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लक्ष्य सेन : भारतीय बैडमिंटन की युवा सनसनी, जिसने जगाई है ओलंपिक मेडल की आस

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New Delhi, 15 अगस्त . प्रकाश पादुकोण, पुलेला गोपीचंद, सायना नेहवाल और पीवी सिंधु ये वो नाम हैं जिन्होंने बैडमिंटन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है. इस कड़ी में अगला बड़ा नाम लक्ष्य सेन का है. 24 साल के सेन को भारतीय पुरुष बैडमिंटन का भविष्य माना जा रहा है.

लक्ष्य सेन लंबे समय से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे हैं. 2024 पेरिस ओलंपिक में पुरुष एकल सेमीफाइनल में पहुंच उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता का लोहा मनवाया. ओलंपिक में बैडमिंटन एकल में सेमीफाइनल तक पहुंचने वाले वह पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी थे. ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए मैच में वह बेहद कम अंतर से हारे थे. इसके बावजूद लक्ष्य ने भारतीयों को यह भरोसा जरूर दिलाया कि आने वाले समय में वह इस प्रतिस्पर्धा में अब तक भारत की खाली रही झोली को पदक से भर सकते हैं.

लक्ष्य सेन का जन्म 16 अगस्त 2001 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में हुआ था. उनके दादा और पिता बैडमिंटन खिलाड़ी रहे. बड़े भाई चिराग सेन भी बैडमिंटन खेलते हैं. ऐसे में लक्ष्य के जीवन में बैडमिंटन काफी कम उम्र में शामिल हो गया. बैडमिंटन में करियर बनाने के उद्देश्य से वह बेंगलुरु शिफ्ट हो गए.

सेन लगभग 10 साल की उम्र में कोच विमल कुमार की एकेडमी में शामिल हुए. वह प्रकाश पादुकोण की एकेडमी में भी ट्रेनिंग कर चुके हैं और उन्हें अपना मेंटर मानते हैं.

लक्ष्य सेन जूनियर बैडमिंटन में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी रह चुके हैं. जूनियर स्तर पर उनका प्रदर्शन आकर्षक रहा है.

लक्ष्य सेन का अब तक का करियर उपलब्धियों से भरा रहा है. बर्मिंघम में 2022 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में पुरुष एकल वर्ग में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था. पूर्व में 2021 में विश्व चैंपियनशिप में पुरुष एकल में ब्रांज मेडल उनके नाम था. 2022 में आयोजित थॉमस कप में उन्होंने गोल्ड जीता था.

भारत सरकार ने 2022 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था.

लक्ष्य अभी 24 साल के हैं. कोच विमल कुमार की अकादमी में कड़ी मेहनत करते हैं. पेरिस ओलंपिक में लक्ष्य के मेडल से चूकने के बाद उनके कोच विमल ने कहा था कि ओलंपिक मेडल जीतने की क्षमता उनमें है. अगला ओलंपिक 2028 में लॉस एंजिल्स में होना है. उम्मीद है लक्ष्य लॉस एंजिल्स में पेरिस की कमियों को दूर कर बैडमिंटन में पुरुष एकल में पहला पदक दिलाएंगे.

पीएके/एएस

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