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भीषण गर्मी के चलते स्कूलों के समय में बदलाव: अब कक्षाएं चलेंगी सिर्फ इतनी देर, आउटडोर एक्टिविटी पर रोक

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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में भीषण गर्मी को देखते हुए जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कक्षा आठ तक के सभी स्कूलों के समय में बदलाव का आदेश जारी किया है। अब स्कूलों का संचालन सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक ही किया जाएगा।

🕖 स्कूल का नया समय तय

शनिवार से प्रभावी इस निर्णय के तहत, जिले के सभी बोर्डों के स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक ही कक्षाएं संचालित करें। बीएसए दीप्ति गुप्ता ने सभी प्रधानाचार्यों को पत्र जारी कर इस आदेश की सूचना दी है।

परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक दोपहर 1 बजे तक स्कूल परिसर में रहेंगे और विभागीय कार्य संपादित करेंगे।

🌞 गर्मी का असर: बच्चों की सेहत पर संकट

मौजूदा समय में तापमान लगभग 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। लगातार गर्म हवाएं और धूप बच्चों के लिए खतरा बनती जा रही हैं, जिससे उन्हें डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक की समस्या हो सकती है।

इसी को देखते हुए जिलाधिकारी के आदेश पर यह निर्णय लिया गया है कि बच्चों को गर्मियों के प्रकोप से सुरक्षित रखा जाए

🧾 स्कूलों के लिए अनिवार्य दिशा-निर्देश

छात्रों की सुरक्षा के लिए सभी स्कूलों को नीचे दिए गए नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है:

  • कक्षाओं और स्कूल परिसर में डिजिटल थर्मामीटर या हीट मॉनिटर लगाए जाएं।
  • ठंडा पानी और ORS घोल की पर्याप्त व्यवस्था हो।
  • कक्षाओं में हवा, छाया और वेंटिलेशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  • किसी भी प्रकार की आउटडोर गतिविधि, खेल या सभा पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।
📢 सख्त निगरानी और पालन

बीएसए और जिला शिक्षा विभाग द्वारा इन निर्देशों के अनुपालन की नियमित जांच की जाएगी। किसी भी तरह की लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी।

वहीं अभिभावकों को भी इन बदलावों की जानकारी स्कूलों और अन्य माध्यमों से दी जा रही है।

👩👦 बच्चों और अभिभावकों को राहत

यह कदम छात्रों की सेहत की सुरक्षा के लिए एक सराहनीय पहल है। इससे बच्चों को न केवल गर्मी से राहत मिलेगी, बल्कि उनकी उपस्थिति और स्वास्थ्य दोनों में सुधार होगा।

जलवायु परिवर्तन की स्थिति को देखते हुए, अन्य जिले भी इस मॉडल को अपना सकते हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था और अधिक सुरक्षित और संवेदनशील बन सके।

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