बढ़ती महंगाई में आए दिन ऐसे कई काम होते हैं जिसके लिए आपके पास तुरंत पैसा नहीं होता। यह काम गाड़ी खरीदने या घर बनाने जैसे बड़ा नहीं होता इसलिए आप बैंक से पर्सनल लोन लेने जाते हैं। पर्सनल लोन बाकी लोन से थोड़ा महंगा होता है क्योकि ये एक कोलेट्रल फ्री लोन है। यानी इसमें आपको कोई गारंटी नहीं देनी होती है। महंगा होने की वजह से लोग पर्सनल लोन से थोड़ी दूरी ही बनाना पसंद करते हैं। हालांकि, इमरजेंसी की समय ये एक अच्छा ऑप्शन साबित होता है। इसलिए पर्सनल लोन लेने से पहले ये जरूरी है कि आप खुद से आगे होकर कुछ सवाल पूछ ले।   
   
   
     
   
     
लोन की जरूरत क्यों हैसबसे पहले तय करें कि आपको लोन किस काम के लिए लेना है जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी, एजुकेशन, शादी या कर्ज चुकाने के लिए। ध्यान रहे, कभी भी लोन सिर्फ शौक या गैरजरूरी खर्चों के लिए न लें क्योंकि बाद में आपको ये फाइनेंशियल भारी बोझ बन सकता है।
   
   
   
कितना लोन चाहिए
   
जितनी आपको जरूरत है उतना ही लोन लें, ज्यादा अमाउंट लेने से ब्याज और कानूनी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। EMI कैलकुलेटर से जांच लें कि हर महीने की किस्त आपके बजट में फिट बैठती भी है या नहीं।
   
   
   
क्या होगी ब्याज दर और कुल लागत
   
लोन फिक्स्ड या वेरिएबल रेट पर है, इसे पहले समझ लें। लंबी अवधि में EMI घट सकती है, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा न हो। प्रोसेसिंग फीस, प्री-पेमेंट चार्ज और अन्य खर्चों की पूरी जानकारी लें।
   
   
   
बेहतर लोन ऑफर आपके स्कोर के लिए
   
अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर है तो आपको बेहतर ऑफर मिल सकता हैं। RBI-रजिस्टर्ड लेंडर से लोन लें और सभी हिडन चार्जेज के बारे में पहले ही जान ले।
   
   
   
लोन का असर आपके भविष्य पर
   
सोचें, अगर नौकरी चली जाए या आमदनी घट जाए तो क्या आप EMI भर पाएंगे? लोन तभी लें जब यह आपकी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाए, कमजोर नहीं।
   
  
लोन की जरूरत क्यों हैसबसे पहले तय करें कि आपको लोन किस काम के लिए लेना है जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी, एजुकेशन, शादी या कर्ज चुकाने के लिए। ध्यान रहे, कभी भी लोन सिर्फ शौक या गैरजरूरी खर्चों के लिए न लें क्योंकि बाद में आपको ये फाइनेंशियल भारी बोझ बन सकता है।
कितना लोन चाहिए
जितनी आपको जरूरत है उतना ही लोन लें, ज्यादा अमाउंट लेने से ब्याज और कानूनी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। EMI कैलकुलेटर से जांच लें कि हर महीने की किस्त आपके बजट में फिट बैठती भी है या नहीं।
क्या होगी ब्याज दर और कुल लागत
लोन फिक्स्ड या वेरिएबल रेट पर है, इसे पहले समझ लें। लंबी अवधि में EMI घट सकती है, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा न हो। प्रोसेसिंग फीस, प्री-पेमेंट चार्ज और अन्य खर्चों की पूरी जानकारी लें।
बेहतर लोन ऑफर आपके स्कोर के लिए
अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर है तो आपको बेहतर ऑफर मिल सकता हैं। RBI-रजिस्टर्ड लेंडर से लोन लें और सभी हिडन चार्जेज के बारे में पहले ही जान ले।
लोन का असर आपके भविष्य पर
सोचें, अगर नौकरी चली जाए या आमदनी घट जाए तो क्या आप EMI भर पाएंगे? लोन तभी लें जब यह आपकी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाए, कमजोर नहीं।
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