जब भी हमारे पेट में कोई समस्या होती है, हम कमोड का सहारा लेते हैं। आपने भी इसे कई बार इस्तेमाल किया होगा, चाहे वह आपके घर में हो, होटल में, सार्वजनिक शौचालय में या ट्रेन में। आपने यह भी देखा होगा कि कमोड का रंग हमेशा सफेद ही होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसे सफेद रंग में क्यों बनाया जाता है? क्यों नहीं इसे हरा, नीला या पीला रंग दिया जाता?
कमोड का सफेद रंग क्यों?
भारतीय या पश्चिमी, अधिकांश कमोड सफेद रंग के होते हैं। हालांकि, समय के साथ कुछ अन्य रंग भी देखने को मिलते हैं, लेकिन 90% कमोड सफेद ही होते हैं। इसके पीछे एक विशेष कारण है, जिसके बारे में बहुत से लोग अनजान हैं। कुछ लोग इसे बाथरूम में सुंदरता बढ़ाने के लिए सफेद मानते हैं, जबकि अन्य का कहना है कि सफेद रंग गंदगी को जल्दी दिखाता है, जिससे सफाई में आसानी होती है।
सच्चाई क्या है?
हालांकि, ये सभी तर्क सही नहीं हैं। असल में, कमोड का सफेद रंग उसके निर्माण सामग्री के कारण है। कमोड बनाने के लिए सिरेमिक या पोर्सिलेन का उपयोग किया जाता है, जिसे आमतौर पर चीनी मिट्टी कहा जाता है। चीनी मिट्टी का रंग स्वाभाविक रूप से सफेद होता है, इसलिए इसे इस रंग में बनाना आसान होता है। यदि रंग में बदलाव किया जाए, तो प्रक्रिया जटिल हो जाती है, जिससे समय और लागत दोनों बढ़ जाते हैं। यही कारण है कि अधिकांश निर्माता सफेद रंग के कमोड बनाना पसंद करते हैं।
You may also like
गले में दोनो तरफ टॉन्सिल ने गोल-गोल गोटियाँ बना दीˈ दर्द बहुत होता है तो अपनाएँ ये अद्भुत उपाय जरूर पढ़े
पश्चिम बंगाल: सरकारी अधिकारी को तृणमूल विधायक ने फटकारा, सुवेंदु अधिकारी बोले- यही टीएमसी की संस्कृति
राजीव प्रताप रूडी के बिहार आगमन पर समर्थकों ने किया जोरदार स्वागत
उर्फी जावेद को लगी चोट, चेहरे से बहता दिखा खून
सिर पर संविधान रखकर नाचने वालों ने संविधान को कुचला : पीएम नरेंद्र मोदी