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टॉयलेट सीट में ब्लास्ट की खबर ने चौंकाया, कहीं आपके साथ ना हो जाए ऐसा हादसा, वजह और सफाई से जुड़े बचाव जानें

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कभी आपने सोचा है, रोज की तरह सुबह उठकर फ्रेश होने के लिए बाथरूम में जाएं और अचानक से टॉयलेट सीट में ही ब्लास्ट हो जाए। ऐसा कोई भी नहीं सोचेगा, लेकिन एक हादसे की खबर सभी को अलर्ट करती है। दरअसल ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 में इस तरह का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टॉयलेट सीट में ब्लास्ट होने से 20 साल का युवक झुलस गया।

इस खबर को जानने के बाद आपके मन में सबसे पहले यही आया आएगा कि युवक के पास मोबाइल होगा, जिसमें ब्लास्ट हुआ। लेकिन उसके परिवार का दावा है कि हादसे के वक्त मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट इस्तेमाल नहीं कर रहा था। विस्फोट बिजली की समस्याओं के कारण भी नहीं हुआ। क्योंकि घर का एयर कंडीशनिंग और अन्य सभी उपकरण उस समय ठीक से काम कर रहे थे। तो हादसा हुआ कैसे और आपके घर में ऐसा ना हो, इसके लिए टॉयलेट क्लीनिंग से जुड़ी किन बातों का ध्यान रखना होगा आइये इस पर बात करते हैं।
क्या मीथेन गैस है हादसे की वजह image

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और बिजली की समस्या नहीं होने पर शुरुआती तौर पर ब्लास्ट की वजह मीथेन गैस का जमाव माना जा रहा है। परिवार को शक है कि टॉयलेट पॉट के अंदर जमे हुए नाले के कारण मीथेन जमा हो गया होगा, और एक चिंगारी ने गैस को भड़का दिया होगा, जिससे विस्फोट हुआ, हालांकि चिंगारी का सोर्स पता नहीं है। स्थानीय निवासी ने भी चिंता जताते हुए कहा कि "यहां पाइप न केवल पुराने हैं, बल्कि उनकी सालों से सफाई नहीं हुई है। चोक हुए पाइप गैस के जमाव का कारण बन सकते हैं, जो दबाव में फटने की क्षमता रखते हैं।" एक्सपर्ट का भी मानना है कि मीथेन वास्तव में सीवर लाइनों और सीमित बाथरूम स्थानों में जमा हो सकती है, खासकर जहां वेंटिलेशन खराब हो या नाले अवरुद्ध हों।


क्या किसी भी टॉयलेट में हो सकता है ऐसा हादसा image

अब आप यही सोच रहे होंगे कि क्या हमारे में घर भी ऐसा हादसा हो सकता है तो जवाब होगा हां। भले ही संभावना कम हो लेकिन लापरवाही बरतने पर हादसा हो सकता है। जिसके कुछ कारण भी हम आपको बता रहे हैं।

  • पुरानी या खराब रखरखाव वाली प्लंबिंग-समय के साथ प्लंबिंग पाइप खराब हो सकते हैं या उनमें रुकावट आ सकती है, जिससे गैसें जमा हो सकती हैं।
  • खराब वेंटिलेशन- अगर बाथरूम में सही वेंटिलेशन नहीं है, तो निकलने वाली गैसें बाहर नहीं जा पाएंगी और जमा हो सकती हैं।
  • बंद नाले- जब नाले कचरे या अन्य पदार्थों से बंद हो जाते हैं, तो सीवर गैसें, जिनमें मीथेन भी शामिल है, वापस घर में आ सकती हैं।
  • सूखे पी-ट्रैप- सिंक, टॉयलेट और अन्य नालियों में पी-ट्रैप नाम एक घुमावदार पाइप होता है जो पानी से भरा रहता है। यह पानी की सील सीवर गैसों को घर में आने से रोकती है। अगर इन उपकरणों का लंबे समय तक उपयोग नहीं किया जाता है, तो पी-ट्रैप में पानी सूख सकता है, जिससे गैसें अंदर आ सकती हैं।
  • ढीले या खराब सील वाले टॉयलेट- अगर टॉयलेट बेसिन फर्श पर ठीक से सील नहीं है, तो सीवर गैसें कमरे में रिस सकती हैं।

