अगली ख़बर
Newszop

दिल्ली के लड़के का कमाल, घर बैठे लगाई ऐसी तकनीक कि 2000 में बन गया एयर प्यूरीफायर

Send Push
Air Purifier : दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। कुछ इलाकों में तो AQI हजार पार भी चल गया है। ऐसे प्रदूषण से कुछ हद तक राहत पाने के लिए लोग एयर प्यूरीफायर खरीद रहे हैं। घर, गाड़ी और दफ्तर में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि कुछ हद तक तो हानिकारक हवा से बचा जा सके। बहरहाल, बाहर से एयर प्यूरीफायर खरीदना एक सामान्य बात है, लेकिन दिल्ली के लड़के ने तो खुद ही एयर प्यूरीफायर बना डाला। लड़के ने गंदी हवा को साफ करने के लिए घर पर ही डिवाइस बना लिया। जरूरी बात ये है कि इसे बनाने में बहुत कम खर्च आया है। चलिए, जानते हैं कि एयर प्यूरीफायर बनाने के लिए शख्स ने कितने पैसे खर्चे और क्या-क्या सामान का इस्तेमाल किया?


दावा- ब्रांडेड से अच्छा काम कर रहारेडिट पर शुक्रांत तंवर नाम के एक लड़के पोस्ट में लिखा कि उसने खुद का एयर प्यूरीफायर बनाया है, साथ ही उसने दावा किया कि उसका बनाया हुआ जुगाड़ फिलिप्स के एयर प्यूरीफायर से ज्यादा अच्छा है। बता दें कि शख्स घर में घर में फिलिप्स का एयर प्यूरीफायर यूज होता है, जिसकी उसने एक अन्य पोस्ट में फोटो डाल रखी है और बताया हुआ है कि प्रदूषण इतना भयंकर है कि उसका उसका एयर प्यूरीफायर गंदा हो गया और साफ होने के बाद कैसा दिखने लगा। बहरहाल, लड़के ने उन चीजों के बारे में भी बताया जिनका उसने एयर प्यूरीफायर बनाने के लिए इस्तेमाल किया।


image


इस्तेमाल हुईं ये चीजेंलड़के ने साधारण सामान से प्यूरीफायर बनाया।

  • 150mm का एग्जॉस्ट फैन – 750 रुपये
  • अमेजन से HEPA फिल्टर – 1000 रुपये
  • स्विच, रेगुलेटर और तार – 65 रुपये
  • कार्डबोर्ड और ग्लू गन – 150 रुपये
  • कुल खर्च करीब 2000 रुपये



कितना कारगर है ये एयर प्यूरीफायर?शख्स ने अपनी पोस्ट में आगे दावा किया कि यह एयर प्यूरीफायर इतना कारगर है कि मात्र 15 मिनट में 380 AQI को 50 AQI पर ले आता है। उसने यह भी बताया कि वह अपने फिलिप्स के एयर प्यूरीफायर को सेंसर के तौर पर यूज कर रहा है।



कैसे काम करते हैं एयर प्यूरीफायर?एक सामान्य एयर प्यूरीफायर गंदी हवा खींचता है। फिर फिल्टर से गुजारता है। फिल्टर में धूल, धुआं और छोटे कण फंस जाते हैं। HEPA फिल्टर बहुत छोटे कण पकड़ता है। जैसे एलर्जी, धूल और धुएं के कण। कुछ में एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर होता है। यह बदबू और गैस हटाता है। कमरे का साइज मायने रखता है। प्यूरीफायर कमरे के हिसाब से होना चाहिए। फिल्टर को समय पर बदलें। अगर फिल्टर भर जाए, तो काम कम हो जाता है। कभी गंदगी फैला भी सकता है। इस्तेमाल में खिड़की-दरवाजे बंद रखें। बाहर की गंदी हवा अंदर न आए।
न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें