अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान ने वैश्विक सोना बाजार में हलचल मचा दी है। टैरिफ को लेकर अनिश्चित माहौल के बीच उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका में सोने के आयात पर कोई नया शुल्क लागू नहीं किया जाएगा। इस घोषणा के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली। साथ ही, अमेरिकी डॉलर में लगातार कमजोरी और अपेक्षा से कम आए मुद्रास्फीति के आंकड़ों ने बाजार में यह उम्मीद जगा दी है कि सितंबर में फेडरल रिज़र्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव, घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव
हाल के दिनों में भू-राजनीतिक तनाव में कमी ने भी सोना और चांदी के दामों पर असर डाला है। हालांकि उतार-चढ़ाव बरकरार है। यूक्रेन-रूस युद्ध के समाप्ति की संभावनाओं के बीच बुधवार, 13 अगस्त 2025 को वैश्विक सोना दरों में कमी आई। वहीं, चांदी की कीमत लगभग तीन हफ्तों से एक लाख रुपये प्रति किलो के ऊपर बनी हुई है।
आपके शहर का मौजूदा भाव
एमसीएक्स पर सुबह के कारोबार में सोना 1,00,236 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था, जबकि चांदी 1,14,265 रुपये प्रति किलो के स्तर पर थी। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट सोना 1,00,350 रुपये और 22 कैरेट सोना 91,988 रुपये प्रति 10 ग्राम पर उपलब्ध था। चांदी (999 फाइन) का भाव 1,14,690 रुपये प्रति किलो दर्ज हुआ।
मुंबई: बुलियन रेट – ₹1,00,170 /10 ग्राम, एमसीएक्स – ₹1,00,192 /10 ग्राम
दिल्ली: बुलियन – ₹1,00,000, एमसीएक्स – ₹1,00,192 /10 ग्राम
कोलकाता: बुलियन – ₹1,00,040, एमसीएक्स – ₹1,00,192 /10 ग्राम
बेंगलुरु: बुलियन – ₹1,00,250, एमसीएक्स – ₹1,00,192 /10 ग्राम
डॉलर-रुपया विनिमय दर का असर
चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतें अमेरिकी डॉलर में तय होती हैं, इसलिए डॉलर के मज़बूत होने या रुपये के कमजोर पड़ने पर भारत में सोने के दाम बढ़ जाते हैं। इसके विपरीत, रुपये की मजबूती कीमतों को नीचे ला सकती है।
आयात शुल्क और टैक्स का प्रभाव
भारत में सोने का बड़ा हिस्सा आयात के माध्यम से आता है। इस कारण सीमा शुल्क (Import Duty), वस्तु एवं सेवा कर (GST) और स्थानीय कर सीधे तौर पर इसकी अंतिम कीमत को प्रभावित करते हैं।
वैश्विक घटनाओं का असर
विश्वस्तरीय घटनाएं—चाहे वे युद्ध हों, आर्थिक मंदी या ब्याज दरों में बदलाव—सोने की कीमतों पर तुरंत असर डालती हैं। अनिश्चित समय में निवेशक शेयर बाजार जैसे जोखिमपूर्ण विकल्पों की बजाय सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं।
भारत में सोने का सांस्कृतिक महत्व
भारत में सोना केवल निवेश का साधन नहीं है, बल्कि परंपरा और धार्मिक मान्यताओं का भी हिस्सा है। शादियों, त्योहारों और विशेष अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है, जिससे इसकी मांग बढ़ जाती है और बाजार में भाव ऊंचे बने रहते हैं। लंबे समय से सोना महंगाई के दौर में एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश साबित हुआ है। जब महंगाई का दबाव बढ़ता है या शेयर बाजार में अस्थिरता रहती है, तब लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमत दोनों स्थिर रहती हैं।
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