पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के महासचिव गुलाम रसूल बलियावी को बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया है। बलियावी पहले सांसद भी रह चुके हैं। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले यह कदम डैमेज कंट्रोल के तौर पर उठाया गया है। बलियावी वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ अपनी ही पार्टी में आवाज उठा रहे थे। सरकार ने आयोग का पुनर्गठन किया है और बलियावी के अलावा दो उपाध्यक्ष और आठ सदस्यों को भी नियुक्त किया है। यह घोषणा ऐसे समय पर हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
मुसलमानों के बड़े नेता माने जाते हैं बलियावी
गुलाम रसूल बलियावी बिहार में मुसलमानों के बड़े नेता माने जाते हैं। वे वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ जेडीयू में रहते हुए भी बोल रहे थे। जब संसद से वक्फ बिल पास हो गया, तो बलियावी ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि संसद में सब नंगे हो गए। अब सेक्युलर और कम्युनल में कोई अंतर नहीं रह गया।
बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग में और कौन-कौन
राज्य सरकार ने बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग को फिर से बनाया है। बलियावी को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा पटना सिटी के लखविंदर सिंह और गया के मौलाना उमर नूरानी को आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। आयोग में कुल 11 सदस्य होंगे। इनमें एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और आठ सदस्य शामिल हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव सोहेल ने आयोग के पुनर्गठन की सूचना जारी की।
विभागीय सूचना के अनुसार, बेगूसराय के मुकेश जैन, नवादा की अफरोजा खातून, सिवान के अशरफ अली अंसारी, जहानाबाद के शमशाद आलम, सारण के तुफैल अहमद खान, किशनगंज के शिशिर दास, मुंगेर के राजेश जैन और अजफर शमसी को सदस्य बनाया गया है। इन सभी का कार्यकाल तीन साल का होगा। यह कार्यकाल उनके पद संभालने की तारीख से शुरू होगा।
मुस्लिम वोट जेडीयू और आरजेडी में बंटते रहे
बता दें कि बिहार में मुसलमान वोट हमेशा से ही जेडीयू और लालू यादव की आरजेडी के बीच बंटते रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने भी कुछ मुस्लिम इलाकों में अपनी जगह बना ली थी। जेडीयू ने वक्फ बिल का समर्थन किया था। लेकिन बलियावी और कई मुस्लिम नेताओं ने इसका विरोध किया था। कुछ मुस्लिम संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का भी बहिष्कार किया था।
मुसलमानों के बड़े नेता माने जाते हैं बलियावी
गुलाम रसूल बलियावी बिहार में मुसलमानों के बड़े नेता माने जाते हैं। वे वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ जेडीयू में रहते हुए भी बोल रहे थे। जब संसद से वक्फ बिल पास हो गया, तो बलियावी ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि संसद में सब नंगे हो गए। अब सेक्युलर और कम्युनल में कोई अंतर नहीं रह गया।
बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग में और कौन-कौन
राज्य सरकार ने बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग को फिर से बनाया है। बलियावी को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा पटना सिटी के लखविंदर सिंह और गया के मौलाना उमर नूरानी को आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। आयोग में कुल 11 सदस्य होंगे। इनमें एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और आठ सदस्य शामिल हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव सोहेल ने आयोग के पुनर्गठन की सूचना जारी की।
विभागीय सूचना के अनुसार, बेगूसराय के मुकेश जैन, नवादा की अफरोजा खातून, सिवान के अशरफ अली अंसारी, जहानाबाद के शमशाद आलम, सारण के तुफैल अहमद खान, किशनगंज के शिशिर दास, मुंगेर के राजेश जैन और अजफर शमसी को सदस्य बनाया गया है। इन सभी का कार्यकाल तीन साल का होगा। यह कार्यकाल उनके पद संभालने की तारीख से शुरू होगा।
मुस्लिम वोट जेडीयू और आरजेडी में बंटते रहे
बता दें कि बिहार में मुसलमान वोट हमेशा से ही जेडीयू और लालू यादव की आरजेडी के बीच बंटते रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने भी कुछ मुस्लिम इलाकों में अपनी जगह बना ली थी। जेडीयू ने वक्फ बिल का समर्थन किया था। लेकिन बलियावी और कई मुस्लिम नेताओं ने इसका विरोध किया था। कुछ मुस्लिम संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का भी बहिष्कार किया था।
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