एक बार फिर जंगली जानवर का इंसानों पर हमला करने का मामला सामने आया है। एक तेंदुआ दबे पांव से आकर एक बच्चे को गन्ने को खेतों में खींचकर ले जा रहा था। उसका इरादा बच्चे को अपना निवाला बनाने का था। लेकिन उसका सामना इस बच्चे के दादा से हो गया, जो अकेले ही इस खूंखार जानवर से भिड़ गया और अपने पोते को मौत के मुंह से खींच लाया।
मामला महाराष्ट्र के सांगली जिले की शिराला तहसील के गिरजावड़े गांव का है। मंगलवार शाम को बजरंग मलिक अपने 4 साल के पोते आरव के साथ पशुओं का चारा लेने के लिए जंगल की ओर गए थे। साथ में बाकी रिश्तेदार भी थे। उन्हें नहीं पता था कि एक तेंदुआ घात लगाए बैठा है। वो झाड़ियों में छिपा बैठा था। अचानक से वो बच्चे पर झपट पड़ा और उसे गन्ने के खेतों में खींचकर ले जाने लगा।
बजरंग ने दिखाई बजरंग बली सी ताकतहालांकि अपने पोते को अपनी आंखों के सामने मौत के मुंह में जाते देख उसके दादा बजरंग से रहा नहीं गया और वो तेंदुए से भिड़ गए। इस बुजुर्ग किसान का साथ देने के लिए जल्द ही बाकी लोग भी आ गए। आखिरकार तेंदुए को हार माननी पड़ी और वो बच्चे को छोड़कर भाग गया। हालांकि बच्चे की गर्दन और छाती पर काफी चोट आई हैं। शिराला वन विभाग के अनुसार यह मामला मुलिकवाड़ी एरिया का है।
पोते की चीख सुनते ही दौड़ पड़ाबजरंग ने जैसे ही पोते आरव की चीख सुनी, वो और उसका एक रिश्तेदार खेतों की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने तेंदुए का पीछा किया और बच्चे को बचा लिया। बच्चे का काफी खून बह गया था, उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। इस बारे में बजरंग से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि मुझमें कहां से ताकत आ गई। उस समय मेरे दिमाग में सिर्फ एक ही चीज थी कि अपने पोते को बचाना है।' हालांकि उन्होंने वन विभाग की भी आलोचना की।
तेंदुओं के हमलों से परेशान है गांववालेशिराला तहसील के गांवों में पिछले कुछ समय से तेंदुओं ने आतंक मचा रखा है। गिरजवाड़े के सरपंच सचिन देसाई ने बताया कि 20 सितंबर को एक तेंदुए ने टू-व्हीलर पर जा रहे एक परिवार पर हमला बोल दिया था। 25 सितंबर को तेंदुआ किसान के घर में घुस गया था और कुत्ते को उठाकर ले गया। लोगों का कहना है कि हर 15-20 दिन में तेंदुए किसी ने किसी पर हमला कर रहे हैं। रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर एकनाथ पराधी ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि चार साल के बच्चे को 17 टांके आए हैं। उसकी गर्दन और छाती में घाव थे। बच्चे के इलाज का सारा खर्च वन विभाग उठाएगा। वन विभाग ने स्थानीय लोगों से अपील भी की है कि बच्चों पर नजर बनाए रखें और उन्हें अकेला न छोड़ें। जंगल से गुजरें तो मोबाइल में तेज आवाज में गाने चलाएं और सामना होने पर पीठ न दिखाएं।
मामला महाराष्ट्र के सांगली जिले की शिराला तहसील के गिरजावड़े गांव का है। मंगलवार शाम को बजरंग मलिक अपने 4 साल के पोते आरव के साथ पशुओं का चारा लेने के लिए जंगल की ओर गए थे। साथ में बाकी रिश्तेदार भी थे। उन्हें नहीं पता था कि एक तेंदुआ घात लगाए बैठा है। वो झाड़ियों में छिपा बैठा था। अचानक से वो बच्चे पर झपट पड़ा और उसे गन्ने के खेतों में खींचकर ले जाने लगा।
बजरंग ने दिखाई बजरंग बली सी ताकतहालांकि अपने पोते को अपनी आंखों के सामने मौत के मुंह में जाते देख उसके दादा बजरंग से रहा नहीं गया और वो तेंदुए से भिड़ गए। इस बुजुर्ग किसान का साथ देने के लिए जल्द ही बाकी लोग भी आ गए। आखिरकार तेंदुए को हार माननी पड़ी और वो बच्चे को छोड़कर भाग गया। हालांकि बच्चे की गर्दन और छाती पर काफी चोट आई हैं। शिराला वन विभाग के अनुसार यह मामला मुलिकवाड़ी एरिया का है।
पोते की चीख सुनते ही दौड़ पड़ाबजरंग ने जैसे ही पोते आरव की चीख सुनी, वो और उसका एक रिश्तेदार खेतों की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने तेंदुए का पीछा किया और बच्चे को बचा लिया। बच्चे का काफी खून बह गया था, उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। इस बारे में बजरंग से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि मुझमें कहां से ताकत आ गई। उस समय मेरे दिमाग में सिर्फ एक ही चीज थी कि अपने पोते को बचाना है।' हालांकि उन्होंने वन विभाग की भी आलोचना की।
तेंदुओं के हमलों से परेशान है गांववालेशिराला तहसील के गांवों में पिछले कुछ समय से तेंदुओं ने आतंक मचा रखा है। गिरजवाड़े के सरपंच सचिन देसाई ने बताया कि 20 सितंबर को एक तेंदुए ने टू-व्हीलर पर जा रहे एक परिवार पर हमला बोल दिया था। 25 सितंबर को तेंदुआ किसान के घर में घुस गया था और कुत्ते को उठाकर ले गया। लोगों का कहना है कि हर 15-20 दिन में तेंदुए किसी ने किसी पर हमला कर रहे हैं। रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर एकनाथ पराधी ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि चार साल के बच्चे को 17 टांके आए हैं। उसकी गर्दन और छाती में घाव थे। बच्चे के इलाज का सारा खर्च वन विभाग उठाएगा। वन विभाग ने स्थानीय लोगों से अपील भी की है कि बच्चों पर नजर बनाए रखें और उन्हें अकेला न छोड़ें। जंगल से गुजरें तो मोबाइल में तेज आवाज में गाने चलाएं और सामना होने पर पीठ न दिखाएं।
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