रांची, 20 अक्टूबर . दीपावली का पर्व राजधानी रांची में पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. शहर के बाजार गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों, सजावटी सामान, दीयों, करौंदों और फूलों की मालाओं से सज गए हैं.
सुबह से ही लोग खरीदारी के लिए बाजारों में उमड़ रहे हैं. विक्रेताओं का कहना है कि इस साल पिछले साल की तुलना में बाजार में ज्यादा रौनक है, हालांकि कुछ सामान के दामों में बढ़ोतरी भी देखी जा रही है.
मूर्तिकारों के अनुसार, इस साल बारिश के कारण मूर्तियों के निर्माण में दिक्कत हुई, जिससे गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों के दाम में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. फूलों के बाजार में भी तेजी है.
बंगाल से आए फूल विक्रेता परिमल Government ने बताया कि अत्यधिक बारिश के कारण फूलों की फसल खराब हुई, जिससे गेंदे की माला, जो पिछले साल 500-600 रुपये में मिलती थी, इस बार 1000-1200 रुपये में बिक रही है. फिर भी, ग्राहकों का उत्साह कम नहीं हुआ.
Jharkhand चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुकेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि GST दरों में कटौती से ग्राहकों को राहत मिली है, जिससे उनकी जेब पर कम बोझ पड़ रहा है. इस बार लोग स्वदेशी सामान की ओर भी अधिक आकर्षित हैं. वे इको-फ्रेंडली दीए और सजावटी सामान खरीद रहे हैं, जो पर्यावरण के साथ-साथ स्थानीय कारीगरों को भी बढ़ावा देता है.
यह जागरूकता न केवल दीपावली, बल्कि दुर्गा पूजा जैसे अन्य त्योहारों में भी दिखी थी. स्थानीय ग्राहक अजय कुमार शाह ने बताया कि GST में राहत और स्वदेशी के प्रति जागरूकता से बाजार में खरीदारी बढ़ी है. हालांकि, महंगाई का असर भी दिख रहा है.
एक महिला ग्राहक ने कहा, “दीपावली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है. चाहे सामान सस्ता हो या महंगा, हम इसे पूरे उत्साह से मनाते हैं. दीए, फूल और सजावट के बिना दीपावली अधूरी है. इस बार परिवार और रिश्तेदारों के साथ मिलकर त्योहार की तैयारियां और भी खास हैं.”
बाजारों में स्वदेशी सामान की मांग बढ़ने से स्थानीय विक्रेता उत्साहित हैं. ग्राहक चीनी सामान से परहेज कर इको-फ्रेंडली और स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं. यह बदलाव न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देता है. रांची के बाजारों में दीपावली की यह रौनक त्योहार की खुशी को और बढ़ा रही है.
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एसएचके/एएस
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