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कौन है बाघ का गुनहगार ढरके लामा? इंटरपोल के साथ मिलकर मध्य प्रदेश ने शुरू की 195 देशों में तलाश

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अब शिकारी का शिकार होगा! सतपुड़ा के बाघों को इंसाफ दिलाने के लिए मध्य प्रदेश की स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) को बड़ी कामयाबी मिली है। बाघों का खून बहाने और उनके अंगों की तस्करी करने वाले खूंखार शिकारी ढरके लामा के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया गया है। अब मध्य प्रदेश के STSF के अलावा 195 देश मिलकर इस गुनहगार को ढूंढने जा रही है।



मध्य प्रदेश इकलौता ऐसा राज्य बन गया है, जो एक नहीं 2-2 शिकारियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने में कामयाब हुआ है। पहले शिकारियों का किंगपिन कहे जाने वाला जय तमांग और अब ढरके लामा। लामा की तलाश 2015 से है। नेपाली मूल के इस शख्स ने कई बाघों की जान ली। उनकी खाल, पंजे समेत उसके अंगों की तस्करी का काला कारोबार खड़ा किया। इस मामले में 30 में से 29 को सजा मिल चुकी है, लेकिन एक यह लामा ही बचा है।



कौन है ढरके लामा ढरके लामा उर्फ टरके लामा मूल रूप से नेपाल के हुमला का रहने वाला है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में उसने बाघों के शिकार किए और उनके अंगों को नेपाल के रास्ते चीन भेजने का गंदा धंधा शुरू कर दिया। मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में अवैध शिकार के मामले में उस पर 2015 में मामला दर्ज हुआ था। लेकिन पिछले 10 साल से वो फरार है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस केस को STSF को सौंप दिया गया था।



लामा वन्यजीवों के अंगों की तस्करी का पूरा रैकेट चला रहा था। एसटीएसएफ ने जब जांच शुरू की तो खुलासा हुआ कि वो बाघों की खाल, उनकी हड्डियां और अन्य अंगों की तस्करी किया करता था। वो नेपाल के रास्ते अंगों की तस्करी चीन में कर रहा था।





STSF ने खत्म किया रैकेट इस तस्करी रैकेट को एसटीएसएफ ने लगभग खत्म कर दिया है। 2015 में दर्ज इस मामले में अब तक 30 में से 27 को सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें से एक की मौत हो चुकी है और एक फरार है। इन सभी को 5-5 साल की सजा सुनाई गई है। दरअसल पिछले साल 24 जनवरी को STSF को बड़ी कामयाबी हासिल हुई। अंतरराष्ट्रीय तस्कर ताशी शेरपा को सिलीगुड़ी से गिरफ्तार कर लिया गया। इसने पॉलीग्राफिक्स टेस्ट में जो राज उगले, उससे 29 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हुए। इन आरोपियों में इंटरपोल की लिस्ट में शामिल जय तमांग भी शामिल है।

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