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हरियाणा: भ्रूण हत्या रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग सख्त, 1200 से अधिक जगहों पर मारे छापे

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चंडीगढ़, 19 अप्रैल . हरियाणा में कन्या भ्रूण हत्या और अवैध लिंग जांच को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग की स्टेट टास्क फोर्स (एसटीएफ) लगातार कार्रवाई कर रही है.

स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. कुलदीप सिंह ने से बातचीत में बताया कि पिछले एक महीने में एसटीएफ ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश के सतना तक 1200 से अधिक छापेमारी की हैं. इनमें से 50 प्रतिशत छापेमारी सफल रही हैं, जिनमें अवैध गतिविधियों का पर्दाफाश हुआ है.

डॉ. सिंह ने बताया कि हर मंगलवार को एसटीएफ की बैठक होती है, जिसमें सभी 16-17 हितधारक हिस्सा लेते हैं. इस बैठक में हर जिले में की गई कार्रवाइयों की समीक्षा की जाती है. हाल ही में एक बैठक में सभी जिलों के उप सिविल सर्जन, पीएनडीटी के जिला नोडल अधिकारी और औषधि नियंत्रण अधिकारियों को बुलाया गया था.

उन्होंने बताया कि अवैध एमटीपी किट की ऑनलाइन बिक्री पर भी नकेल कसी गई है. पिछले एक महीने में 23 वेबसाइट्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं, जो बिहार और अन्य राज्यों से किट सप्लाई कर रही थीं.

उनके मुताबिक, हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए भी प्रयास तेज किए गए हैं. 2019 में लिंग अनुपात 916 था, जो 2024 में 910 पर आ गया. अप्रैल 2025 तक भी यह 910 रहा.

डॉ. सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नवरात्रि के पहले दिन स्पष्ट निर्देश दिए थे कि कन्याओं की पूजा के साथ-साथ उनकी रक्षा भी जरूरी है. उनका लक्ष्य राज्य का लिंग अनुपात 950 से ऊपर लाना है.

एसटीएफ ने जिला स्तर पर पांच से छह सदस्यों की टीमें बनाई हैं, जो सूचना मिलते ही तुरंत छापेमारी करती हैं. इसके अलावा, खुफिया नेटवर्क को मजबूत करने और तकनीक, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), का उपयोग कर डेटा संग्रह और विश्लेषण किया जा रहा है. यह पता लगाने के लिए गहन मंथन हो रहा है कि किन केंद्रों पर अवैध लिंग जांच हो रही है.

डॉ. सिंह ने कहा कि भ्रूण हत्या में शामिल लोगों के साथ-साथ इसे करवाने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा रही है. सरकार का मकसद न केवल अपराधियों को सजा देना है, बल्कि जागरूकता फैलाकर समाज में बदलाव लाना भी है.

एसएचके/केआर

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