सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 29 वर्षों से बीजेपी के साथ हैं। 1990 में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार दोनों को मुख्यमंत्री बनाने में बीजेपी की भूमिका अहम रही।
बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच एनडीए के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने स्पष्ट किया है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं और आगे भी बने रहेंगे।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2005 के चुनावों में जब अटल बिहारी वाजपेयी ने इस विचार को हरी झंडी दी थी, तब बीजेपी ने ही नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद के रूप में आगे बढ़ाया था। उनकी विचारधारा भले ही अलग हो, लेकिन वे एनडीए के सभी सहयोगियों को स्वीकार्य हैं।
सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 29 वर्षों से बीजेपी के साथ हैं।
1990 में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार दोनों को मुख्यमंत्री बनाने में बीजेपी की भूमिका अहम रही। “लालू छह महीने में बदल गए, लेकिन नीतीश आज भी हमारे साथ हैं, इसलिए उनके खिलाफ किसी तरह की चर्चा का प्रश्न ही नहीं उठता,” उन्होंने कहा।
एनडीए सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि 9वीं कक्षा की लड़कियों के लिए साइकिल योजना ने सामाजिक बदलाव की दिशा में क्रांति ला दी। साथ ही, मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 1.41 करोड़ भावी महिला उद्यमियों को ₹10,000 की सहायता राशि दी गई है, जो गैर-वापसी योग्य राशि है।
उन्होंने विपक्ष के वादों पर सवाल उठाते हुए कहा कि “तेजस्वी यादव के रोजगार देने के वादे अव्यावहारिक हैं। राज्य का वार्षिक बजट ₹3.17 लाख करोड़ है, जिसमें से केवल ₹65,000 करोड़ राज्य के अपने राजस्व से आते हैं। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ₹2 लाख करोड़ का सहयोग देती है। लालू-राबड़ी शासन में केवल 94,000 नौकरियां दी गईं, जबकि नीतीश कुमार सरकार ने 20 वर्षों में 18.5 लाख नौकरियां दी हैं।”
सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार के लोगों को जंगलराज के काले दिनों की याद दिलाना जरूरी है। “नीतीश प्रकाश के प्रतीक हैं और लालू अंधकार के। प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार को विकास की नई दिशा दी है।”
जन सुराज पार्टी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह झूठ है कि विशेष रेलगाड़ियां नहीं चलाई जा रहीं। इस बार छठ पर्व के लिए विशेष ट्रेनों की संख्या 7,500 से बढ़ाकर 12,000 कर दी गई है।
अपने गृह क्षेत्र तारापुर का उल्लेख करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा, “ऐसा लग रहा है जैसे बेटा घर लौट आया हो।” उन्होंने बताया कि उनके पिता शकुनि चौधरी ने 1985 से 2010 तक तारापुर सीट का प्रतिनिधित्व किया था। अंत में उन्होंने कहा, “मेरी उम्र को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है, लेकिन मेरी जन्मतिथि 16 नवंबर 1968 है। चुनाव आयोग ही अंतिम प्राधिकारी है, बाकी बातें निराधार हैं।”
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