Next Story
Newszop

तंदूर कांड: 1995 का भयानक हत्याकांड और उसकी सच्चाई

Send Push
तंदूर कांड की पृष्ठभूमि

Tandoor Kand: ओडिशा के भुवनेश्वर में काईट यूनिवर्सिटी में एक नेपाली छात्रा की आत्महत्या के मामले ने कई अन्य मामलों को फिर से ताजा कर दिया है, जहां लड़कियों को उनके प्रेमियों या पार्टनरों द्वारा या तो हत्या का शिकार बनाया गया या आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया। इनमें से एक मामला तंदूर कांड भी है।


इस मामले ने तंदूर कांड की याद दिलाई है, जिसमें एक व्यक्ति ने अपनी साथी की निर्दयता से हत्या की थी। आइए जानते हैं तंदूर कांड की पूरी कहानी, जिसमें क्रूरता की सभी सीमाएं पार कर दी गई थीं।


क्या था तंदूर कांड? क्या था Tandoor Kand?
image

यह घटना 1995 में दिल्ली में हुई थी। एक व्यक्ति, जिसका नाम सुशील शर्मा था, ने अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या कर दी, क्योंकि उसे उस पर अवैध संबंध का संदेह था। सुशील ने नैना को गोली मारकर हत्या की।


हत्या के बाद, सुशील ने अपनी पत्नी के शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की। उसने एक दोस्त के होटल में जाकर शव को तंदूर में जलाने का प्रयास किया। कहा जाता है कि उसने शव को जलाने से पहले कई टुकड़ों में काट दिया था।


फर्श पर मिली थी जली हुई लाश फर्श पर मिली थी जली हुई लाश
image

जब सुशील अपनी पत्नी के शव को तंदूर में जला रहा था, तब पुलिस को आग की सूचना मिली। जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि नैना का शव जली हुई अवस्था में फर्श पर पड़ा था। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पूरा मामला सामने आया। सुशील इस हत्या के बाद भाग गया, लेकिन पुलिस ने उसे एक सप्ताह के भीतर गिरफ्तार कर लिया। यह मामला अपराध जगत के सबसे खतरनाक मामलों में से एक माना जाता है।


23 साल की मिली थी सजा 23 साल की मिली थी सजा
image

इसके बाद, सुशील को इस मामले में लगभग 23 साल की सजा सुनाई गई। प्रारंभ में उसे मौत की सजा दी गई थी, लेकिन बाद में इसे आजीवन कारावास में बदल दिया गया। 2020 में उसे रिहा कर दिया गया।


Loving Newspoint? Download the app now