नई दिल्ली: अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन को टैक्स विवाद में बड़ी राहत मिली है। इनकम टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल ( आईटीएटी ) मुंबई ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है। ऐसा करते हुए उसने 4 करोड़ रुपये की टैक्स कटौती को खारिज कर दिया है। यह मामला असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए टैक्स-फ्री आय से जुड़े खर्चों के कैलकुलेशन को लेकर था। इस पर इनकम टैक्स विभाग ने आपत्ति जताई थी। ट्रिब्यूनल के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि टैक्स अधिकारियों को ऐसे मामलों में कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए।
यह पूरा विवाद इनकम-टैक्स एक्ट की धारा 14ए से जुड़ा था। इस धारा के तहत ऐसी आय पर खर्च की कटौती नहीं की जा सकती जो टैक्स के दायरे से बाहर हो। ऐश्वर्या राय बच्चन ने साल 2022-23 के लिए कुल 39.33 करोड़ रुपये की आय घोषित की थी। इसमें से 2.14 करोड़ रुपये ऐसी आय थी जिस पर टैक्स नहीं लगना था। उन्होंने खुद ही 49.08 लाख रुपये की कटौती का दावा किया था। यह कहते हुए कि टैक्स-फ्री आय कमाने के लिए उन्होंने कोई सीधा खर्च नहीं किया है।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
हालांकि, असेसिंग ऑफिसर (एओ) इस बात से सहमत नहीं हुए। उन्होंने रूल 8डी का इस्तेमाल करते हुए 4.60 करोड़ रुपये की कटौती कर दी। इससे उनकी कुल आय बढ़कर 43.44 करोड़ रुपये हो गई। टैक्स विभाग का कहना था कि एओ ने धारा 14ए और रूल 8डी का सही इस्तेमाल किया था और उन्होंने अपनी संतुष्टि दर्ज की थी।
वहीं, ऐश्वर्या राय बच्चन के वकील ने दलील दी कि एओ ने उनकी विस्तृत दलीलों पर ठीक से गौर नहीं किया। न ही अपनी संतुष्टि को ठीक से दर्ज किया। वकील ने यह भी बताया कि कुल खर्च सिर्फ 2.48 करोड़ रुपये था। जबकि एओ ने 4.60 करोड़ रुपये की कटौती कर दी, जो कि बहुत ज्यादा थी।
अपीलीय ट्रिब्यूनल तक कैसे पहुंचा मामला?
इसके बाद कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (अपील्स) [सीआईटी (ए)] ने ऐश्वर्या राय बच्चन को राहत दी थी। लेकिन, विभाग इस फैसले के खिलाफ आईटीएटी चला गया। आईटीएटी ने पाया कि एओ ने ऐश्वर्या राय बच्चन की कैलकुलेशन को सीधे खारिज कर दिया था। बिना यह देखे कि कौन से निवेश से टैक्स-फ्री आय हुई है, उन्होंने कटौती कर दी। ट्रिब्यूनल ने यह भी देखा कि कुल खर्च 2.48 करोड़ रुपये था। ऐसे में 4.60 करोड़ रुपये की कटौती अनुचित थी।
आईटीएटी के फैसले में कहा गया है: 'इसलिए, हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि एओ की ओर से ऐश्वर्या राय बच्चन का खुद की गई कटौती से ऊपर की गई कटौती का कोई आधार नहीं है। इसे हटा दिया जाना चाहिए। नतीजतन, राजस्व (विभाग) की अपील खारिज की जाती है।' ट्रिब्यूनल ने इस बात पर जोर दिया कि एओ ने मामले के तथ्यों पर ठीक से विचार नहीं किया था। न ही ऐश्वर्या राय बच्चन के कैलकुलेशन को खारिज करने के लिए पर्याप्त कारण बताए थे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया हवाला
आईटीएटी मुंबई ने सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मैक्सोप इन्वेस्टमेंट लिमिटेड बनाम सीआईटी (2018) मामले में कहा था कि एओ को रूल 8डी लागू करने से पहले यह बताना होगा कि वह करदाता की कटौती को क्यों स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इस मामले में एओ ऐसा करने में नाकाम रहे। ट्रिब्यूनल ने यह भी देखा कि ऐश्वर्या राय बच्चन ने केवल उन्हीं निवेशों पर फोकस किया था जिनसे टैक्स-फ्री आय हुई थी। यह वीरत इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड मामले में विशेष बेंच के फैसले के अनुरूप था।
सेक्शन 14A(1) के अनुसार, ऐसी आय के लिए कोई भी खर्च नहीं घटाया जा सकता जो कुल आय का हिस्सा न हो। अगर एओ खातों की जांच के बाद करदाता के दावे से संतुष्ट नहीं है तो उसे रूल 8डी के तहत कटौती तय करने से पहले लिखित में अपनी असंतुष्टि दर्ज करनी होगी। रूल 8डी एक फॉर्मूला-आधारित तरीका बताता है। इसमें सीधे टैक्स-फ्री आय से संबंधित खर्च और साल के दौरान टैक्स-फ्री आय उत्पन्न करने वाले निवेशों के औसत मूल्य का 1% शामिल हैं।
यह पूरा विवाद इनकम-टैक्स एक्ट की धारा 14ए से जुड़ा था। इस धारा के तहत ऐसी आय पर खर्च की कटौती नहीं की जा सकती जो टैक्स के दायरे से बाहर हो। ऐश्वर्या राय बच्चन ने साल 2022-23 के लिए कुल 39.33 करोड़ रुपये की आय घोषित की थी। इसमें से 2.14 करोड़ रुपये ऐसी आय थी जिस पर टैक्स नहीं लगना था। उन्होंने खुद ही 49.08 लाख रुपये की कटौती का दावा किया था। यह कहते हुए कि टैक्स-फ्री आय कमाने के लिए उन्होंने कोई सीधा खर्च नहीं किया है।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
हालांकि, असेसिंग ऑफिसर (एओ) इस बात से सहमत नहीं हुए। उन्होंने रूल 8डी का इस्तेमाल करते हुए 4.60 करोड़ रुपये की कटौती कर दी। इससे उनकी कुल आय बढ़कर 43.44 करोड़ रुपये हो गई। टैक्स विभाग का कहना था कि एओ ने धारा 14ए और रूल 8डी का सही इस्तेमाल किया था और उन्होंने अपनी संतुष्टि दर्ज की थी।
वहीं, ऐश्वर्या राय बच्चन के वकील ने दलील दी कि एओ ने उनकी विस्तृत दलीलों पर ठीक से गौर नहीं किया। न ही अपनी संतुष्टि को ठीक से दर्ज किया। वकील ने यह भी बताया कि कुल खर्च सिर्फ 2.48 करोड़ रुपये था। जबकि एओ ने 4.60 करोड़ रुपये की कटौती कर दी, जो कि बहुत ज्यादा थी।
अपीलीय ट्रिब्यूनल तक कैसे पहुंचा मामला?
इसके बाद कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (अपील्स) [सीआईटी (ए)] ने ऐश्वर्या राय बच्चन को राहत दी थी। लेकिन, विभाग इस फैसले के खिलाफ आईटीएटी चला गया। आईटीएटी ने पाया कि एओ ने ऐश्वर्या राय बच्चन की कैलकुलेशन को सीधे खारिज कर दिया था। बिना यह देखे कि कौन से निवेश से टैक्स-फ्री आय हुई है, उन्होंने कटौती कर दी। ट्रिब्यूनल ने यह भी देखा कि कुल खर्च 2.48 करोड़ रुपये था। ऐसे में 4.60 करोड़ रुपये की कटौती अनुचित थी।
आईटीएटी के फैसले में कहा गया है: 'इसलिए, हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि एओ की ओर से ऐश्वर्या राय बच्चन का खुद की गई कटौती से ऊपर की गई कटौती का कोई आधार नहीं है। इसे हटा दिया जाना चाहिए। नतीजतन, राजस्व (विभाग) की अपील खारिज की जाती है।' ट्रिब्यूनल ने इस बात पर जोर दिया कि एओ ने मामले के तथ्यों पर ठीक से विचार नहीं किया था। न ही ऐश्वर्या राय बच्चन के कैलकुलेशन को खारिज करने के लिए पर्याप्त कारण बताए थे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिया हवाला
आईटीएटी मुंबई ने सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मैक्सोप इन्वेस्टमेंट लिमिटेड बनाम सीआईटी (2018) मामले में कहा था कि एओ को रूल 8डी लागू करने से पहले यह बताना होगा कि वह करदाता की कटौती को क्यों स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इस मामले में एओ ऐसा करने में नाकाम रहे। ट्रिब्यूनल ने यह भी देखा कि ऐश्वर्या राय बच्चन ने केवल उन्हीं निवेशों पर फोकस किया था जिनसे टैक्स-फ्री आय हुई थी। यह वीरत इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड मामले में विशेष बेंच के फैसले के अनुरूप था।
सेक्शन 14A(1) के अनुसार, ऐसी आय के लिए कोई भी खर्च नहीं घटाया जा सकता जो कुल आय का हिस्सा न हो। अगर एओ खातों की जांच के बाद करदाता के दावे से संतुष्ट नहीं है तो उसे रूल 8डी के तहत कटौती तय करने से पहले लिखित में अपनी असंतुष्टि दर्ज करनी होगी। रूल 8डी एक फॉर्मूला-आधारित तरीका बताता है। इसमें सीधे टैक्स-फ्री आय से संबंधित खर्च और साल के दौरान टैक्स-फ्री आय उत्पन्न करने वाले निवेशों के औसत मूल्य का 1% शामिल हैं।
You may also like

बिहार चुनाव: घुसपैठ से लेकर जंगलराज तक, तेज़ हुई बयानबाज़ी, सभी दलों ने किए बड़े दावे

ED ने सुरेश रैना और शिखर धवन पर लिया बड़ा एक्शन, दोनों पर हुई करवाई, इतने करोड़ की सम्पति हुई जब्त

आईएपी का पेडिकॉन कार्यक्रम सात से, देशभर से जुटेंगे शिशु रोग विशेषज्ञ

गौतमबुद्ध नगर जिले में मिले डेंगू के 10 मरीज

धारः कलेक्ट्रेट परिसर में लगा लोहे का गेट बुजुर्ग के ऊपर गिरा, मौत




