मुंबई: पवई स्थित आरए स्टूडियो में 17 बच्चों और दो वयस्कों समेत कुल 19 लोगों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य ने अपने बचाव के लिए खिड़कियों और दरवाजों पर लोगों की आवाजाही और गतिविधियों का पता लगाने वाले सेंसर लगा रखे थे। उसने अंदर लगे सीसीटीवी को भी एक ही दिशा में घुमा दिया था।   
   
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस को अंदर आने से रोकने के लिए उसने सभी दरवाजों और खिड़कियों पर मोशन डिटेक्शन सेंसर लगा रखे थे। उसने सभी सीसीटीवी कैमरों को भी एक ही दिशा में घुमा दिया था ताकि उनमें कुछ भी पता न चल सके। जब पुलिस की एक टीम बंधकों को मुक्त कराने के लिए बाथरूम के रास्ते घटनास्थल पर दाखिल हुई, तो सेंसर पर उसकी नजर पड़ी। रोहित करीब 12 बजे स्टूडियो आया और करीब एक घंटे तक वहां बच्चों को असली बंधक जैसा सीन करवाया।
     
इसके लिए उसने किसी बच्चे के मुंह पर पट्टी चिटका दिया तो किसी के कोने में डरकर बैठने को बोला। एक पास उसने ज्वलनशील पदार्थ का डब्बा रख किया तो एक के पास पटाखा रखकर उसे फोड़ने की बात कह रहा था। दो बच्चों पर उसने एयरगन तान कर उसको मुंह बंद रखने को कह रहा था। कुछ बच्चों को तो उसने बाकायदा खिड़की और दरवाजे से हाथ हिलाकर मदद मांगने का अभिनय करवा रहा था। एक बच्चे को सीढ़ी से भागने और एक को बाथरूम में छिपने को बोला था।
     
इस तरह से वह पूरा हॉल बंधक बनाए जाने वाले हालात को क्रिएट किया था, जिसे बाद में उसने अचानक हॉल में ताला लगाकर बच्चों को असली बंधक में तब्दील कर दिया। बंधक बने बच्चों द्वारा हॉल की खिड़कियों से मदद के लिए चिल्लाने और इशारे किए जाने पर पड़ोसी इमारतों के लोगों ने देखा तो उन्हें कुछ शक हुआ और उन्होंने 100 नंबर पर कॉल कर जानकारी दी, जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची थी।
  
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस को अंदर आने से रोकने के लिए उसने सभी दरवाजों और खिड़कियों पर मोशन डिटेक्शन सेंसर लगा रखे थे। उसने सभी सीसीटीवी कैमरों को भी एक ही दिशा में घुमा दिया था ताकि उनमें कुछ भी पता न चल सके। जब पुलिस की एक टीम बंधकों को मुक्त कराने के लिए बाथरूम के रास्ते घटनास्थल पर दाखिल हुई, तो सेंसर पर उसकी नजर पड़ी। रोहित करीब 12 बजे स्टूडियो आया और करीब एक घंटे तक वहां बच्चों को असली बंधक जैसा सीन करवाया।
इसके लिए उसने किसी बच्चे के मुंह पर पट्टी चिटका दिया तो किसी के कोने में डरकर बैठने को बोला। एक पास उसने ज्वलनशील पदार्थ का डब्बा रख किया तो एक के पास पटाखा रखकर उसे फोड़ने की बात कह रहा था। दो बच्चों पर उसने एयरगन तान कर उसको मुंह बंद रखने को कह रहा था। कुछ बच्चों को तो उसने बाकायदा खिड़की और दरवाजे से हाथ हिलाकर मदद मांगने का अभिनय करवा रहा था। एक बच्चे को सीढ़ी से भागने और एक को बाथरूम में छिपने को बोला था।
इस तरह से वह पूरा हॉल बंधक बनाए जाने वाले हालात को क्रिएट किया था, जिसे बाद में उसने अचानक हॉल में ताला लगाकर बच्चों को असली बंधक में तब्दील कर दिया। बंधक बने बच्चों द्वारा हॉल की खिड़कियों से मदद के लिए चिल्लाने और इशारे किए जाने पर पड़ोसी इमारतों के लोगों ने देखा तो उन्हें कुछ शक हुआ और उन्होंने 100 नंबर पर कॉल कर जानकारी दी, जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची थी।
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