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एयरपोर्ट ग्राउंड हैंडलिंग में काम करने वाली तुर्की की कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द

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नई दिल्ली, 15 मई . ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के खिलाफ पाकिस्तान को सपोर्ट करने वाले तुर्की के खिलाफ अब भारत सरकार ने भी कदम उठाया है. नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने गुरुवार को घोषणा की कि भारत में हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं प्रदान करने वाली तुर्की की कंपनी सेलेबी एनएएस एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी को रद्द कर दिया गया है.

मंत्री ने कहा, “हमें देश भर से सेलेबी कंपनी के खिलाफ बैन लगाने के लिए अनुरोध प्राप्त हुए थे. राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और इन अनुरोधों को गंभीरता से लेते हुए मंत्रालय ने इस कंपनी की सुरक्षा मंजूरी को रद्द कर दिया है.”

उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया, “सेलेबी एनएएस एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड को 21 नवंबर 2022 को सुरक्षा मंजूरी प्राप्त हुई थी, लेकिन अब नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएस) के महानिदेशक की शक्तियों का उपयोग करते हुए कंपनी की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया एक कदम है.”

यह आदेश बीसीएएस के संयुक्त निदेशक (ऑपरेशंस) सुनील यादव द्वारा जारी किया गया है. सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा सर्वोपरि है, और इस निर्णय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए.

इधर, देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए तुर्की के संस्थानों के साथ अपने शैक्षणिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को निलंबित कर दिया. सबसे ताजा कदम जामिया मिलिया इस्लामिया ने उठाया है, जिसने गुरुवार को एक बयान जारी कर तुर्की गणराज्य की सरकार से संबद्ध किसी भी संस्थान के साथ सभी समझौता ज्ञापनों को तत्काल निलंबित करने की घोषणा की.

विश्वविद्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली और तुर्की गणराज्य की सरकार से संबद्ध किसी भी संस्थान के बीच कोई भी समझौता ज्ञापन (एमओयू) तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक निलंबित किया जाता है. जामिया मिलिया इस्लामिया राष्ट्र के साथ मजबूती से खड़ा है.”

यह कदम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) द्वारा तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ अपने स्वयं के समझौता ज्ञापन को निलंबित करने के बाद उठाया गया है.

डीएससी/एकेजे

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