दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह जिला में के मिशन अस्पताल में ऑपरेशन करने वाले फर्जी डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फर्जी डॉक्टर की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से हुई है। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है। अधिकारियों ने बताया कि फर्जी डॉक्टर विक्रमादित्य यादव को अरेस्ट कर लिया गया है। हालांकि अभी इस मामले की ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। विक्रमादित्य यादव ने फर्जी डॉक्टर बनकर दमोह के एक मिशन अस्पताल में नौकरी हासिल की थी। इसे दौरान उसने 7 मरीजों के हार्ट का ऑपरेशन किया था जिस कारण उनकी मौत हो गई थी। मामले का खुलासा होने के बाद से वह लापता था। बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन को पता था कि उसका स्टेट एमसीआई में कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है उसके बाद भी उसे नौकरी दी गई थी। 43 दिन किया था कामविक्रमादित्य यादव ने दमोह के अस्पताल में 43 दिन काम किया था। इस दौरान उसने खुद को बतौर कार्डियक स्पेशलिस्ट बताया था। उसने ब्रिटेन के फेमस कॉर्डियोलॉजिस्ट एनकेम जोन के रूप में अपनी पहचान बताई थी और उन्हीं डिग्रियों के आधार पर इस अस्पताल में नौकरी हासिल की थी। ऑपरेशन के बाद 7 मरीजों की मौत का खुलासा हेने के बाद हड़कंप मच गया था। इसके बाद डॉक्टर फरार हो गया था। होटल में रहता था फर्जी डॉक्टरजानकारी के अनुसार, फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट अस्पताल द्वारा दिए गए घर में नहीं रहता था वह एक निजी होटल के लग्जरी रूम में रहता था। उसे इस अस्पताल में मोटे पैकेज पर रखा गया था। अस्पताल ने उसकी नियुक्त किसी एजेंसी के माध्यम से की थी। 18 सालों से कर रहा था ऐसा काममीडिया रिपोट्स के अनुसार, विक्रमादित्य यादव पिछले 18 साल से इस तरह का काम कर रहा था। वह देश के अलग-अलग हिस्सों में नौकरी कर चुका है। लेकिन किसी को उसके करतूत की भनक नहीं लगी। अगस्त 2006 में विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का ऑपरेशन भी इसी फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने किया था।
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दमोह का फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार, ऑपरेशन से हुई थी 7 लोगों की मौत, खुद को बताया था ब्रिटेन का कार्डियक स्पेशलिस्ट
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