रांची: झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली। केंद्र और राज्य सरकार के बीच उनके कार्यकाल को लेकर महीनों से चल रहे विवाद के बीच यह कदम उठाया गया है। सेवा नियमों के अनुसार, गुप्ता की सेवानिवृत्ति 30 अप्रैल 2025 को होनी थी। केंद्र सरकार ने इस संबंध में 22 अप्रैल को राज्य के मुख्य सचिव को सूचना दी थी। हालांकि, इसी साल जनवरी में हेमंत सोरेन सरकार ने सेवा नियमों में संशोधन कर डीजीपी की नियुक्ति का अधिकार राज्य को दे दिया। संशोधित नियमों के तहत फरवरी में गुप्ता को दो साल का कार्यकाल विस्तार देते हुए डीजीपी नियुक्त किया गया था। हालांकि उनके कार्यकाल का 6 महीने पहले अंत हो गया।
राजनीतिक विवाद और कोर्ट की जंग
गुप्ता की नियुक्ति को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने इसे असंवैधानिक और सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के खिलाफ बताया था। जुलाई 2024 में गुप्ता को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था, लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने उन्हें हटा दिया था। चुनावों के बाद उन्हें फिर से कार्यवाहक डीजीपी के रूप में बहाल किया गया था।
पहले भी रह चुके हैं विवादों में
अनुराग गुप्ता पहले भी विवादों में रहे हैं। 2020 में हेमंत सोरेन सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था, आरोप था कि उन्होंने 2016 में भाजपा के एक राज्यसभा उम्मीदवार की मदद की थी। हालांकि, CAT (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) के आदेश के बाद 2022 में उनका निलंबन रद्द कर दिया गया।
नई डीजीपी बनीं महिला अधिकारीगुप्ता के VRS लेने के बाद वरिष्ठ IPS अधिकारी तदाशा मिश्रा को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। वह झारखंड की पहली महिला डीजीपी बनी हैं।
राजनीतिक विवाद और कोर्ट की जंग
गुप्ता की नियुक्ति को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने इसे असंवैधानिक और सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के खिलाफ बताया था। जुलाई 2024 में गुप्ता को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था, लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने उन्हें हटा दिया था। चुनावों के बाद उन्हें फिर से कार्यवाहक डीजीपी के रूप में बहाल किया गया था।
पहले भी रह चुके हैं विवादों में
अनुराग गुप्ता पहले भी विवादों में रहे हैं। 2020 में हेमंत सोरेन सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था, आरोप था कि उन्होंने 2016 में भाजपा के एक राज्यसभा उम्मीदवार की मदद की थी। हालांकि, CAT (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) के आदेश के बाद 2022 में उनका निलंबन रद्द कर दिया गया।
नई डीजीपी बनीं महिला अधिकारीगुप्ता के VRS लेने के बाद वरिष्ठ IPS अधिकारी तदाशा मिश्रा को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। वह झारखंड की पहली महिला डीजीपी बनी हैं।
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