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विदेश से पढ़ने वाले छात्रों के लिए 'गुड न्यूज'! डिग्री को मान्यता देने की प्रक्रिया हुई आसानी

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UGC Foreign Degree Rules: भारतीय शिक्षा प्रणाली के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में एक और अहम पहल के तहत यूजीसी के नये नियम लागू हो गए हैं। विदेशी यूनिवर्सिटी या कॉलेजों से पढ़ाई करने के बाद अपनी क्वालिफिकेशन में भारत में मान्यता व समकक्षता (equivalence) दिलवाने के प्रयासों को सरल बनाया गया है। वहीं उन छात्रों को इक्विलेंस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन नहीं करना पड़ेगा, जिन्होंने ऐसे किसी विदेशी संस्थान से पढ़ाई की है, जिसका भारत सरकार या यूजीसी के साथ एमओयू साइन हो चुका है। वहीं यूजीसी ने यह भी साफ कर दिया है कि किसी विदेशी कैंपस के फ्रेंचाइजिंग सिस्टम के तहत हासिल की गई क्वालिफिकेशन को मान्यता नहीं दी जा सकेगी। यूजीसी (विदेशी शैक्षणिक संस्थानों से प्राप्त योग्यताओं को मान्यता और समकक्षता प्रदान करना) रेगुलेशंस -2025 को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ है। इससे विदेश में स्कूली और हायर एजुकेशन शिक्षा पाने के बाद भारत में अपनी पढ़ाई जारी रखने या रोजगार हासिल करने में आसानी होगी। ‘फ्रेंचाइजिंग’ सिस्टम वाले कॉलेजों में एडमिशन से बचेंहालांकि ‘फ्रेंचाइजिंग’ सिस्टम को नहीं माना गया है, ऐसे में छात्रों को विदेश में दाखिला लेने से पहले यह ध्यान रखना होगा कि कहीं वे किसी विदेशी कैंपस के फ्रेंचाइजी मॉडल में तो एडमिशन नहीं ले रहे हैं। इन नियमों से उन भारतीय छात्रों को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है जो विदेश में अध्ययन करते हैं और भारत में अपनी शैक्षणिक या व्यावसायिक यात्रा जारी रखना चाहते हैं। छात्रों को अब ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। पारदर्शी बनाने के लिए लाया गया सिस्टम: यूजीसी अध्यक्षयूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार का कहना है कि कई छात्र इंटरनेशनल क्वॉलिफिकेशन के साथ भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली के साथ जुड़ने या रोजगार के लिए आते हैं। ऐसे छात्रों को बिना देरी और आसान प्रक्रिया के साथ विदेशी क्रेडेंशियल्स का मूल्यांकन करने के लिए एक तय प्रक्रिया की जरूरत होती है। यूजीसी ने स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों से हासिल विदेशी क्वालिफिकेशन को मान्यता देने के लिए एक पारदर्शी, टेक्नोलोजी पर आधारित मकैनिज्म तैयार किया है। उन्होंने बताया कि हालांकि मेडिसिन, फॉर्मेसी, नर्सिंग, लॉ, आर्किटेक्चर समेत कुछ प्रफेशनल कोर्सेज की डिग्रियों की मान्यता पर यूजीसी का यह नियम लागू नहीं होगा। इन कोर्सेज के लिए अलग- अलग कमिशन होते हैं, जो जांच करते हैं। यह नये नियम नई शिक्षा नीति 2020 के उस लक्ष्य के अनुरूप है, जिसमें भारत को शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाना है। अगर भारतीय यूनिवर्सिटीज में विदेशी छात्रों की संख्या में और ज्यादा इजाफा करना है तो यह सुनिश्चित करना होगा कि विदेशी डिग्रियों को निष्पक्ष और समय पर मान्यता मिले।
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