नई दिल्ली: दिल्ली के लोग अब वॉट्सऐप के जरिए सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। दिल्ली सरकार 'गवर्नेंस थ्रू वॉट्सऐप' नाम की एक नई पहल शुरू करने जा रही है। इस पहल के तहत, जन्म और जाति प्रमाण पत्र बनवाने, प्रॉपर्टी टैक्स भरने, और कल्याणकारी योजनाओं के आवेदन की स्थिति जानने जैसे करीब 50 सरकारी काम सीधे वॉट्सऐप पर ही हो सकेंगे।
यह नई व्यवस्था ई-डिस्ट्रिक्ट और अन्य सरकारी पोर्टलों की सेवाओं को एक ही AI-पावर्ड चैटबॉट में लाएगी। इससे लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने या कई वेबसाइटों पर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे सीधे आवेदन कर सकेंगे, दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे, भुगतान कर सकेंगे और अपने आवेदन की रियल-टाइम जानकारी भी पा सकेंगे। दिल्ली सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने इस योजना को अंतिम रूप दे दिया है।
इस पहल से नागरिकों को रिमाइंडर, अपडेट और कन्फर्मेशन के लिए पुश नोटिफिकेशन भी मिलेंगे। साथ ही, एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और डेटा सुरक्षा कानूनों का सख्ती से पालन किया जाएगा। हर विभाग का अपना एक खास वॉट्सऐप बिजनेस नंबर होगा। इस नंबर से विभागों की खास जानकारी, सरकारी योजनाओं से जुड़े वीडियो और तस्वीरें साझा की जाएंगी। नागरिक सीधे मैसेज का जवाब दे सकेंगे, अपनी जानकारी भेज सकेंगे और इसी माध्यम से तस्वीरें भी अपलोड कर सकेंगे।
एक अधिकारी ने बताया, 'नागरिकों के साथ बातचीत की रियल-टाइम निगरानी और प्रबंधन के लिए एक व्यापक एडमिनिस्ट्रेटिव डैशबोर्ड बनाया जाएगा। इससे पता चलेगा कि कितने लोग सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं। यह विभागों को कस्टम रिपोर्ट बनाने में मदद करेगा, जिससे सरकार को सूचित निर्णय लेने में आसानी होगी।'
कैसे काम करेगा यह नया सिस्टम?
यह नई व्यवस्था ई-डिस्ट्रिक्ट और अन्य सरकारी पोर्टलों की सेवाओं को एक ही AI-पावर्ड चैटबॉट में लाएगी। इससे लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने या कई वेबसाइटों पर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे सीधे आवेदन कर सकेंगे, दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे, भुगतान कर सकेंगे और अपने आवेदन की रियल-टाइम जानकारी भी पा सकेंगे। दिल्ली सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने इस योजना को अंतिम रूप दे दिया है।
इस पहल से नागरिकों को रिमाइंडर, अपडेट और कन्फर्मेशन के लिए पुश नोटिफिकेशन भी मिलेंगे। साथ ही, एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और डेटा सुरक्षा कानूनों का सख्ती से पालन किया जाएगा। हर विभाग का अपना एक खास वॉट्सऐप बिजनेस नंबर होगा। इस नंबर से विभागों की खास जानकारी, सरकारी योजनाओं से जुड़े वीडियो और तस्वीरें साझा की जाएंगी। नागरिक सीधे मैसेज का जवाब दे सकेंगे, अपनी जानकारी भेज सकेंगे और इसी माध्यम से तस्वीरें भी अपलोड कर सकेंगे।
एक अधिकारी ने बताया, 'नागरिकों के साथ बातचीत की रियल-टाइम निगरानी और प्रबंधन के लिए एक व्यापक एडमिनिस्ट्रेटिव डैशबोर्ड बनाया जाएगा। इससे पता चलेगा कि कितने लोग सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं। यह विभागों को कस्टम रिपोर्ट बनाने में मदद करेगा, जिससे सरकार को सूचित निर्णय लेने में आसानी होगी।'
कैसे काम करेगा यह नया सिस्टम?
