Pakistan Cyber Attack on India : भारत के लिए एक बड़ी साइबर सुरक्षा चिंता सामने आई है। पाकिस्तान से जुड़े हैकर ग्रुप 'ट्रांसपेरेंट ट्राइब' ने भारत के सरकारी और मिलिट्री कंप्यूटरों को निशाना बनाया है। पाक के हैकर एक नया स्पाईवेयर 'डेस्करैट' इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके चलते खुफिया और रक्षा विभाग हाई अलर्ट पर हैं। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रांसपेरेंट ट्राइब नाम का यह ग्रुप पाकिस्तान आधारित है। यह भारत की रक्षा और सरकारी संस्थाओं पर हमले बढ़ा रहा है। वे फर्जी ईमेल भेजकर जिप फाइलें भेजते हैं। जब कोई इन्हें खोलता है, तो डेस्करैट नाम का वायरस सिस्टम में घुस जाता है। यह वायरस हमलावरों को पूरा कंट्रोल देता है। वे फाइलें चुरा सकते हैं, कमांड चला सकते हैं और लंबे समय तक सिस्टम में छिपे रह सकते हैं।
खुफिया जानकारी चुराना चाहते हैं हैकरद 420 डॉट इन की रिपोर्ट बताती है कि यह साइबर हमला दिखाता है कि पाक सरकार समर्थित हैकर्स अब लिनक्स पर फोकस कर रहे हैं, जो पहले सुरक्षित माने जाते थे। 2013 से यह ग्रुप भारत की रक्षा, रिसर्च और राजनयिक क्षेत्रों को निशाना बना रहा है। इनका मकसद खुफिया जानकारी जुटाना है। वे भारत की सैन्य तैयारी और राजनयिक गतिविधियों की सीक्रेट डेटा चुराना चाहते हैं।
भारतीय एजेंसियां हाई अलर्ट परभारत की साइबर एजेंसियां जैसे एनटीआरओ और सीईआरटी-इन ने इस हमले को चिह्नित किया है। उन्होंने रक्षा या राष्ट्रीय सुरक्षा डेटा संभालने वाले सभी विभागों को चेतावनी दी है। लिनक्स सर्वर्स पर निगरानी बढ़ाने को कहा गया है। ईमेल अटैचमेंट जांचने और अनजान जिप फाइलें न खोल ने के लिए कहा गया है। लिनक्स सिस्टम की नियमित जांच करें। संदिग्ध क्रॉनजॉब्स या सिस्टमड सर्विसेस का पता लगाने के लिए एंडपॉइंट मॉनिटरिंग लगाएं। अपडेटेड एंटी-फिशिंग टूल्स और फायरवॉल इस्तेमाल करें। अधिकारियों के लिए फिशिंग ईमेल की ट्रेनिंग दें।
हाल के सालों का सबसे खतरनाक साइबर हमलाएक न्यूज रिपोर्ट बताती है कि अधिकारी डेस्करैट अभियान को हाल के सालों में भारत के सामने आए सबसे जटिल और लगातार चलने वाले साइबर जासूसी खतरे के रूप में बता रहे हैं। साथ ही चेतावनी दे रहे हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सतर्कता, प्रशिक्षण और तेज प्रतिक्रिया वाली साइबर सुरक्षा व्यवस्था बहुत जरूरी है।
खुफिया जानकारी चुराना चाहते हैं हैकरद 420 डॉट इन की रिपोर्ट बताती है कि यह साइबर हमला दिखाता है कि पाक सरकार समर्थित हैकर्स अब लिनक्स पर फोकस कर रहे हैं, जो पहले सुरक्षित माने जाते थे। 2013 से यह ग्रुप भारत की रक्षा, रिसर्च और राजनयिक क्षेत्रों को निशाना बना रहा है। इनका मकसद खुफिया जानकारी जुटाना है। वे भारत की सैन्य तैयारी और राजनयिक गतिविधियों की सीक्रेट डेटा चुराना चाहते हैं।
भारतीय एजेंसियां हाई अलर्ट परभारत की साइबर एजेंसियां जैसे एनटीआरओ और सीईआरटी-इन ने इस हमले को चिह्नित किया है। उन्होंने रक्षा या राष्ट्रीय सुरक्षा डेटा संभालने वाले सभी विभागों को चेतावनी दी है। लिनक्स सर्वर्स पर निगरानी बढ़ाने को कहा गया है। ईमेल अटैचमेंट जांचने और अनजान जिप फाइलें न खोल ने के लिए कहा गया है। लिनक्स सिस्टम की नियमित जांच करें। संदिग्ध क्रॉनजॉब्स या सिस्टमड सर्विसेस का पता लगाने के लिए एंडपॉइंट मॉनिटरिंग लगाएं। अपडेटेड एंटी-फिशिंग टूल्स और फायरवॉल इस्तेमाल करें। अधिकारियों के लिए फिशिंग ईमेल की ट्रेनिंग दें।
हाल के सालों का सबसे खतरनाक साइबर हमलाएक न्यूज रिपोर्ट बताती है कि अधिकारी डेस्करैट अभियान को हाल के सालों में भारत के सामने आए सबसे जटिल और लगातार चलने वाले साइबर जासूसी खतरे के रूप में बता रहे हैं। साथ ही चेतावनी दे रहे हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सतर्कता, प्रशिक्षण और तेज प्रतिक्रिया वाली साइबर सुरक्षा व्यवस्था बहुत जरूरी है।
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