असदुद्दीन ओवैसी
एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने 'आई लव मुहम्मद' विवाद पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत में 'आई लव मोदी' कहना सरल है, जबकि 'आई लव मुहम्मद' कहना कठिन है। बरेली में हाल ही में इस विवाद को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। दशहरा और शुक्रवार की नमाज के मद्देनजर, बरेली के चार जिलों में इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया था। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं ताकि कोई अशांति न हो।
बरेली में चल रहे तनाव के बीच, ओवैसी ने सवाल उठाया कि 'आई लव मुहम्मद' कहने पर लोगों को आपत्ति क्यों होती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इसे अपने हाथ में न लें। हैदराबाद में एक भाषण में ओवैसी ने कहा कि इस देश में कोई 'आई लव मोदी' कह सकता है, लेकिन 'आई लव मुहम्मद' नहीं। उन्होंने मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठाया कि जब कोई 'आई लव मोदी' कहता है, तो मीडिया खुश होता है, लेकिन 'आई लव मुहम्मद' कहने पर आपत्ति होती है।
पुलिस की जवाबदेही पर सवाल#WATCH | Hyderabad, Telangana: AIMIM chief Asaduddin Owaisi says, "A case is going on for the Sambhal mosque. Our mosques are being snatched away. In this country, one can say 'I love Modi' but not 'I love Mohammad'. Where are you taking this nation? If someone says 'I love… pic.twitter.com/px41byair1
— ANI (@ANI) October 2, 2025
ओवैसी ने कुछ वीडियो क्लिप का उल्लेख किया, जिसमें पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने और दुकानदारों द्वारा फूल बरसाने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने पूछा कि क्या पुलिस की जवाबदेही केवल सत्ता में बैठे लोगों के प्रति है।
इसके अलावा, ओवैसी ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद के अलावा किसी और का नाम मोहम्मद नहीं रखा गया। यदि आप उनके पोस्टर लगाते हैं, तो आपको उनका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि वे इतने सारे कानून क्यों बना रहे हैं और क्या हो रहा है।
पिछले हफ्ते, जुमे की नमाज़ के बाद बरेली की एक मस्जिद के बाहर 2,000 से अधिक प्रदर्शनकारी 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर विवाद के खिलाफ प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को रद्द करने के विरोध में इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, जिससे पुलिसकर्मी घायल हुए और उन पर लाठीचार्ज किया गया।
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