कौनसी सावधानी बरतना जरूरी image

टॉयलेट में विस्फोट जैसी घटनाएँ बहुत दुर्लभ हैं, लेकिन सीवर गैस का जमाव एक वास्तविक खतरा हो सकता है। इसलिए, घरों में प्लंबिंग सिस्टम का नियमित निरीक्षण और रखरखाव जरूरी है, खासकर पुरानी इमारतों में। अगर सीवर गैस की गंध आती है, तो तुरंत एक प्लंबर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही कुछ और बातों का भी ध्यान रखना चाहिए जैसे कि...

  • उचित वेंटिलेशन- बाथरूम और अन्य सीमित स्थानों में प्राकृतिक वेंटिलेशन (जैसे खिड़कियां) पर्याप्त नहीं है, तो एग्जॉस्ट पंखे लगवाएं और उनका नियमित रूप से उपयोग करें।
  • पी-ट्रैप का ध्यान रखें- अगर किसी सिंक या नाली का लंबे समय तक उपयोग नहीं होने वाला है, तो उसमें थोड़ा पानी डालकर रखें ताकि पी-ट्रैप सूखा न रहे और सीवर गैसों को अंदर आने से रोका जा सके
  • टॉयलेट की सही सीलिंग- सुनिश्चित करें कि टॉयलेट बेसिन फर्श पर ठीक से सील है। अगर कोई ढीलापन या गैप दिखाई दे, तो उसे तुरंत ठीक करवाएं।
  • पुराने प्लंबिंग को बदलें- अगर आपके घर का प्लंबिंग सिस्टम बहुत पुराना हो चुका है, तो उसे मॉर्डन और सेफ सिस्टम से बदलवाने पर विचार करें।
  • केमिकल क्लीनर का सावधानी से उपयोग- अगर आप रासायनिक ड्रेन क्लीनर का उपयोग करते हैं, तो निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और उनका पालन करें। अलग-अलग क्लीनर को एक साथ न मिलाएं, इससे खतरनाक रासायनिक प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।
  • धूम्रपान न करें- बंद स्थानों, खासकर बाथरूम में धूम्रपान न करें, क्योंकि इससे ज्वलनशील गैसों के मौजूद होने पर आग लगने का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि इस विशेष घटना में चिंगारी का स्रोत अज्ञात है, लेकिन सावधानी बरतना हमेशा बेहतर होता है।

क्लीनिंग का भी रखें ध्यान image
  • नियमित सफाई-बाथरूम और टॉयलेट की सफाई करें। इससे गंदगी और कीटाणुओं के साथ-साथ उन पदार्थों को भी हटाया जा सकेगा जो नालियों को अवरुद्ध कर सकते हैं।
  • नालियों की सफाई-टॉयलेट, सिंक और शॉवर की नालियों को साफ करें। बालों, साबुन के झाग और अन्य मलबे को हटा दें जो जमा होकर रुकावट पैदा कर सकते हैं।
  • फर्श और दीवारों की सफाई- बाथरूम के फर्श और दीवारों पर लगे टाइल्स भी साफ करें। नमी और गंदगी फफूंदी और बैक्टीरिया बढ़ा सकती है, जो वेंटिलेशन को प्रभावित कर सकती है।
  • सफाई के उपकरणों का रखरखाव- अपने सफाई के उपकरणों, जैसे कि प्लंजर और ब्रश को साफ रखें ताकि वे प्रभावी ढंग से काम कर सकें और गंदगी न फैलाएं।
  • सफाई का शेड्यूल बनाएं- एक नियमित सफाई का शेड्यूल बनाएं और उसका पालन करें। लगातार सफाई करने से गंभीर रुकावटों और गैस जमाव की संभावना कम हो जाएगी।
  • अलार्म सिस्टम पर विचार- कुछ आधुनिक घरों में सीवर गैस डिटेक्टर लगाए जाते हैं। अगर आपके क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं होने की संभावना है, तो इस अलार्म सिस्टम पर विचार कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं। एनबीटी इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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