नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जिस तरह से वंशवाद और परिवारवाद की राजनीति को लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा बताया है, उसके चलते वह अपनी ही पार्टी के निशाने पर आ गए हैं। थरूर ने सीधे-सीधे कांग्रेस में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में कांग्रेस से बीजेपी में आए नेता भी उनके सियासी भविष्य को लेकर उन्हें आगाह करने लग गए हैं। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने बिना सीधे नाम लिए आरोप लगाया है कि गांधी परिवार बदला लेता है और उन्होंने थरूर के खिलाफ भी पार्टी की ओर से कार्रवाई की आशंका जताई है।
'पता नहीं क्या नतीजे भुगतने पड़ेंगे'
प्रोजेक्ट सिंडिकेट में छपे शशि थरूर के लेख को लेकर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स पोस्ट में लिखा है कि यह 'लेख पैनी नजर वाला है।' 'पता नहीं इतनी बेबाकी से बोलने के लिए डॉक्टर थरूर को क्या नतीजे भुगतने पड़ेंगे। डॉ थरूर को पहले ही ऑपरेशन सिंदूर 'सरेंडर नैरेटिव'पर नेपो किड राहुल गांधी को खरी-खोटी सुनाने के लिए निशाना बनाया जा चुका है।'
'फर्स्ट फैमिली बहुत ही बदला लेने वाली है'
उन्होंने आगे लिखा, 'डॉ थरूर खतरों के खिलाड़ी बन चुके हैं। उन्होंने नेपो किड्स या वंशवाद के नवाबों को सीधा नेपो किड्स बता दिया है। सर जब मैंने 2017 में राहुल गांधी को नेपो नामदार कहा था, आप जानते हैं कि मेरे साथ क्या हुआ था। सर आपके लिए प्रार्थना कर रहा हूं....फर्स्ट फैमिली बहुत ही बदला लेने वाली है।' पूनावाला एक समय कांग्रेस के एक प्रमुख चेहरे हुआ करते थे। लेकिन, जब 2017 में उन्होंने कांग्रेस के संगठनात्मक चुनावों को 'दिखावा' कह दिया था, तो वह सुर्खियों में आ गए थे। इसी चुनाव में राहुल गांधी को उनकी मां सोनिया गांधी की जगह कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था।
'जब मुख्य योग्यता किसी का सरनेम हो जाए'
दरअसल, 'इंडियन पॉलिटिक्स आर ए फैमिली बिजनेस' के शीर्षक वाले अपने लेख में केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके, टीएमसी और नेशनल कांफ्रेंस जैसे दलों में वंशवाद की राजनीति पर फोकस किया है। उन्होंने लिखा है, 'वंशवाद की राजनीति भारतीय लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। जब राजनीतिक शक्ति काबिलियत,प्रतिबद्धता या जमीनी जुड़ाव की जगह खानदान से तय होती है, तो शासन की गुणवत्ता खराब हो जाती है।...यह तब और भी अधिक समस्या से भर जाता है, जब उम्मीदवारों की मुख्य योग्यता उनका सरनेम हो जाए।'
'पता नहीं क्या नतीजे भुगतने पड़ेंगे'
प्रोजेक्ट सिंडिकेट में छपे शशि थरूर के लेख को लेकर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स पोस्ट में लिखा है कि यह 'लेख पैनी नजर वाला है।' 'पता नहीं इतनी बेबाकी से बोलने के लिए डॉक्टर थरूर को क्या नतीजे भुगतने पड़ेंगे। डॉ थरूर को पहले ही ऑपरेशन सिंदूर 'सरेंडर नैरेटिव'पर नेपो किड राहुल गांधी को खरी-खोटी सुनाने के लिए निशाना बनाया जा चुका है।'
Dr Tharoor has become Khatron ke Khiladi
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) November 3, 2025
He has directly called out Nepo Kids or Nawabs of Nepotism
Sir when i called out Nepo Naamdar Rahul Gandhi in 2017 - you know what happened to me
Sir praying for you…
First family is very vengeful https://t.co/yvaMEY8vtI
'फर्स्ट फैमिली बहुत ही बदला लेने वाली है'
उन्होंने आगे लिखा, 'डॉ थरूर खतरों के खिलाड़ी बन चुके हैं। उन्होंने नेपो किड्स या वंशवाद के नवाबों को सीधा नेपो किड्स बता दिया है। सर जब मैंने 2017 में राहुल गांधी को नेपो नामदार कहा था, आप जानते हैं कि मेरे साथ क्या हुआ था। सर आपके लिए प्रार्थना कर रहा हूं....फर्स्ट फैमिली बहुत ही बदला लेने वाली है।' पूनावाला एक समय कांग्रेस के एक प्रमुख चेहरे हुआ करते थे। लेकिन, जब 2017 में उन्होंने कांग्रेस के संगठनात्मक चुनावों को 'दिखावा' कह दिया था, तो वह सुर्खियों में आ गए थे। इसी चुनाव में राहुल गांधी को उनकी मां सोनिया गांधी की जगह कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था।
'जब मुख्य योग्यता किसी का सरनेम हो जाए'
दरअसल, 'इंडियन पॉलिटिक्स आर ए फैमिली बिजनेस' के शीर्षक वाले अपने लेख में केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके, टीएमसी और नेशनल कांफ्रेंस जैसे दलों में वंशवाद की राजनीति पर फोकस किया है। उन्होंने लिखा है, 'वंशवाद की राजनीति भारतीय लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। जब राजनीतिक शक्ति काबिलियत,प्रतिबद्धता या जमीनी जुड़ाव की जगह खानदान से तय होती है, तो शासन की गुणवत्ता खराब हो जाती है।...यह तब और भी अधिक समस्या से भर जाता है, जब उम्मीदवारों की मुख्य योग्यता उनका सरनेम हो जाए।'
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