पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव दो माह बाद अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है। इससे पहले राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गई हैं। विपक्षी दलों की नजर मुस्लिम वोटरों पर है। कांग्रेस की नजर भी मुस्लिम वोटरों पर है। बिहार में स्पेशल इनटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत चुनाव आयोग ने 65.6 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए हैं। जिन 10 जिलों में सबसे अधिक नाम हटाए गए हैं उनमें से पांच जिलों में मुस्लिमों की खासी आबादी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार में 17 अगस्त से एक सितंबर तक वोट अधिकार यात्रा निकालने जा रहे हैं। इस यात्रा में मुस्लिम बहुल जिले भी शामिल हैं।
दो साल पहले 2023 में बिहार सरकार की ओर से कराई गई जातीय जनगणना के अनुसार राज्य की कुल 13 करोड़ आबादी में मुस्लिमों की जनसंख्या 17.70 प्रतिशत है। यानी राज्य में करीब दो करोड़ 30 लाख मुस्लिम हैं। यह एक बड़ी आबादी है जिसका राज्य की कई सीटों पर प्रभाव है। बिहार में हमेशा से चुनावों में वोटों का ध्रुवीकरण होता है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्षी दल, दोनों ही इसका लाभ लेना चाहते हैं।
कांग्रेस का मुस्लिम समुदाय पर खास ध्यान
बिहार में इस बार कांग्रेस मुस्लिम वोटरों को आकर्षित करने के लिए जोर लगा रही है। उसके कुछ हालिया कदमों से इसके संकेत मिले हैं। कांग्रेस नेताओं ने राज्य के कुछ असरदार मौलानाओं से मुलाकात की है और मुस्लिम समुदाय में खासा प्रभाव रखने वाले इमरान प्रतापगढ़ी सहित अन्य मुस्लिम नेताओं को सक्रिय कर दिया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी 17 अगस्त से बिहार में वोट अधिकार यात्रा निकालने वाले हैं। यह यात्रा एक सितंबर को पटना में समाप्त होगी। इस दौरान राहुल गांधी 21 जिलों में जाकर लोगों को मतदाता के अधिकारों के बारे में बताएंगे। इस यात्रा में आरजेडी सहित महागठबंधन के अन्य दलों के नेता भी शामिल होंगे। यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब चुनाव आयोग ने बिहार के स्पेशल इनटेंसिव रिवीजन के तहत करीब 65.6 लाख वोटरों के नाम हटाकर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी है। इस वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है। हटाए गए वोटरों में बड़ी संख्या में मुस्लिम बहुल इलाकों के लोग भी हैं।
मुस्लिम बहुल इलाकों में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाएंगे राहुल गांधी
राहुल गांधी की यात्रा सासाराम से शुरू होगी। इसके बाद वे औरंगाबाद, गया, वजीरगंज, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण पहुचेंगे। आरा जिले में 31 अगस्त को उनकी यात्रा का समापन होगा। इसके बाद एक सितंबर को वे पटना में एक बड़ी रैली करेंगे।
बिहार में जिन 10 जिलों में सबसे ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, उनमें से 5 जिलों में मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा है। यह जिले हैं- पूर्णिया, किशनगंज, मधुबनी, भागलपुर और सीतामढ़ी। किशनगंज जिले में 68 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या है। कटिहार जिले में 44 प्रतिशत, अररिया में 43 प्रतिशत, पूर्णिया में 39 प्रतिशत, दरभंगा में 22 प्रतिशत, पश्चिम चंपारण में 22 प्रतिशत, सीतामढ़ी में 22 प्रतिशत, पूर्वी चंपारण में 19 प्रतिशत, भागलपुर में 18 प्रतिशत और मधुबनी जिले में 18 प्रतिशत मुस्लिम निवासी हैं। चुनाव आयोग की मसौदा मतदाता सूची में गोपालगंज जिले में 15 प्रतिशत, पूर्णिया में 12, किशनगंज में 12, मधुबनी में 10, भागलपुर में 10, सहरसा में 9, सीतामढ़ी में 9, समस्तीपुर में 9, सारण में 9 और शिवहर जिले में 9 प्रतिशत वोटरों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं।
कांग्रेस SIR को सत्ता पक्ष के खिलाफ बनाएगी हथियार
राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा में खास तौर पर मुस्लिम बहुल जिले और इसके अलावा वे क्षेत्र शामिल किए गए हैं जहां वोटर लिस्ट में सबसे अधिक नाम हटाए गए हैं। इसका मतलब है कि राहुल गांधी इन इलाकों में जाकर न सिर्फ चुनाव आयोग और सत्ताधारी दल बीजेपी-जेडीयू के खिलाफ माहौल बनाएंगे, बल्कि वोटरों को कांग्रेस के पाले में लाने की भी कोशिश करेंगे। वे चुनाव आयोग की स्पेशल इनटेंसिव रिवीजन की प्रक्रिया पर सवाल उठाएंगे और परोक्ष रूप से मतदाताओं को इसका जवाब चुनाव में सत्ता पक्ष को देने के लिए प्रेरित करेंगे।
बिहार में स्पेशल इनटेंसिव रिवीजन में वोटरों के नाम हटाए जाने पर राहुल गांधी और कांग्रेस सत्ता पक्ष और चुनाव आयोग पर हमले कर रही है। राहुल गांधी विरोध की इस गति को बनाए रखना चाहते हैं। इसके साथ-साथ वे मुस्लिम वोटरों को भी साध लेना चाहते हैं।
