की "भूख से मर रही आबादी के ख़िलाफ़ किए गए नरसंहार" के प्रति अंतरराष्ट्रीय चुप्पी की निंदा की है.
स्वास्थ्य मंत्रालय एक बयान में अल-बुर्श ने कहा कि दवाओं और मेडिकल चीज़ों की भारी कमी के कारण अस्पताल बदतर हालत में हैं.
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