पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी गहमागहमी है। नेताओं के तरह-तरह के बयान सियासी फिजां में दौड़ लगा रहे हैं। दिल्ली से पटना तक नेताओं की धमा-चौकड़ी देखने को मिल रही। आरजेडी की ओर से सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा, उन पर औद्योगिक विकास को लेकर खोखले वादों से बिहार की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उनकी ये टिप्पणी अमित शाह के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने बड़े पैमाने पर उद्योग लगाने में राज्य में जमीन की कमी को एक बड़ी बाधा बताया था।
अमित शाह के बयान पर बिफरे तेजस्वी यादवतेजस्वी ने अमित शाह के इंटरव्यू की क्लिप को एक्स (पहले ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, 'बिहार में 20 साल सरकार चलाने के बाद भी गृह मंत्री बहाने बना रहे हैं, कह रहे हैं कि फैक्ट्री गुजरात में लगेगी, लेकिन मजदूर बिहार का होगा। बिहारवासी अब इन धोखों में नहीं आएंगे।' इस वीडियो में अमित शाह को ये समझाते हुए सुना जा सकता है कि भूमि की उपलब्धता की कमी के कारण बिहार में बड़े उद्योग लाने में व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अमित शाह ने कहा, 'हम सभी जानते हैं कि बिहार में जमीन की कमी है। बिहार में कोई भी बड़ा उद्योग लाने में जमीन ढूंढने में काफी कठिनाई आती है। इसलिए हमें ऐसे उद्योगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिनमें कम जमीन की आवश्यकता हो। इसीलिए हम बिहार को देश का एआई (Artificial intelligence) हब बनाना चाहते हैं। हम बिहार को सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का हब बनाना चाहते हैं।'
'बिहार में बड़े प्रोजेक्ट के लिए जमीन की कमी'इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए बिगुल फूंका और घोषणा की थी कि अगर एनडीए बिहार में सत्ता में लौटता है, तो वो राज्य को 'औद्योगिक हब' में बदल देगा। पटना में 'बुद्धिजीवी सम्मेलन' को संबोधित करते हुए, अमित शाह ने पुष्टि की थी कि बिहार के युवाओं में 'पूरी दुनिया में सबसे अधिक बुद्धि' है और अब बिहार 3.0 का समय है। अमित शाह ने पटना में कहा था, 'अब बिहार 3.0 का समय है... हम बिहार को औद्योगिक हब बनाएंगे... बिहार के युवाओं में पूरी दुनिया में सबसे अधिक बुद्धि है। बिहार में जमीन की कमी हो सकती है, लेकिन हम ऐसी परियोजनाएं शुरू कर सकते हैं जिनमें मानसिक कार्य ज्यादा और जमीन कम लगे।' अमित शाह ने राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव पर भी तीखा हमला किया, उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी के 15 साल के 'जंगल राज' ने बिहार को लगभग आधी सदी पीछे धकेल दिया और कहा कि इसी दौरान राज्य ने अपना गौरव, वैभव और श्रेष्ठता खो दी।
अमित शाह ने 'जंगल-राज' पर बोला हमलाअणित शाह ने तेजस्वी यादव पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि वही 'जंगल-राज' आज नए चेहरों के साथ बिहार की जनता के सामने है और वोट मांग रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'वो कैसा युग था, जिसमें बिहार एक बीमारू राज्य बन गया। अकेले 15 साल के जंगल राज में बिहार ने अपनी शान, धन और ज्ञान सब खो दिया। 15 साल के जंगल राज के दौरान, बिहार ने अपनी हर तरह की गरिमा, वैभव और उत्कृष्टता खो दी थी। कल्पना कीजिए कि वे 15 साल कैसे रहे होंगे... वो दौर जिसमें बिहार की प्रतिष्ठा गिरी।' उन्होंने आगे आरोप लगाया कि आजादी के बाद बिहार में स्थापित हुए उद्योग 'लालू यादव के जंगल-राज' के कारण राज्य छोड़कर चले गए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'जब वो (लालू यादव) एक भ्रष्टाचार के मामले में जेल से बाहर आए और हाथी पर जुलूस निकाला गया, तो हम इस तरह की बेशर्मी को समझ नहीं पाए। आजादी के समय बिहार में स्थापित हुए उद्योग धीरे-धीरे बिहार छोड़कर जाने लगे। उस 15 साल के शासन ने बिहार को लगभग आधी सदी पीछे धकेल दिया। वही 'जंगल राज' आज नए चेहरों के साथ बिहार की जनता के सामने है।'
महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर विवादइस बीच, सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने 143 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी, जिससे महागठबंधन गठबंधन के भीतर लंबी सीट-शेयरिंग पर बातचीत समाप्त हो गई। हालांकि, गठबंधन को तब झटका लगा जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने औपचारिक रूप से चुनाव से हटने की घोषणा कर दी। इस घोषणा के साथ, महागठबंधन का स्वरूप भी स्पष्ट हो गया है, जिसमें राजद 143, कांग्रेस 61, सीपीआई (एमएल) 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और 15 सीटें मुकेश सहनी की वीआईपी को मिली है। करीब दर्जनभर सीटों पर फ्रेंडली फाइट के भी आसार हैं। 243 सीटों वाली विधानसभा के लिए मतदान 6 नवंबर और 11 नवंबर को होंगे है, वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।
