इंदौर में, सोमवार को बाबासाहेब अंबेडकर की जन्मभूमि महू में कांग्रेस ने एक महत्वपूर्ण रैली का आयोजन किया। इस रैली में राहुल गांधी, जो लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, ने कहा कि "देश में निजीकरण और कुछ अरबपतियों के समर्थन के लिए गरीबों को गुलाम बनाया जा रहा है। इसलिए लोगों को संविधान विरोधी सरकार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि देश में विचारधारा की एक बड़ी लड़ाई चल रही है।
राहुल गांधी ने संविधान की एक प्रतीकात्मक किताब दिखाते हुए कहा, "यह संविधान केवल एक किताब नहीं है, बल्कि इसमें हिंदुस्तान की हजारों साल पुरानी सोच समाहित है।"
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी और आरएसएस संविधान को समाप्त करना चाहते हैं। राहुल ने मोहन भागवत के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली, बल्कि सच्ची आजादी मोदी जी के आने के बाद मिली। यह संविधान पर सीधा हमला है।
राहुल गांधी ने कहा, "जिस दिन संविधान खत्म होगा, उस दिन दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए कुछ नहीं बचेगा।" उन्होंने यह भी बताया कि अडानी और अंबानी जैसे अरबपतियों को सारा धन सौंपा जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी ने अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह पैसा किसका था, और कहा कि मेहनत आम लोगों की है, लेकिन लाभ केवल अरबपतियों को मिल रहा है।
राहुल ने कहा कि बीजेपी की सोच है कि हिंदुस्तान को अरबपति चलाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी से पहले गरीबों, दलितों और आदिवासियों के पास कोई अधिकार नहीं थे।
उन्होंने यह भी बताया कि राम मंदिर के उद्घाटन में किसी गरीब, दलित या मजदूर-किसान को नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा कि दलित राष्ट्रपति को संसद के उद्घाटन में भी नहीं बुलाया गया।
राहुल गांधी ने अंत में कहा कि यह जानना जरूरी है कि देश का धन किसके हाथ में है। उन्होंने बताया कि हिंदुस्तान के 500 बड़े बिजनेसमैन में कोई एससी-एसटी ओबीसी नहीं है, जबकि 90% की आबादी का पैसा इन लोगों के हाथों में है।