New Delhi, 9 अगस्त . ब्रिटेन के एक प्रमुख समाचार पत्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ लगाना “अनुचित और अव्यवहारिक” है, खासकर तब जब यूरोप डॉलर के हिसाब से रूसी ऊर्जा उत्पाद का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक और रूसी राजस्व में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना हुआ है.
ब्रिटेन के टेलीग्राफ अखबार की एक रिपोर्ट में कहा गया है, “भारतीयों को सिर्फ़ ट्रंप के पाखंड से ही परेशानी नहीं है – बल्कि बिना किसी क़ानून के सज़ा दिए जाने की नाइंसाफ़ी भी है. रूसी तेल निर्यात पर यूरोपीय संघ या अमेरिका द्वारा प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, लेकिन उन पर एक मूल्य सीमा लागू है जो विश्व तेल आपूर्ति को स्थिर रखते हुए क्रेमलिन के मुनाफ़े को सीमित रखने के लिए बनाई गई है.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने रूसी तेल को सीमित कीमतों पर खरीदकर, उसे परिष्कृत करके और उसका एक बड़ा हिस्सा यूरोपीय बाज़ार में निर्यात करके नियमों का पालन किया है. हालांकि, समस्या यह है कि अगर भारत रूसी कच्चा तेल खरीदना बंद कर देता है, तो दुनिया भर में तेल की कीमतों में तेज़ी से खलबली मच जाएगी. वर्तमान में, सऊदी अरब के बाद मास्को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक है, जो अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में प्रतिदिन 45 लाख बैरल कच्चा तेल भेजता है.
रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2022 में, रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के तुरंत बाद, रूसी तेल को बाज़ार से बाहर किए जाने की चिंताओं के कारण ब्रेंट क्रूड की कीमतें बढ़कर 137 डॉलर प्रति बैरल हो गईं, जो 2025 की अनुमानित कीमतों से लगभग दोगुनी है. विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि इसी तरह की खलबली से कीमतें 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएंगी.
प्रमुख ब्रिटिश लेखक और इतिहासकार ओवेन मैथ्यूज द्वारा लिखित ‘भारत के साथ ट्रंप का लापरवाह व्यापार युद्ध यूरोप की कमजोर अर्थव्यवस्थाओं को ध्वस्त कर सकता है’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है, “अठारहवें (और नवीनतम) यूरोपीय प्रतिबंध पैकेज में कथित तौर पर रूसी कच्चे तेल से बने परिष्कृत तेल उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है. लेकिन तकनीकी रूप से सत्यापित करना असंभव होने के साथ-साथ, कनाडा, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, यूके और अमेरिका के लिए अपवाद बनाए गए हैं, जिससे कथित ‘प्रतिबंध’ निष्प्रभावी हो गया है. और हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि रूसी गैस पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है या उसकी कीमत पर कोई सीमा नहीं लगाई गई है.”
इसमें ट्रम्प प्रशासन के शीर्ष रूसी वार्ताकार और अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ का भी ज़िक्र है, जो हाल ही में वार्ता के लिए मास्को आए थे. अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन में युद्धविराम का अल्टीमेटम दिया था.
रिपोर्ट में कहा गया है, “ट्रम्प के रियल एस्टेट डेवलपर और गोल्फ़ के दोस्त विटकॉफ रूस के बारे में कोई विशेषज्ञता नहीं रखते. लेकिन वह व्हाइट हाउस में अपने बॉस द्वारा दी गई धमकी ज़रूर दुहराएंगे – रूसी तेल आयात करने के लिए भारत को दंडित करने हेतु उस पर व्यापार शुल्क लगाना.”
–
जीकेटी/
The post भारत पर अमेरिकी टैरिफ ‘अनुचित और अव्यवहारिक’, रूसी ऊर्जा उत्पाद आयात में यूरोप सबसे आगे : रिपोर्ट appeared first on indias news.
You may also like
हत्यारोपी पति पहुंचा जेल, भारी वस्तु से प्रहार कर की थी पत्नी की हत्या
स्वतन्त्रता संग्राम के शहीदों के जीवन से युवा प्रेरणा लें: न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह
Aaj ka Makar Rashifal 10 August 2025 : आज का मकर राशिफल प्यार, करियर और धन में मिलेगी बड़ी सफलता
हाथी ने लच्छीवाला टोल प्लाजा पर मचाया हंगामा, कार का शीशा तोड़ा!
मुंबई : महिला पुलिसकर्मियों के साथ रक्षा बंधन मनाने पहुंचे गृह राज्य मंत्री योगेश कदम