सचिन त्यागी, गाजियाबाद/बागपत: मॉनसून के मौसम में बारिश के बीच यमुना नदी उफान पर है। ताजेवाला बैराज हथिनीकुंड से तीन लाख 29 हजार क्यूसेक जल छोड़े जाने के बाद बागपत से लेकर गाजियाबाद, नोएडा, मथुरा तक यमुना किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बागपत में यमुना जल से कटान और गांवों की और बढ़ते जलस्तर से सरकारी नलकूप पानी में समा गई। बागपत, गाजियाबाद, नोएडा से लेकर दिल्ली में बाढ़ चौकियों पर सिंचाई विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। सिंचाई विभाग ने नुकसान की आशंका जताई है।
गाजियाबाद, नोएडा डूब क्षेत्र खाली करने के निर्देश
यमुना में बढ़ते जल स्तर से गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर के यमुना क्षेत्र में ज्यादा नुकसान होने की संभावना है। पिछले वर्ष भी यहां भारी नुकसान हुआ था। सिंचाई विभाग ने गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन को अलर्ट भेज दिया है और यमुना बाढ़ क्षेत्र को खाली करने के लिए कहा है। जिलाधिकारी गाजियाबाद ने बढ़ते जल स्तर को देखते हुए जरूरी कदम उठाए है। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में लोगों से स्थान खाली करने की अपील की गई है।
बागपत में बाढ़ से निपटने के लिए 12 बाढ़ चौकियां सक्रिय की गई हैं। लेखपालों, एसडीएम, ओर सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को जिलाधिकारी ने सतर्क रहने और जल स्तर की निगरानी के निर्देश दिए है। एक साथ छोड़े गए तीन लाख क्यूसेक जल से होने वाले सम्भावित भारी नुकसान को देखते हुए सिंचाई विभाग ने मंगलवार तक जल पहुंचने का अनुमान लगाया है। दिल्ली एनसीआर में यह जल मंगलवार शाम तक पहुंचने का अनुमान है। स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने और नदी के किनारे न जाने की अपील की है।
बाढ़ चौकियों पर बचाव के समान उपलब्ध
जिलाधिकारी बागपत अस्मिता लाल का कहना है कि जलस्तर और तटबंधों की निरंतर निगरानी की जा रही है। बाढ़ से प्रभावित होने वाले सम्भावित गांवों और बाढ़ चौकियों पर जरूरी सामान उपलब्ध कराया है। गोताखोर और नावों का इंतजाम किया गया है।
बाढ़ कंट्रोल रूम हेल्पलाइन जारी
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि समस्त बाढ़ क्षेत्र की 11 चौकियों पर कर्मचारी तैनात रहे बाढ़ कंट्रोल रूम सिंचाई विभाग 01234-251131 और 9412752348 है, जिस पर कर्मचारी तैनात रहे और कोई भी समस्या है तो उसका तत्काल समाधान करा जाए।
बागपत में 11 बाढ़ चौकियां
हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे जल और अन्य संभावित खतरों पर नजर रखने के लिए तहसील बड़ौत में छह, बागपत में दो और खेकड़ा में तीन बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। इनमें अलीपुर और काठा तटबंधों के पास की चौकियां शामिल हैं।
गाजियाबाद, नोएडा डूब क्षेत्र खाली करने के निर्देश
यमुना में बढ़ते जल स्तर से गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर के यमुना क्षेत्र में ज्यादा नुकसान होने की संभावना है। पिछले वर्ष भी यहां भारी नुकसान हुआ था। सिंचाई विभाग ने गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन को अलर्ट भेज दिया है और यमुना बाढ़ क्षेत्र को खाली करने के लिए कहा है। जिलाधिकारी गाजियाबाद ने बढ़ते जल स्तर को देखते हुए जरूरी कदम उठाए है। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में लोगों से स्थान खाली करने की अपील की गई है।
बागपत में बाढ़ से निपटने के लिए 12 बाढ़ चौकियां सक्रिय की गई हैं। लेखपालों, एसडीएम, ओर सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को जिलाधिकारी ने सतर्क रहने और जल स्तर की निगरानी के निर्देश दिए है। एक साथ छोड़े गए तीन लाख क्यूसेक जल से होने वाले सम्भावित भारी नुकसान को देखते हुए सिंचाई विभाग ने मंगलवार तक जल पहुंचने का अनुमान लगाया है। दिल्ली एनसीआर में यह जल मंगलवार शाम तक पहुंचने का अनुमान है। स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने और नदी के किनारे न जाने की अपील की है।
बाढ़ चौकियों पर बचाव के समान उपलब्ध
जिलाधिकारी बागपत अस्मिता लाल का कहना है कि जलस्तर और तटबंधों की निरंतर निगरानी की जा रही है। बाढ़ से प्रभावित होने वाले सम्भावित गांवों और बाढ़ चौकियों पर जरूरी सामान उपलब्ध कराया है। गोताखोर और नावों का इंतजाम किया गया है।
बाढ़ कंट्रोल रूम हेल्पलाइन जारी
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि समस्त बाढ़ क्षेत्र की 11 चौकियों पर कर्मचारी तैनात रहे बाढ़ कंट्रोल रूम सिंचाई विभाग 01234-251131 और 9412752348 है, जिस पर कर्मचारी तैनात रहे और कोई भी समस्या है तो उसका तत्काल समाधान करा जाए।
बागपत में 11 बाढ़ चौकियां
हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे जल और अन्य संभावित खतरों पर नजर रखने के लिए तहसील बड़ौत में छह, बागपत में दो और खेकड़ा में तीन बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। इनमें अलीपुर और काठा तटबंधों के पास की चौकियां शामिल हैं।
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