New Delhi, 14 अगस्त . आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर और मन दोनों के बीच संतुलन बनाना और स्वस्थ रखना एक चुनौती है. हालांकि, योग के पास इसका समाधान है. ऐसा ही एक आसन, जिसका नाम त्रिकोणासन है. यह शरीर को न केवल मजबूत बल्कि एनर्जी भी देता है.
त्रिकोणासन, जिसे त्रिभुज मुद्रा भी कहा जाता है, योग की एक ऐसी मुद्रा है, जो शरीर को त्रिकोणीय आकार में लाकर संतुलन, लचीलापन और ताकत देता है.
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह आसन छाती को खोलता है, शरीर को ऊर्जावान बनाता है और मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है. इसके नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है.
मंत्रालय, सही विधि भी बताता है. इसके लिए सीधे खड़े होकर पैरों को 3-4 फीट की दूरी पर फैलाएं. दाहिना पैर 90 डिग्री बाहर की ओर और बायां पैर 45 डिग्री अंदर की ओर रखें. इसके बाद दोनों हाथों को कंधों के समानांतर फैलाएं. सांस लेते हुए दाहिनी ओर झुकें, दाहिना हाथ दाहिने पैर या जमीन को छुएं. बायां हाथ ऊपर की ओर सीधा रखें, नजर बाएं हाथ की उंगलियों पर हो. इस मुद्रा में 30-60 सेकंड तक रुकें, गहरी सांस लें. फिर धीरे-धीरे वापस आएं और इसी तरह से दूसरी ओर भी दोहराएं.
त्रिकोणासन के अभ्यास को खाली पेट ही करें और हल्के कपड़े पहनें. शुरुआत में दीवार का सहारा ले सकते हैं.
ये आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और पीठ दर्द में राहत देता है. यह पिंडली, जांघ, कमर और कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत करता है. यह फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और श्वसन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है. त्रिकोणासन शारीरिक संतुलन के साथ ही मानसिक शांति देता है और तनाव को दूर करने में सहायक है.
त्रिकोणासन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है, बल्कि मानसिक शांति और ऊर्जा का संचार भी करता है. आयुष मंत्रालय इसे नियमित योग अभ्यास का हिस्सा बनाने की सलाह देता है. हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स कुछ सावधानियां भी बरतने की सलाह देते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, स्लिप्ड डिस्क, साइटिका, हाई ब्लड प्रेशर या हालिया पेट की सर्जरी वाले लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाएं और गर्दन में दर्द वाले लोग इसे डॉक्टर की सलाह से करें.
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एमटी/केआर
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