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वीकली रिव्यू : सेंसेक्स और निफ्टी में 6 हफ्ते की गिरावट का सिलसिला टूटा, अगले सप्ताह कई महत्वपूर्ण इवेंट करेंगे बाज़ार को प्रभावित

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शेयर मार्केट के लिए यह सप्ताह केवल चार दिनों के कामकाज वाला सप्ताह रहा. इस दौरान बाज़ार में बढ़त रही और निफ्टी ने 24600 के ऊपर क्लोज़ किया जबकि सेंसेक्स ने 80600 के लेवल के करीब जाकर क्लोज़ किया. अगले सप्ताह बाज़ार में कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम हो सकते हैं.



भारतीय बेंचमार्क सूचकांक गुरुवार को बढ़त के साथ बंद हुए जिससे ट्रेड टेंशन और सुस्त क्वार्टली अर्निंग के कारण छह हफ़्तों से चली आ रही गिरावट टूट गई. ऑस्ट्रेलिया के वर्सेंट ग्रुप में हिस्सेदारी खरीदने पर सहमति जताने के बाद इंफोसिस में भी बढ़त दर्ज की गई. छुट्टियों के कारण कम हुए इस हफ़्ते में यूक्रेन युद्ध पर रूस-अमेरिका वार्ता से पहले निवेशक सतर्क रहे. बीएसई सेंसेक्स 58 अंक बढ़कर 0.07% बढ़कर 80,597.66 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 12 अंक बढ़कर 24,631.30 पर बंद हुआ. दोनों सूचकांकों में इस हफ़्ते लगभग 1% की बढ़त दर्ज की गई, जिससे छह हफ़्तों से चली आ रही गिरावट थम गई.



टॉप गेनर्स और लूज़र्सड्रग और आईटी कंपनियों का अर्निंग का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है, क्रमशः 3.5% और 1.3% बढ़ीं, जो अमेरिका-चीन टैरिफ युद्धविराम के विस्तार और अमेरिका में मुद्रास्फीति के कम आँकड़ों से प्रेरित रहा.



ऑस्ट्रेलियाई दूरसंचार दिग्गज टेल्स्ट्रा के साथ जॉइंट वेंचर बनाने के बाद गुरुवार को इंफोसिस के शेयर 1.5% चढ़ गए. फिर भी, अलास्का में 15 अगस्त को होने वाली रूस-अमेरिकी राष्ट्रपति शिखर वार्ता से पहले सतर्कता बनी रही. यह बैठक भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को आकार दे सकती है. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने चेतावनी दी है कि अगर वार्ता विफल होती है तो भारतीय वस्तुओं सहित अन्य वस्तुओं पर प्रतिबंध या टैरिफ बढ़ सकते हैं. स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी के कारण शुक्रवार को भारतीय बाजार बंद रहेंगे.



जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि उतार-चढ़ाव भरे वीकली एक्सपायरी-दिन के बाद भारतीय शेयर बाजार स्थिर रहे क्योंकि निवेशकों ने अमेरिका-रूस शिखर सम्मेलन से पहले सतर्कता बरती.



नायर ने कहा कि अमेरिका में मुद्रास्फीति के कमजोर आंकड़ों और नरम रुख के चलते आईटी और फार्मा स्टॉक में तेजी आई. खपत आधारित सुधार की उम्मीदों के चलते बैंकिंग और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के शेयरों में भी तेजी आई. हालांकि कमोडिटी की कीमतों में गिरावट और आपूर्ति संबंधी चिंताओं के कारण मेटल और एनर्जी सूचकांकों में कमजोरी देखी गई.



नायर ने कहा कि एसएंडपी द्वारा भारत की क्रेडिट रेटिंग में सुधार और मजबूत नीतिगत निरंतरता तथा बुनियादी ढांचे पर आधारित विकास का हवाला देते हुए इसके स्थिर दृष्टिकोण से घरेलू बाजार को समर्थन मिलने की संभावना है.

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