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पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत की सीमा ही नहीं, बल्कि देश का अग्रिम चेहरा : पीएम मोदी

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New Delhi, 9 नवंबर . Prime Minister Narendra Modi ने Sunday को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र India की सीमा ही नहीं, बल्कि अब यह देश का अग्रिम चेहरा है.

social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर Union Minister ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया के आर्टिकल पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने लिखा, “इस आर्टिकल में Union Minister जेएम सिंधिया ने उत्तर पूर्व की अपनी यात्रा का अनुभव शेयर किया और वहां की सुंदरता और लोगों की अटूट भावना के बारे में बताया है.”

पीएम मोदी ने आगे लिखा, “Union Minister ने उत्तर पूर्व को ‘अष्टलक्ष्मी’ बताते हुए कहा कि कैसे यह दक्षिणपूर्व एशिया के लिए India का प्राकृतिक गेटवे बन रहा है. पूर्वोत्तर क्षेत्र India की सीमा ही नहीं, बल्कि देश का अग्रिम चेहरा है.”

आर्टिकल में सिंधिया ने कहा, “पूर्वोत्तर की मनमोहक सुंदरता की बराबरी केवल यहां के लोगों की गर्मजोशी, सादगी और अदम्य साहस से ही हो सकती है, जिन्होंने मुझ पर अमिट छाप छोड़ी है. मैं इस यात्रा से इस क्षेत्र की प्रगति और समृद्धि के लिए और भी अधिक परिश्रम और लगन से काम करने के नए संकल्प के साथ घर लौट रहा हूं.”

Union Minister ने आगे लिखा, “Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में, India Government पूर्वोत्तर को संपर्क, संस्कृति और वाणिज्य के एक जीवंत केंद्र में बदल रही है. अगर उनकी दूरदर्शी सोच और चुनौतियों को अवसरों में बदलने की क्षमता न होती, तो आशा और संभावनाओं का यह पुनरुत्थान शायद अभी भी एक दूर का सपना ही बना रहता.”

उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे यह क्षेत्र ‘लैंडलॉक’ से ‘लैंडलिंक्ड’ होता जा रहा है, परिवर्तन की रफ्तार को महसूस किया जा सकता है, जहां विकास समावेशिता और गरिमा के साथ-साथ चल रहा है.

Union Minister ने अपर शिलांग स्थित मशरूम विकास केंद्र के अपने दौरे का जिक्र किया, जिसे ग्रामीण आजीविका में बदलाव लाने के लिए बनाया गया है.

उत्तर पूर्वी परिषद के तहत 1982 में स्थापित, इस केंद्र में अब नव स्थापित शिटाके मशरूम उत्पादन एवं प्रशिक्षण केंद्र है, जो हर साल लगभग 1.5 लाख लकड़ी के बुरादा के ब्लॉक का उत्पादन करता है, जिनमें से प्रत्येक से एक किलोग्राम शिटाके मशरूम प्राप्त होता है जिसकी बाजार में कीमत 1,000 रुपए तक होती है.

सिंधिया ने कहा, “आंकड़ों से परे, जो बात मेरे दिमाग में रही, वह थी उन किसानों के चेहरे और कहानियां जिनसे मैं मिला, उनकी आंखें गर्व से चमक रही थीं, जब उन्होंने बताया कि कैसे यह पहल सम्मानजनक आजीविका बनाने, हरित उद्यमिता को पोषित करने और Prime Minister द्वारा परिकल्पित एक सच्चे आत्मनिर्भर पूर्वोत्तर को विकसित करने के उद्देश्य से प्रेरित है.”

एबीएस/

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