नई दिल्ली, 13 अप्रैल . नीम का नाम लेते ही कसैले स्वाद वाली पत्तियां आंखों के सामने आ जाती हैं. हालांकि, आज हम एक ऐसे नीम की पत्तियों के बारे में बता रहे हैं, जो अपनी महक से न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाती हैं बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से सेहतमंद भी रखती हैं. आयुर्वेद में मीठी नीम की पत्ती या करी पत्ता को कई रोगों का नाश करने वाला कहा जाता है.
पुराने समय से इसे कढ़ी में छौंक लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा, शायद इसीलिए इसे करी पत्ता या कढ़ी लीफ से भी पुकारा जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम मुराया कोएनिजी है. ये आमतौर पर भारत और श्रीलंका में पाया जाता है. हमारे यहां दक्षिण के राज्यों में ज्यादा मिलता है और शायद यही कारण है कि वहां की लगभग हर डिश की ये शोभा बढ़ाता है.
इस पौधे की ऊंचाई 2 से 4 मीटर की होती है. इसे बीज या छोटे-छोटे पौधों की मदद से घर के बगीचे में या गमले में लगा सकते हैं.
हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति में भी इसका जिक्र है. आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि आज के समय में मधुमेह, रक्तचाप और अनियंत्रित दिनचर्या की वजह से पाचन, अनिद्रा जैसी समस्याएं आम सी बात बन गई हैं. हालांकि, करी पत्ता के नियमित सेवन करने से इन समस्याओं से राहत मिलती है.
करी पत्ता के औषधीय गुणों पर रोशनी डालते हुए पंजाब स्थित ‘बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल’ के डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी ने विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया, “करी पत्ते में विटामिन ए, बी, सी, ई के साथ मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. आयुर्वेद के मुताबिक करी पत्ता सेहत के लिए वरदान साबित हो सकता है. यह आंखों के साथ त्वचा, पाचन संबंधित समस्याओं जैसे कब्ज, वात के साथ ही मधुमेह, रक्तचाप जैसी समस्याओं को भी दूर करने में सक्षम है.”
उन्होंने आगे बताया, “करी पत्ता आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. खाली पेट यदि इसे चबाया जाए तो आंखों से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं. यह आंखों की मांसपेशियों को आराम देता है, जिससे आंखें थकान महसूस नहीं करतीं.”
यह पाचन प्रक्रिया में सहायक होता है और वात, कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है. मीठी नीम का पत्ता पाचक रसों के स्राव को बढ़ाता है, जिससे भोजन पचने में आसानी होती है. इसमें मौजूद फाइबर पेट को साफ रखने में मदद करता है और कब्ज दूर करता है.
आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि संक्रमण की समस्याओं का भी करी पत्ता दुश्मन है. उन्होंने कहा, “मीठी नीम में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जिसके सेवन से संक्रमण से बचा जा सकता है.”
–
एमटी/केआर
The post first appeared on .
You may also like
सांप ने काटा या थी किसी की साज़िश, मेरठ के एक श़ख़्स की मौत का पूरा मामला क्या है?
Redmi Turbo 4 Pro With Snapdragon 8s Gen 4, 2.5K Display to Launch Next Week in China
मिलावटखोरों का अड्डा बनी राजस्थान की ये शिक्षा नगरी! जांच में फेल हुए दही के 94% सैम्पल और घी के 50% सैम्पल
छत्तीसगढ़ के सुकमा में 02 महिला सहित 11 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, पांच नक्सलियों पर था 8.50 लाख का इनाम
कोरबा : एसईसीएल ने पेस्ट फिल टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए 7040 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए