नई दिल्ली: सीनियर ऑलराउंडर शॉन विलियम्स को अब जिम्बाब्वे की नेशनल क्रिकेट टीम के लिए नहीं चुना जाएगा। जिम्बाब्वे क्रिकेट ने यह कठोर फैसला इसलिए लिया क्योंकि विलियम्स ने आईसीसी मेंस टी20 वर्ल्ड कप अफ्रीका क्वालीफायर्स 2025 जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट से ठीक पहले अपना नाम वापस ले लिया था। जिम्बाब्वे क्रिकेट ने यह बताया कि 39 साल के विलियम्स ने रिहैब के लिए खुद की इच्छा से टूर्नामेंट से हटने का फैसला किया था। यह खुलासा तब हुआ जब उन्होंने एंटी डोपिंग टेस्टिंग की संभावित जांच के बीच खुद को अनुपलब्ध बताया और बाद में एक आंतरिक जांच के दौरान यह स्वीकार किया कि वह नशीली दवाओं की लत से जूझ रहे हैं।
जिम्बाब्वे क्रिकेट ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि 'वह उम्मीद करते है कि सभी अनुबंधित खिलाड़ी व्यावसायिकता, अनुशासन और टीम प्रोटोकॉल और डोपिंग रोधी नियमों के अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाए रखेंगे।' बोर्ड ने विलियम्स के पिछले रिकॉर्ड की समीक्षा की, जिससे अनुशासनात्मक मुद्दों और बार-बार अनुपलब्धता का रिकॉर्ड सामने आया है, जिसने टीम की तैयारियों और प्रदर्शन को बुरी तरह प्रभावित किया है। जिम्बाब्वे क्रिकेट ने एक ओर विलियम्स द्वारा मदद मांगने की सराहना की, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी परिस्थितियों में उनका टूर्नामेंट से हटना पेशेवर और नैतिक मानकों के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करता है।
इन सभी पहलुओं पर सावधानी से विचार करने के बाद, जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने फैसला किया है कि विलियम्स भविष्य में राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए विचार नहीं किए जाएंगे और 31 दिसंबर 2025 को उनके नेशनल कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति के बाद इसे जारी रखना संभव नहीं होगा। अनुभवी खिलाड़ी विलियम्स, जो टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य रहे हैं, उनका इस तरह नेशनल टीम से बाहर होना जिम्बाब्वे क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर एक अहम क्वालीफायर टूर्नामेंट से पहले।
यह फैसला खेल जगत में चर्चा का विषय बन गया है और यह खिलाड़ियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि, जिम्बाब्वे ने पिछले दो दशकों में उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने 'हमारे हाल के इतिहास के कुछ सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, मैदान पर और मैदान के बाहर एक स्थायी विरासत छोड़ी है।' बोर्ड ने विलियम्स की रिकवरी के लिए शुभकामनाएं भी व्यक्त की हैं।
जिम्बाब्वे क्रिकेट ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि 'वह उम्मीद करते है कि सभी अनुबंधित खिलाड़ी व्यावसायिकता, अनुशासन और टीम प्रोटोकॉल और डोपिंग रोधी नियमों के अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाए रखेंगे।' बोर्ड ने विलियम्स के पिछले रिकॉर्ड की समीक्षा की, जिससे अनुशासनात्मक मुद्दों और बार-बार अनुपलब्धता का रिकॉर्ड सामने आया है, जिसने टीम की तैयारियों और प्रदर्शन को बुरी तरह प्रभावित किया है। जिम्बाब्वे क्रिकेट ने एक ओर विलियम्स द्वारा मदद मांगने की सराहना की, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी परिस्थितियों में उनका टूर्नामेंट से हटना पेशेवर और नैतिक मानकों के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करता है।
इन सभी पहलुओं पर सावधानी से विचार करने के बाद, जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने फैसला किया है कि विलियम्स भविष्य में राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए विचार नहीं किए जाएंगे और 31 दिसंबर 2025 को उनके नेशनल कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति के बाद इसे जारी रखना संभव नहीं होगा। अनुभवी खिलाड़ी विलियम्स, जो टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य रहे हैं, उनका इस तरह नेशनल टीम से बाहर होना जिम्बाब्वे क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर एक अहम क्वालीफायर टूर्नामेंट से पहले।
यह फैसला खेल जगत में चर्चा का विषय बन गया है और यह खिलाड़ियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि, जिम्बाब्वे ने पिछले दो दशकों में उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने 'हमारे हाल के इतिहास के कुछ सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, मैदान पर और मैदान के बाहर एक स्थायी विरासत छोड़ी है।' बोर्ड ने विलियम्स की रिकवरी के लिए शुभकामनाएं भी व्यक्त की हैं।
You may also like

राजगढ़ःछत से गिरने पर बुजुर्ग की संदिग्ध मौत, परिजनों से पूछताछ जारी

अ.भा.कालिदास समारोह: चौथे दिन भी सम्पन्न हुए सारस्वत एवं सांस्कृतिक आयोजन

वन अधिकार दावों के निराकरण में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं : मंत्री डॉ. शाह

मप्रः लम्पी वायरस से बचाव एवं रोकथाम के लिए एडवाइजरी जारी

मप्रः मंडी शुल्क की चोरी करने वाले के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश




