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रांची का डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम अब शहीद वीर बुधु भगत, हेमंत कैबिनेट का फैसला

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रांची, 8 मई . झारखंड सरकार ने रांची स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर वीर शहीद बुधु भगत विश्वविद्यालय करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित झारखंड राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2017 में संशोधन प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है.

राज्य की कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने कुल 34 फैसलों पर मुहर लगाई है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार ने 1949 से संचालित शहर के सबसे पुराने महाविद्यालय रांची कॉलेज को अपग्रेड करते हुए इसे विश्वविद्यालय के तौर पर मान्यता दी थी और इसका नामकरण भारतीय जनसंघ के संस्थापक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर किया था.

झारखंड के कई आदिवासी संगठन इसका नाम बदलने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे. झारखंड विधानसभा के हालिया बजट सत्र के दौरान सदन में भी एक विधायक ने यह मांग उठाई थी, जिस पर सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि विश्वविद्यालय का नामकरण वीर शहीद बुधु भगत पर किया जाएगा.

रांची के सिलागांई गांव के रहने वाले बुधु भगत अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ झारखंड में हुए कोल विद्रोह के प्रमुख योद्धाओं में एक थे. वह विद्रोह के दौरान अंग्रेजी सेना के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो गए थे. कैबिनेट की बैठक में राज्य के 3 लाख से अधिक कर्मचारियों-पेंशनर्स को देय महंगाई भत्ते में वृद्धि के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई. इन कर्मचारियों-पेंशनर्स को अब 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा. यह वृद्धि एक जनवरी, 2025 की तारीख से मान्य होगी.

राज्य में उग्रवादियों और नक्सलियों की तरह कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए इनाम राशि घोषित करने की पॉलिसी में संशोधन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है. अब अपराधियों पर 2 लाख से लेकर 30 लाख तक के इनाम घोषित किए जा सकेंगे.

कैबिनेट सचिव ने बताया कि राज्य स्थित शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज, धनबाद, एमजीएम मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज, हजारीबाग, फुलो-झानो मेडिकल कॉलेज, दुमका तथा मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज, पलामू में सुपर स्पेशियलिटी विभागों में शैक्षणिक संवर्ग के कुल 168 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. राज्य में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान के तहत आदिम जनजाति बहुल क्षेत्रों में 275 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना, संचालन एवं इनके भवन निर्माण के प्रस्ताव को भी कैबिनेट में स्वीकृति दी गईं.

एसएनसी/एबीएम

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