पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू यादव, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी एवं उनके बेटे पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर दिल्ली के राउस एवेन्यू कोर्ट ने आईआरसीटीसी घोटाला मामले में आरोप निर्धारित कर दिए हैं। इसके बाद आरजेडी सहित विपक्षी पार्टियां लालू और तेजस्वी यादव के बचाव में आगे आ गई हैं। आरजेडी ने कहा है कि हमारे नेता कोर्ट में इस लड़ाई को मजबूती से लड़ेंगे और इसका सामना करेंगे। आम आदमी पार्टी (आप) ने सवाल किया है कि बीजेपी ने तो खुलेआम इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के माध्यम से रिश्वत ली। यह रिकॉर्ड में भी है। उस पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
कानून के दरवाजे पर अधिक नहीं टिक पाएंगे बनावटी केसआरजेडी के नेता शक्ति सिंह यादव ने आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में राउज़ एवेन्यू कोर्ट की ओर से पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए जाने पर कहा- जनता ने जो स्नेह और प्यार दिया है, एक ही बयार बह रही है, 'तेजस्वी भव: बिहार।' एनडीए के सभी घटक दल बेचैन हैं। एक ही मामले को कितनी बार बंद किया गया और फिर खोला गया। बनावटी मामले कानून के दरवाजे पर बहुत देर तक खड़े दिखाई नहीं देते। इस मामले में एजेंसियों को न्यायालय के द्वारा फटकारें भी दी गई हैं। इस देश की जो एजेंसियां सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स एक राजनीतिक संस्थान के विंग के तौर पर काम कर रही हैं। बिहार की एक ही भावना है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में बदलाव हो और नई सरकार आए।
आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने कोर्ट द्वारा लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित अन्य के खिलाफ आरोप तय किए जाने पर कहा, "ये कोर्ट का मामला है। हमारे नेता कोर्ट में इस लड़ाई को मजबूती से लड़ेंगे और इसका सामना करेंगे।"
आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, "इस मामले की जांच में इतनी सारी अलग-अलग संस्थाएं शामिल हैं उसके बावजूद जब-जब चुनावी मौके होते हैं तभी ऐसे मामलों में प्रकरण आगे बढ़ता है, जिससे संदेह उत्पन्न होता है। लालू यादव, उनके पुत्र या उनके परिवार ने क्या किया या नहीं किया, यह तो जांच में पता चलेगा लेकिन भाजपा ने तो खुलेआम इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के माध्यम से रिश्वत ली। यह रिकॉर्ड में भी है। उस पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?"
विरोधियों को पकड़कर जेल में रखा जा रहाशिवसेना (यूबीटी) के नेता आनंद दुबे ने कहा, "भाजपा ने चुन-चुन कर विरोधियों को निशाना बनाने का काम किया है। अभी महागठबंधन की सीटों के बटवारे का फैसला भी नहीं हुआ। लालू यादव बार-बार कोर्ट में कह रहे हैं कि मैं आरोपी हूं, लेकिन दोषी नहीं हूं। लेकिन अब ये कौन सुनेगा? विरोधियों को पकड़कर जेल में रखा जाता है और बाद में पता चलता है कि वे इस मामले में शामिल ही नहीं थे। चुनाव के समय में इस मामले को लेकर लालू परिवार को उलझाने का प्रयास किया जा रहा है। बदले की भावना से जो राजनीति की जा रही है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सत्य परेशान जरूर होता है लेकिन सत्य कभी पराजित नहीं होता।
आईआरसीटीसी घोटाला केस सन 2004 से 2009 के बीच का है। उस समय लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का ठेका एक प्राइवेट कंपनी को बिना किसी उचित प्रक्रिया का पालन किए दे दिया था। इस मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आरोप तय किए हैं।
कानून के दरवाजे पर अधिक नहीं टिक पाएंगे बनावटी केसआरजेडी के नेता शक्ति सिंह यादव ने आईआरसीटीसी होटल भ्रष्टाचार मामले में राउज़ एवेन्यू कोर्ट की ओर से पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए जाने पर कहा- जनता ने जो स्नेह और प्यार दिया है, एक ही बयार बह रही है, 'तेजस्वी भव: बिहार।' एनडीए के सभी घटक दल बेचैन हैं। एक ही मामले को कितनी बार बंद किया गया और फिर खोला गया। बनावटी मामले कानून के दरवाजे पर बहुत देर तक खड़े दिखाई नहीं देते। इस मामले में एजेंसियों को न्यायालय के द्वारा फटकारें भी दी गई हैं। इस देश की जो एजेंसियां सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स एक राजनीतिक संस्थान के विंग के तौर पर काम कर रही हैं। बिहार की एक ही भावना है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में बदलाव हो और नई सरकार आए।
आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने कोर्ट द्वारा लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित अन्य के खिलाफ आरोप तय किए जाने पर कहा, "ये कोर्ट का मामला है। हमारे नेता कोर्ट में इस लड़ाई को मजबूती से लड़ेंगे और इसका सामना करेंगे।"
आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, "इस मामले की जांच में इतनी सारी अलग-अलग संस्थाएं शामिल हैं उसके बावजूद जब-जब चुनावी मौके होते हैं तभी ऐसे मामलों में प्रकरण आगे बढ़ता है, जिससे संदेह उत्पन्न होता है। लालू यादव, उनके पुत्र या उनके परिवार ने क्या किया या नहीं किया, यह तो जांच में पता चलेगा लेकिन भाजपा ने तो खुलेआम इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के माध्यम से रिश्वत ली। यह रिकॉर्ड में भी है। उस पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?"
विरोधियों को पकड़कर जेल में रखा जा रहाशिवसेना (यूबीटी) के नेता आनंद दुबे ने कहा, "भाजपा ने चुन-चुन कर विरोधियों को निशाना बनाने का काम किया है। अभी महागठबंधन की सीटों के बटवारे का फैसला भी नहीं हुआ। लालू यादव बार-बार कोर्ट में कह रहे हैं कि मैं आरोपी हूं, लेकिन दोषी नहीं हूं। लेकिन अब ये कौन सुनेगा? विरोधियों को पकड़कर जेल में रखा जाता है और बाद में पता चलता है कि वे इस मामले में शामिल ही नहीं थे। चुनाव के समय में इस मामले को लेकर लालू परिवार को उलझाने का प्रयास किया जा रहा है। बदले की भावना से जो राजनीति की जा रही है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सत्य परेशान जरूर होता है लेकिन सत्य कभी पराजित नहीं होता।
आईआरसीटीसी घोटाला केस सन 2004 से 2009 के बीच का है। उस समय लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का ठेका एक प्राइवेट कंपनी को बिना किसी उचित प्रक्रिया का पालन किए दे दिया था। इस मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आरोप तय किए हैं।
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