New Delhi, 13 अक्टूबर . केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान Monday को कुछ समय के लिए एक ‘छात्र’ बन गए. ऐसा तब हुआ, जब Monday को उन्होंने दिल्ली छावनी स्थित केंद्रीय विद्यालय संख्या-2 का दौरा किया. यह दौरा स्कूल में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान हुआ, जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बच्चों के साथ बैठकर शिक्षा की बारीकियों को नजदीक से अनुभव किया.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने Monday को ‘विकसित India बिल्डाथॉन 2025’ का शुभारंभ भी किया. इस बिल्डाथॉन में देश भर के 25 लाख से अधिक छात्र शामिल हैं.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कक्षा 1 के छात्रों के साथ बेंच पर बैठ गए और उनके साथ मिलकर कक्षा में पढ़ाया जा रहा अंकों का पाठ देखा-समझा. उन्होंने बच्चों से संवाद किया, उनकी जिज्ञासाओं को सुना और शिक्षकों से विद्यालय में शिक्षण पद्धति के बारे में जानकारी ली.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यहां बच्चों की सादगी, सीखने की उत्सुकता और खेल-खेल में शिक्षा प्राप्त करने की विधि को जाना. उन्होंने शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि केंद्रीय विद्यालय देशभर में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रतीक हैं और नई पीढ़ी को संस्कारों के साथ आधुनिक ज्ञान प्रदान कर रहे हैं. इस अवसर पर प्रधान ने ‘नवाचार आधारित शिक्षण’ और ‘आनंदमय शिक्षा’ को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘विकसित India बिल्डाथॉन 2025’ देश का सबसे बड़ा स्कूल इनोवेशन हैकथॉन है, जो छात्रों में नवाचार, रचनात्मकता और आत्मनिर्भर सोच को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है. इसमें करीब 3 लाख स्कूल के 25 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए हैं. यह पहल अटल इनोवेशन मिशन और नीति आयोग के सहयोग से शुरू की गई है. इसका मकसद कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को एक ऐसा मंच देना है, जहां वे देश के विकास से जुड़ी चुनौतियों का समाधान अपने नवीन विचारों और तकनीकी कौशल के माध्यम से प्रस्तुत कर सकें.
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह भव्य आयोजन विद्यार्थियों की आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल, स्वदेशी और समृद्ध India जैसे अभियानों से जोड़ते हुए राष्ट्र निर्माण में भूमिका को सशक्त करेगा. इस पहल के माध्यम से छात्रों को देश के सामाजिक और तकनीकी चुनौतियों के लिए स्थानीय और व्यवहारिक समाधान प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा. इससे न केवल नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि India के विकसित राष्ट्र बनने के विजन, ‘विकसित India 2047’ को भी गति मिलेगी.
वर्तमान में 1,288 केंद्रीय विद्यालय हैं, जिनमें से 3 विद्यालय विदेशों में मॉस्को, काठमांडू और तेहरान में स्थित हैं. अब देश के इन केंद्रीय विद्यालयों की संख्या में इजाफा होने जा रहा है. इसी माह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देशभर में सिविल सेक्टर के तहत 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने को मंजूरी दी है. इस परियोजना पर 5,862 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होंगे. Prime Minister Narendra Modi की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने यह स्वीकृति दी है. इन विद्यालयों को मुख्य रूप से केंद्रीय Governmentी कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वीकृत किया गया है.
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जीसीबी/एसके
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