नई दिल्ली: टाटा संस में एक बड़ा बदलाव हुआ है। टाटा ट्रस्ट्स के वाइस चेयरमैन विजय सिंह ने टाटा संस के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। वह 77 साल के हैं। उन्होंने यह इस्तीफा बोर्ड की मीटिंग से ठीक एक दिन पहले दिया है। यह मीटिंग आरबीआई के आईपीओ की समय सीमा को लेकर होने वाली थी। टाटा ट्रस्ट्स में दो प्रमुख ट्रस्ट सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट हैं। ये दोनों मिलकर टाटा संस में लगभग 52% हिस्सेदारी रखते हैं। टाटा संस देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है। टाटा ग्रुप का बिजनेस कई सेक्टर्स में फैला है।
पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह टाटा ट्रस्ट्स की तरफ से टाटा संस के बोर्ड में सदस्य थे। वह टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टी बने रहेंगे। उनका इस्तीफा चौंकाने वाला है। आमतौर पर, टाटा ट्रस्ट्स के सदस्यों के लिए रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं होती जबकि टाटा संस के दूसरे सदस्यों के लिए रिटायरमेंट की उम्र तय है। जैसे कि एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर 65 साल में, नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर 70 साल में और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर 75 साल में रिटायर हो जाते हैं।
उम्र की सीमालेकिन 17 अक्टूबर 2024 को टाटा ट्रस्ट्स ने एक नियम बनाया था। इसके अनुसार टाटा संस के बोर्ड में 75 साल की उम्र पार कर चुके सदस्यों की हर साल समीक्षा की जाएगी। गुरुवार को टाटा ट्रस्ट्स की बोर्ड मीटिंग में सदस्यों की उम्र पर विचार किया गया। ज्यादातर ट्रस्टियों ने इस समीक्षा का समर्थन किया। वे चाहते थे कि टाटा संस के बोर्ड में युवा लोगों को शामिल किया जाए। टाटा संस के बोर्ड में टाटा ट्रस्ट्स के दो और सदस्य हैं। इनके नाम नोएल टाटा (69 साल) और वेणु श्रीनिवासन (72 साल) हैं। जब विजय सिंह से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
विजय सिंह पहले भी टाटा संस के बोर्ड में रह चुके हैं। वे पहले 2013 में बोर्ड में शामिल हुए थे। लेकिन, 70 साल की उम्र होने पर 2018 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। उस समय, टाटा ट्रस्ट्स के सदस्यों के लिए रिटायरमेंट की उम्र 70 साल थी। वह 74 साल की उम्र में 2022 में फिर से बोर्ड में शामिल हुए। ऐसा इसलिए हो सका क्योंकि टाटा ट्रस्ट्स के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने सदस्यों के लिए रिटायरमेंट की कोई तय उम्र नहीं रखी थी।
रिटायरमेंट की उम्र
टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स रिटायरमेंट की उम्र का इस्तेमाल बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल बढ़ाने या खत्म करने के लिए करते रहे हैं। उदाहरण के लिए पहले नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स के लिए रिटायरमेंट की उम्र 70 साल थी। बाद में इसे बढ़ाकर 75 साल कर दिया गया। इससे रतन टाटा उस उम्र तक टाटा संस के चेयरमैन बने रहे। FY25 में विजय सिंह को टाटा संस से 3.2 करोड़ रुपये का कमीशन मिला था।
विजय सिंह के जाने के साथ ही टाटा संस के दो और सदस्यों का कार्यकाल भी खत्म हो गया है। इनमें जेएलआर के पूर्व सीईओ राल्फ स्पेथ और पिरामल एंटरप्राइजेज के अजय पिरामल हैं। इससे नए सदस्यों के लिए मौके खुल गए हैं। इन बदलावों के बाद टाटा संस के बोर्ड में अब छह सदस्य हैं। टाटा संस के नियमों के अनुसार, टाटा ट्रस्ट्स एक तिहाई सदस्यों को नामित कर सकता है। अभी नोएल और श्रीनिवासन के होने से यह जरूरत पूरी हो रही है।
देश का सबसे बड़ा आईपीओ
यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है, जब टाटा संस के बोर्ड की मीटिंग होने वाली है। आरबीआई ने टाटा संस और उसकी सहायक कंपनी टाटा कैपिटल के लिए IPO की समय सीमा तय कर दी है। यह समय सीमा इस महीने के अंत तक है। टाटा कैपिटल ने आरबीआई से अपने 1.9 अरब डॉलर के आईपीओ को लॉन्च करने के लिए थोड़ा और समय मांगा है। वहीं, टाटा संस ने आरबीआई से अपना कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी का रजिस्ट्रेशन सरेंडर करने के लिए कहा है, ताकि उसे आईपीओ न लाना पड़े। टाटा कैपिटल अक्टूबर में आईपीओ लॉन्च करने की योजना बना रही है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह टाटा ट्रस्ट्स की तरफ से टाटा संस के बोर्ड में सदस्य थे। वह टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टी बने रहेंगे। उनका इस्तीफा चौंकाने वाला है। आमतौर पर, टाटा ट्रस्ट्स के सदस्यों के लिए रिटायरमेंट की कोई उम्र नहीं होती जबकि टाटा संस के दूसरे सदस्यों के लिए रिटायरमेंट की उम्र तय है। जैसे कि एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर 65 साल में, नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर 70 साल में और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर 75 साल में रिटायर हो जाते हैं।
उम्र की सीमालेकिन 17 अक्टूबर 2024 को टाटा ट्रस्ट्स ने एक नियम बनाया था। इसके अनुसार टाटा संस के बोर्ड में 75 साल की उम्र पार कर चुके सदस्यों की हर साल समीक्षा की जाएगी। गुरुवार को टाटा ट्रस्ट्स की बोर्ड मीटिंग में सदस्यों की उम्र पर विचार किया गया। ज्यादातर ट्रस्टियों ने इस समीक्षा का समर्थन किया। वे चाहते थे कि टाटा संस के बोर्ड में युवा लोगों को शामिल किया जाए। टाटा संस के बोर्ड में टाटा ट्रस्ट्स के दो और सदस्य हैं। इनके नाम नोएल टाटा (69 साल) और वेणु श्रीनिवासन (72 साल) हैं। जब विजय सिंह से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
विजय सिंह पहले भी टाटा संस के बोर्ड में रह चुके हैं। वे पहले 2013 में बोर्ड में शामिल हुए थे। लेकिन, 70 साल की उम्र होने पर 2018 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। उस समय, टाटा ट्रस्ट्स के सदस्यों के लिए रिटायरमेंट की उम्र 70 साल थी। वह 74 साल की उम्र में 2022 में फिर से बोर्ड में शामिल हुए। ऐसा इसलिए हो सका क्योंकि टाटा ट्रस्ट्स के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने सदस्यों के लिए रिटायरमेंट की कोई तय उम्र नहीं रखी थी।
रिटायरमेंट की उम्र
टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स रिटायरमेंट की उम्र का इस्तेमाल बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल बढ़ाने या खत्म करने के लिए करते रहे हैं। उदाहरण के लिए पहले नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स के लिए रिटायरमेंट की उम्र 70 साल थी। बाद में इसे बढ़ाकर 75 साल कर दिया गया। इससे रतन टाटा उस उम्र तक टाटा संस के चेयरमैन बने रहे। FY25 में विजय सिंह को टाटा संस से 3.2 करोड़ रुपये का कमीशन मिला था।
विजय सिंह के जाने के साथ ही टाटा संस के दो और सदस्यों का कार्यकाल भी खत्म हो गया है। इनमें जेएलआर के पूर्व सीईओ राल्फ स्पेथ और पिरामल एंटरप्राइजेज के अजय पिरामल हैं। इससे नए सदस्यों के लिए मौके खुल गए हैं। इन बदलावों के बाद टाटा संस के बोर्ड में अब छह सदस्य हैं। टाटा संस के नियमों के अनुसार, टाटा ट्रस्ट्स एक तिहाई सदस्यों को नामित कर सकता है। अभी नोएल और श्रीनिवासन के होने से यह जरूरत पूरी हो रही है।
देश का सबसे बड़ा आईपीओ
यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है, जब टाटा संस के बोर्ड की मीटिंग होने वाली है। आरबीआई ने टाटा संस और उसकी सहायक कंपनी टाटा कैपिटल के लिए IPO की समय सीमा तय कर दी है। यह समय सीमा इस महीने के अंत तक है। टाटा कैपिटल ने आरबीआई से अपने 1.9 अरब डॉलर के आईपीओ को लॉन्च करने के लिए थोड़ा और समय मांगा है। वहीं, टाटा संस ने आरबीआई से अपना कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी का रजिस्ट्रेशन सरेंडर करने के लिए कहा है, ताकि उसे आईपीओ न लाना पड़े। टाटा कैपिटल अक्टूबर में आईपीओ लॉन्च करने की योजना बना रही है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
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