रांची, 30 अप्रैल . देश में जातिगत जनगणना कराने के केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय को झारखंड प्रदेश भाजपा के नेताओं ने ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम बताया है. नेताओं ने कहा है कि दूसरे सिर्फ बोलते हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करके दिखाने में यकीन रखते हैं.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि जातिगत जनगणना कराने का यह फैसला देश के हर वर्ग को उसकी वास्तविक सामाजिक और आर्थिक स्थिति के आधार पर योजनाओं का लाभ दिलाने की दिशा में विशेष सहयोग करेगा. इससे सामाजिक न्याय को मजबूती मिलेगी.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “इस निर्णय से सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना और अधिक सशक्त होगी. यह कदम केवल आंकड़ों का संग्रह नहीं, बल्कि उन करोड़ों लोगों की पहचान और भागीदारी सुनिश्चित करने की ओर बढ़ा हुआ एक सशक्त प्रयास है, जिन्हें वर्षों से अनदेखा किया गया था. मोदी सरकार को इस साहसिक और जनहितैषी फैसले के लिए हार्दिक धन्यवाद.”
केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री और रांची के भाजपा सांसद संजय सेठ ने केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना से समाज के वंचित, पिछड़े तबके को कई लाभ मिल सकेगा. इससे देश के वंचितों का विकास हो सकेगा.
झारखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि मोदी जी ने कर दिखाया, जबकि बाकी सिर्फ बोलते रहे! यह देश की राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण है. प्रधानमंत्री मोदी ने जातीय जनगणना के फैसले से दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों को नई उम्मीद दी है. यह सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि दशकों की उपेक्षा और अनदेखी का अंत है. जो राजनीतिक दल वर्षों तक सत्ता में रहकर भी इस विषय पर मौन साधे रहे, उनके लिए यह एक करारा संदेश है. उन्होंने सिर्फ घोषणाओं और भाषणों में जातीय जनगणना की बात की, लेकिन जब मौका आया तो पीछे हट गए. मोदी जी ने यह दिखा दिया कि सच्ची जमीनी राजनीति क्या होती है. जातीय आंकड़े लोकतंत्र को मजबूत करेंगे, नीति निर्माण को न्यायसंगत बनाएंगे और समावेशी विकास की राह को प्रशस्त करेंगे.
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एसएनसी/एबीएम
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