S-400 Air Defence System Deal India Russia: भारत के ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने आतंकी संगठन हमास की युद्ध शैली अपनाते हुए ड्रोन हमलों की बारिश भारत पर की थी. उसे मुगालता था कि ड्रोन अटैक से भारतीय सेना भौंचक्का हो जाएगी. लेकिन भारत की मजबूत आसमानी रक्षा कवच प्रणाली यानी एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया. लेकिन क्या आपको मालूम है कि रूस और भारत के बीच इस मजबूत रक्षा कवच प्रणाली के सौदे को अमेरिका रोकना चाहता था और भारत को आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी तक दे डाली थी.
पाकिस्तानी सेना ने सैकड़ों ड्रोन की बारिश पर की थी, जैसे 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल पर हमला करते वक्त की थी ताकि उसके एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम को भेदा जा सके. पाकिस्तान से आए ज्यादातर ड्रोन को हवा में ही मार गिराया गया और वो टारगेट तक नहीं पहुंच पाए. इनमें से ज्यादातर ड्रोन पाकिस्तान को तुर्की से मिले हैं.
लेकिन एयर डिफेंस सिस्टम को मिली इस कामयाबी के लिए भारत के उस अडिग रुख की भी दाद देनी होगी. भारत ने अमेरिका के जबरदस्त दबाव के बावजूद रूस से 35 हजार करोड़ की सैन्य डील की थी और एस-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा था. अमेरिका ने भारत पर ऐसा सौदा करने पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी.
ये पड़ोसी मुल्क की लगातार जारी नापाक हरकतों को लेकर मोदी सरकार की दूरदर्शिता थी कि भारत इससे पीछे नहीं हटा. टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की मौजदूगी में इस पर हस्ताक्षर हुए. उस वक्त भी अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप सरकार थी. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने एस-400 बनाने वाली रूसी कंपनी अल्माज एंटिये (Almaz Antey) समेत तमाम संबंधित पक्षों पर आर्थिक प्रतिबंधों की चेतावनी दी थी.हालांकि जो बाइडेन की डेमोक्रेट सरकार आते ही अमेरिकी रुख नरम पड़ा.
अमेरिकी दबाव पर मोदी सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि वो अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखते हुए अपनी प्राथमिकताओं से पीछे नहीं हटेगी. अमेरिकी संसद में भारतीय मूल के सांसद रो खन्ना वो संशोधन प्रस्ताव लेकर आए थे, जिसमें भारत को काट्सा प्रतिबंधों से छूट देने की बात थी. भारत द्वारा अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, पी-81 गश्ती विमान और अन्य हथियारों की अमेरिका से डील के बाद भी यह मामला और शांत हुआ. अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी कानून में संशोधन के जरिये भारत को प्रतिबंधों से छूट दी गई. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 2024 में इसकी पहल की. रूस ने यूक्रेन से खराब होते रिश्तों के बावजूद दिसंबर 2021 से एस-400 सिस्टम की डिलिवरी शुरू की थी.
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