हाल ही में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम सहित अन्य पार्टी नेताओं ने इमारते शरिया के मौलानाओं से मुलाकात की थी। इसके अलावा प्रभावशाली मुस्लिम नेता इमरान प्रतापगढ़ी को भी अहम जिम्मेदारियां सौंपे जाने के संकेत मिले हैं। यह सब कांग्रेस की मुस्लिम वोटरों को आकर्षित करने की रणनीति की ओर ही इशारा करने वाली बातें हैं। बिहार के सीमांचल, मिथिलांचल और मगध की 63 सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
दो साल पहले 2023 में बिहार सरकार की ओर से कराई गई जातीय जनगणना के अनुसार राज्य की कुल 13 करोड़ आबादी में मुस्लिमों की जनसंख्या 17.70 प्रतिशत है। यानी राज्य में करीब दो करोड़ 30 लाख मुस्लिम हैं। यह एक बड़ी आबादी है जिसका राज्य की कई सीटों पर प्रभाव है। बिहार में हमेशा से चुनावों में वोटों का ध्रुवीकरण होता है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्षी दल, दोनों ही इसका लाभ लेना चाहते हैं।
कांग्रेस का मुस्लिम समुदाय पर खास ध्यान
बिहार में इस बार कांग्रेस मुस्लिम वोटरों को आकर्षित करने के लिए जोर लगा रही है। उसके कुछ हालिया कदमों से इसके संकेत मिले हैं। कांग्रेस नेताओं ने राज्य के कुछ असरदार मौलानाओं से मुलाकात की है और मुस्लिम समुदाय में खासा प्रभाव रखने वाले इमरान प्रतापगढ़ी सहित अन्य मुस्लिम नेताओं को सक्रिय कर दिया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी 17 अगस्त से बिहार में वोट अधिकार यात्रा निकालने वाले हैं। यह यात्रा एक सितंबर को पटना में समाप्त होगी। इस दौरान राहुल गांधी 21 जिलों में जाकर लोगों को मतदाता के अधिकारों के बारे में बताएंगे। इस यात्रा में आरजेडी सहित महागठबंधन के अन्य दलों के नेता भी शामिल होंगे। यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब चुनाव आयोग ने बिहार के स्पेशल इनटेंसिव रिवीजन के तहत करीब 65.6 लाख वोटरों के नाम हटाकर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी है। इस वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है। हटाए गए वोटरों में बड़ी संख्या में मुस्लिम बहुल इलाकों के लोग भी हैं।
मुस्लिम बहुल इलाकों में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाएंगे राहुल गांधी
राहुल गांधी की यात्रा सासाराम से शुरू होगी। इसके बाद वे औरंगाबाद, गया, वजीरगंज, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण पहुचेंगे। आरा जिले में 31 अगस्त को उनकी यात्रा का समापन होगा। इसके बाद एक सितंबर को वे पटना में एक बड़ी रैली करेंगे।
बिहार में जिन 10 जिलों में सबसे ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, उनमें से 5 जिलों में मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा है। यह जिले हैं- पूर्णिया, किशनगंज, मधुबनी, भागलपुर और सीतामढ़ी। किशनगंज जिले में 68 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या है। कटिहार जिले में 44 प्रतिशत, अररिया में 43 प्रतिशत, पूर्णिया में 39 प्रतिशत, दरभंगा में 22 प्रतिशत, पश्चिम चंपारण में 22 प्रतिशत, सीतामढ़ी में 22 प्रतिशत, पूर्वी चंपारण में 19 प्रतिशत, भागलपुर में 18 प्रतिशत और मधुबनी जिले में 18 प्रतिशत मुस्लिम निवासी हैं। चुनाव आयोग की मसौदा मतदाता सूची में गोपालगंज जिले में 15 प्रतिशत, पूर्णिया में 12, किशनगंज में 12, मधुबनी में 10, भागलपुर में 10, सहरसा में 9, सीतामढ़ी में 9, समस्तीपुर में 9, सारण में 9 और शिवहर जिले में 9 प्रतिशत वोटरों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं।
कांग्रेस SIR को सत्ता पक्ष के खिलाफ बनाएगी हथियार
राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा में खास तौर पर मुस्लिम बहुल जिले और इसके अलावा वे क्षेत्र शामिल किए गए हैं जहां वोटर लिस्ट में सबसे अधिक नाम हटाए गए हैं। इसका मतलब है कि राहुल गांधी इन इलाकों में जाकर न सिर्फ चुनाव आयोग और सत्ताधारी दल बीजेपी-जेडीयू के खिलाफ माहौल बनाएंगे, बल्कि वोटरों को कांग्रेस के पाले में लाने की भी कोशिश करेंगे। वे चुनाव आयोग की स्पेशल इनटेंसिव रिवीजन की प्रक्रिया पर सवाल उठाएंगे और परोक्ष रूप से मतदाताओं को इसका जवाब चुनाव में सत्ता पक्ष को देने के लिए प्रेरित करेंगे।
बिहार में स्पेशल इनटेंसिव रिवीजन में वोटरों के नाम हटाए जाने पर राहुल गांधी और कांग्रेस सत्ता पक्ष और चुनाव आयोग पर हमले कर रही है। राहुल गांधी विरोध की इस गति को बनाए रखना चाहते हैं। इसके साथ-साथ वे मुस्लिम वोटरों को भी साध लेना चाहते हैं।
हाल ही में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम सहित अन्य पार्टी नेताओं ने इमारते शरिया के मौलानाओं से मुलाकात की थी। इसके अलावा प्रभावशाली मुस्लिम नेता इमरान प्रतापगढ़ी को भी अहम जिम्मेदारियां सौंपे जाने के संकेत मिले हैं। यह सब कांग्रेस की मुस्लिम वोटरों को आकर्षित करने की रणनीति की ओर ही इशारा करने वाली बातें हैं। बिहार के सीमांचल, मिथिलांचल और मगध की 63 सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
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