अमित शाह के बयान पर बिफरे तेजस्वी यादवतेजस्वी ने अमित शाह के इंटरव्यू की क्लिप को एक्स (पहले ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, 'बिहार में 20 साल सरकार चलाने के बाद भी गृह मंत्री बहाने बना रहे हैं, कह रहे हैं कि फैक्ट्री गुजरात में लगेगी, लेकिन मजदूर बिहार का होगा। बिहारवासी अब इन धोखों में नहीं आएंगे।' इस वीडियो में अमित शाह को ये समझाते हुए सुना जा सकता है कि भूमि की उपलब्धता की कमी के कारण बिहार में बड़े उद्योग लाने में व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अमित शाह ने कहा, 'हम सभी जानते हैं कि बिहार में जमीन की कमी है। बिहार में कोई भी बड़ा उद्योग लाने में जमीन ढूंढने में काफी कठिनाई आती है। इसलिए हमें ऐसे उद्योगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिनमें कम जमीन की आवश्यकता हो। इसीलिए हम बिहार को देश का एआई (Artificial intelligence) हब बनाना चाहते हैं। हम बिहार को सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का हब बनाना चाहते हैं।'
20 साल बिहार में सरकार चलाने के बाद भी गृह मंत्री बहाने बना कह रहे है कि फैक्ट्री तो गुजरात में ही लगेगी लेकिन वहाँ लेबर बिहार की होगी। बिहारी अब इनके झांसे में नहीं आएंगे। pic.twitter.com/VU0M4Vivn9
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 21, 2025
'बिहार में बड़े प्रोजेक्ट के लिए जमीन की कमी'इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए बिगुल फूंका और घोषणा की थी कि अगर एनडीए बिहार में सत्ता में लौटता है, तो वो राज्य को 'औद्योगिक हब' में बदल देगा। पटना में 'बुद्धिजीवी सम्मेलन' को संबोधित करते हुए, अमित शाह ने पुष्टि की थी कि बिहार के युवाओं में 'पूरी दुनिया में सबसे अधिक बुद्धि' है और अब बिहार 3.0 का समय है। अमित शाह ने पटना में कहा था, 'अब बिहार 3.0 का समय है... हम बिहार को औद्योगिक हब बनाएंगे... बिहार के युवाओं में पूरी दुनिया में सबसे अधिक बुद्धि है। बिहार में जमीन की कमी हो सकती है, लेकिन हम ऐसी परियोजनाएं शुरू कर सकते हैं जिनमें मानसिक कार्य ज्यादा और जमीन कम लगे।' अमित शाह ने राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव पर भी तीखा हमला किया, उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी के 15 साल के 'जंगल राज' ने बिहार को लगभग आधी सदी पीछे धकेल दिया और कहा कि इसी दौरान राज्य ने अपना गौरव, वैभव और श्रेष्ठता खो दी।
अमित शाह ने 'जंगल-राज' पर बोला हमलाअणित शाह ने तेजस्वी यादव पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि वही 'जंगल-राज' आज नए चेहरों के साथ बिहार की जनता के सामने है और वोट मांग रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'वो कैसा युग था, जिसमें बिहार एक बीमारू राज्य बन गया। अकेले 15 साल के जंगल राज में बिहार ने अपनी शान, धन और ज्ञान सब खो दिया। 15 साल के जंगल राज के दौरान, बिहार ने अपनी हर तरह की गरिमा, वैभव और उत्कृष्टता खो दी थी। कल्पना कीजिए कि वे 15 साल कैसे रहे होंगे... वो दौर जिसमें बिहार की प्रतिष्ठा गिरी।' उन्होंने आगे आरोप लगाया कि आजादी के बाद बिहार में स्थापित हुए उद्योग 'लालू यादव के जंगल-राज' के कारण राज्य छोड़कर चले गए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'जब वो (लालू यादव) एक भ्रष्टाचार के मामले में जेल से बाहर आए और हाथी पर जुलूस निकाला गया, तो हम इस तरह की बेशर्मी को समझ नहीं पाए। आजादी के समय बिहार में स्थापित हुए उद्योग धीरे-धीरे बिहार छोड़कर जाने लगे। उस 15 साल के शासन ने बिहार को लगभग आधी सदी पीछे धकेल दिया। वही 'जंगल राज' आज नए चेहरों के साथ बिहार की जनता के सामने है।'
महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर विवादइस बीच, सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने 143 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी, जिससे महागठबंधन गठबंधन के भीतर लंबी सीट-शेयरिंग पर बातचीत समाप्त हो गई। हालांकि, गठबंधन को तब झटका लगा जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने औपचारिक रूप से चुनाव से हटने की घोषणा कर दी। इस घोषणा के साथ, महागठबंधन का स्वरूप भी स्पष्ट हो गया है, जिसमें राजद 143, कांग्रेस 61, सीपीआई (एमएल) 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और 15 सीटें मुकेश सहनी की वीआईपी को मिली है। करीब दर्जनभर सीटों पर फ्रेंडली फाइट के भी आसार हैं। 243 सीटों वाली विधानसभा के लिए मतदान 6 नवंबर और 11 नवंबर को होंगे है, वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।
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