बिल्डर बनने की दौड़ में अब अडानी भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन इस साल उन्हें एक झटका लगा है. गौतम अडानी की रियल एस्टेट से होने वाली कमाई में जून 2025 तक के एक साल में 7% की गिरावट आई है और अब उनकी रियल्टी संपत्ति घटकर ₹52,320 करोड़ रह गई है. इसके बावजूद Hurun Research और Grohe की रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले 5 सालों में अडानी इस सेक्टर के सबसे अमीर व्यक्ति बन सकते हैं.
उनके पास मुंबई जैसे बड़े शहरों में धारावी और मोतीलाल नगर जैसे मेगा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स हैं, जो इस दिशा में उनकी ताकत बढ़ा रहे हैं. अभी इस फेहरिस्त में DLF के राजीव सिंह ₹1.27 लाख करोड़ की संपत्ति के साथ पहले और भाजपा नेता व महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ₹92,340 करोड़ के साथ दूसरे नंबर पर हैं.
अडानी ग्रुप रियल एस्टेट बिजनेस में तेजी से आगे बढ़ रहा है और अब उसका मकसद DLF को पीछे छोड़ना है. हुरून इंडिया के प्रमुख अनस रहमान जुनेद ने कहा कि'अडानी बहुत महत्वाकांक्षी हैं. अगले पांच सालों में वे इस सेक्टर में नंबर 1 बनना चाहते हैं.' ग्रोह इंडिया की प्रिया रस्तोगी ने भी इस बात पर सहमति जताई.
तेजी से बढ़ा अडानी रियल्टी का कद
अडानी रियल्टी पूरी तरह अडानी फैमिली की अपनी निजी कंपनी है. ये शेयर बाजार में लिस्ट नहीं है यानी इसके शेयर आम लोग नहीं खरीद सकते. इसके बावजूद, यह भारत की सबसे ज्यादा वैल्यू वाली प्राइवेट रियल एस्टेट कंपनी बन गई है.
DLF और लोढ़ा अभी टॉप पर
अभी DLF के राजीव सिंह ₹1.27 लाख करोड़ की नेटवर्थ के साथ इस सेक्टर में सबसे अमीर हैं. दूसरे नंबर पर हैं महाराष्ट्र सरकार के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा हैं, जिनकी नेटवर्थ ₹92,340 करोड़ है. अडानी तीसरे नंबर पर हैं जिनकी रियल एस्टेट से जुड़ी संपत्ति ₹52,320 करोड़ है- जो पिछले एक साल में 7% कम हुई है.
किसकी संपत्ति कितनी बढ़ी?
DLF के राजीव सिंह की संपत्ति इस साल 3% बढ़ी है, जबकि मंगल प्रभात लोढ़ा की संपत्ति में सिर्फ 1% की मामूली बढ़ोतरी हुई है. टॉप-10 रियल एस्टेट बिजनेस लीडर्स में केवल दो ही ऐसे रहे जिनकी नेटवर्थ में दो अंकों की बढ़ोतरी हुई. बेंगलुरु के राजा बगमाने की संपत्ति में 29% बढ़ोतरी होकर ₹25,270 करोड़ हो गई, जबकि अतुल रूइया की संपत्ति 10% बढ़कर ₹26,410 करोड़ हो गई.
बेंगलुरु की Schloss इस लिस्ट में सबसे नई कंपनी
साल 2025 की इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश की 150 बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों की कुल वैल्यू में इस बार 14% की बढ़ोतरी हुई है. यह पिछले साल के मुकाबले काफी कम है, जब यह आंकड़ा 70% था. इस लिस्ट में सिर्फ वही कंपनियां शामिल की गई हैं जिनकी वैल्यू ₹1,000 करोड़ या उससे ज़्यादा है. इस लिस्ट में सबसे नई कंपनी बेंगलुरु की Schloss है, जिसकी वैल्यू ₹13,600 करोड़ है. इसे सिर्फ छह साल पहले शुरू किया गया था और इसे दीपक पारेख चला रहे हैं. वहीं सबसे पुरानी कंपनी पेनिनसुला लैंड है, जो 1871 में बनी थी और अब इसकी वैल्यू ₹1,000 करोड़ है. दिलचस्प बात यह भी है कि इन 150 कंपनियों में सिर्फ 33 कंपनियों का ऑपरेशन प्रोफेशनल CEO कर रहे हैं, जबकि केवल 4 कंपनियों की कमान महिलाओं के हाथ में है.
उनके पास मुंबई जैसे बड़े शहरों में धारावी और मोतीलाल नगर जैसे मेगा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स हैं, जो इस दिशा में उनकी ताकत बढ़ा रहे हैं. अभी इस फेहरिस्त में DLF के राजीव सिंह ₹1.27 लाख करोड़ की संपत्ति के साथ पहले और भाजपा नेता व महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ₹92,340 करोड़ के साथ दूसरे नंबर पर हैं.
अडानी ग्रुप रियल एस्टेट बिजनेस में तेजी से आगे बढ़ रहा है और अब उसका मकसद DLF को पीछे छोड़ना है. हुरून इंडिया के प्रमुख अनस रहमान जुनेद ने कहा कि'अडानी बहुत महत्वाकांक्षी हैं. अगले पांच सालों में वे इस सेक्टर में नंबर 1 बनना चाहते हैं.' ग्रोह इंडिया की प्रिया रस्तोगी ने भी इस बात पर सहमति जताई.
तेजी से बढ़ा अडानी रियल्टी का कद
अडानी रियल्टी पूरी तरह अडानी फैमिली की अपनी निजी कंपनी है. ये शेयर बाजार में लिस्ट नहीं है यानी इसके शेयर आम लोग नहीं खरीद सकते. इसके बावजूद, यह भारत की सबसे ज्यादा वैल्यू वाली प्राइवेट रियल एस्टेट कंपनी बन गई है.
DLF और लोढ़ा अभी टॉप पर
अभी DLF के राजीव सिंह ₹1.27 लाख करोड़ की नेटवर्थ के साथ इस सेक्टर में सबसे अमीर हैं. दूसरे नंबर पर हैं महाराष्ट्र सरकार के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा हैं, जिनकी नेटवर्थ ₹92,340 करोड़ है. अडानी तीसरे नंबर पर हैं जिनकी रियल एस्टेट से जुड़ी संपत्ति ₹52,320 करोड़ है- जो पिछले एक साल में 7% कम हुई है.
किसकी संपत्ति कितनी बढ़ी?
DLF के राजीव सिंह की संपत्ति इस साल 3% बढ़ी है, जबकि मंगल प्रभात लोढ़ा की संपत्ति में सिर्फ 1% की मामूली बढ़ोतरी हुई है. टॉप-10 रियल एस्टेट बिजनेस लीडर्स में केवल दो ही ऐसे रहे जिनकी नेटवर्थ में दो अंकों की बढ़ोतरी हुई. बेंगलुरु के राजा बगमाने की संपत्ति में 29% बढ़ोतरी होकर ₹25,270 करोड़ हो गई, जबकि अतुल रूइया की संपत्ति 10% बढ़कर ₹26,410 करोड़ हो गई.
बेंगलुरु की Schloss इस लिस्ट में सबसे नई कंपनी
साल 2025 की इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश की 150 बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों की कुल वैल्यू में इस बार 14% की बढ़ोतरी हुई है. यह पिछले साल के मुकाबले काफी कम है, जब यह आंकड़ा 70% था. इस लिस्ट में सिर्फ वही कंपनियां शामिल की गई हैं जिनकी वैल्यू ₹1,000 करोड़ या उससे ज़्यादा है. इस लिस्ट में सबसे नई कंपनी बेंगलुरु की Schloss है, जिसकी वैल्यू ₹13,600 करोड़ है. इसे सिर्फ छह साल पहले शुरू किया गया था और इसे दीपक पारेख चला रहे हैं. वहीं सबसे पुरानी कंपनी पेनिनसुला लैंड है, जो 1871 में बनी थी और अब इसकी वैल्यू ₹1,000 करोड़ है. दिलचस्प बात यह भी है कि इन 150 कंपनियों में सिर्फ 33 कंपनियों का ऑपरेशन प्रोफेशनल CEO कर रहे हैं, जबकि केवल 4 कंपनियों की कमान महिलाओं के हाथ में है.
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