- सरकार इस सिस्टम को डिजाइन और लागू करने के लिए एक टेक सर्विस प्रोवाइडर को नियुक्त करेगी। यह प्रोवाइडर एक सहज और उपयोगकर्ता के अनुकूल अनुभव सुनिश्चित करने के लिए इंटरैक्टिव और स्टेप-बाय-स्टेप वर्कफ़्लो बनाएगा।
- सरकार जनरेटिव AI का भी उपयोग करेगी ताकि चैटबॉट और भी स्मार्ट बन सके। यह चैटबॉट नागरिकों के सवालों को समझ सकेगा और उन्हें सही सेवाओं तक पहुंचा सकेगा, भले ही वे खास कीवर्ड का इस्तेमाल न करें।
- शुरुआत में, यह द्विभाषी चैटबॉट हिंदी और अंग्रेजी में काम करेगा। बाद में इसे और भाषाओं में भी उपलब्ध कराने की योजना है। यह सरकारी डेटाबेस और ऑथेंटिकेशन सिस्टम से पूरी तरह जुड़ा होगा।
- इसमें UPI, वॉट्सऐप पेमेंट्स, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग जैसे सुरक्षित भुगतान के विकल्प भी होंगे। हर लेनदेन के लिए ऑटोमेटिक रसीदें और कन्फर्मेशन मिलेंगे। अधिकारी ने बताया कि इसमें मल्टी-लेयर ऑथेंटिकेशन और धोखाधड़ी से बचाव के उपाय भी होंगे।
- सुविधा बढ़ाने के लिए, यह सिस्टम ऑटोमेटिक डॉक्यूमेंट अपलोड और वेरिफिकेशन का समर्थन करेगा। इसके लिए ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (OCR) का इस्तेमाल होगा। OCR स्कैन किए गए दस्तावेजों को मशीन-रीडेबल और एडिटेबल डिजिटल टेक्स्ट में बदल सकता है।
- AI-आधारित स्कैनिंग से सत्यापन तेज होगा, फॉर्म पहले से भरे जा सकेंगे और आवेदनों को रियल-टाइम ट्रैक किया जा सकेगा। यह प्रोजेक्ट स्केलेबल क्लाउड या ऑन-प्रिमाइसेस इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करेगा। इसमें रोल-आधारित एक्सेस कंट्रोल, ऑडिट ट्रेल्स और पारदर्शिता व विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए अन्य सुरक्षा उपाय शामिल होंगे।
- इस प्रोजेक्ट में एक ऐसी व्यवस्था भी होगी जो यह सुनिश्चित करेगी कि सरकारी प्रचार संदेशों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर गलती से मार्केटिंग कंटेंट के रूप में चिह्नित न किया जाए। इसे संबोधित करने के लिए, चुनी गई एजेंसी ऐसे संदेशों को 'सेवा या उपयोगिता' श्रेणी के तहत वर्गीकृत करने में मदद करेगी।
- इस पहल में सभी भाग लेने वाले विभागों के लिए वेरिफाइड वॉट्सऐप बिजनेस अकाउंट शामिल होंगे। ये अकाउंट रजिस्टर्ड और नॉन-रजिस्टर्ड दोनों तरह के यूजर्स को नोटिफिकेशन और मैसेज भेज सकेंगे।
- नागरिकों की सहमति लेने के लिए मिस्ड कॉल, मैसेज, ईमेल और QR कोड का उपयोग करके एक ऑप्ट-इन अभियान चलाया जाएगा। नागरिकों को बिल, सर्टिफिकेट और यूजर मैनुअल जैसे दस्तावेज भी वॉट्सऐप पर सीधे मिलेंगे। साथ ही, देय तिथियों के रिमाइंडर और भुगतान की रसीदें भी मिलेंगी।
You may also like
पीएम मोदी के साथ हमेशा साएं की तरह` साथ रहती है ये महिला जानिये आखिर कौन है ये?
हार्दिक पांड्या बर्थ डे: 10 साल पहले की घटना ने बदल दी थी हार्दिक की जिंदगी
भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने ओवैसी पर साधा निशाना, कहा- हमास के अत्याचारों पर चुप्पी क्यों?
हिमाचल: सोलन में महिला से यौन उत्पीड़न का आरोपी गिरफ्तार
नहाने के पानी में मिला दें एक चुटकी` हल्दी ऐसा होगा चमत्कार सदियों तक रखोगे याद