पटना: लुभावनी घोषणाओं की कतार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक और ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनी तो जीविका दीदियों के साथ साथ सभी संविदाकर्मियों को स्थाई कर दिया जाएगा। साथ ही साथ जीविका दीदियों का ग्रुप, जिन्होंने ऋण लिया है उसका सूद माफ कर दिया जाएगा। जीवन सुरक्षा को देखते पांच लाख रुपयों का बीमा भी कराया जाएगा। इसके पहले ही तेजस्वी यादव ने हर घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा कर एक बड़े वर्ग पर डोरा डालने का काम कर भी दिया है।
बिहार में जीविका दीदियों की परमानेंट नौकरी का वादा
जीविका दीदियों का मतलब है 1 करोड़ 36 लाख से ज्यादा दीदियों को स्थाई सरकारी नौकरी दी जायेगी। अब वे मानदेय पर नहीं रहेंगी। तेजस्वी यादव के अनुसार महागठबंधन के सरकार में आने पर प्रति माह 30 हजार रुपयों का वेतन मिलेगा और साथ ही साथ सरकारी नौकरी की अन्य सुविधाएं भी। इन्हें दो हजार रुपए प्रति माह अन्य कार्य के लिए भी मिलेगा। अपनी इस घोषणा के साथ तेजस्वी यादव ने 1.36 करोड़ परिवार को लुभाने की बाजी खेल दी है।
जानिए, राजकोष से कितना होगा खर्च
सिर्फ इसी आंकड़े के हिसाब से बिहार में 1.36 करोड़ जीविका दीदियां हैं। सबको 30 हजार रुपये महीने का वादा तेजस्वी यादव ने किया है। अगर इस आंकड़े को 30 हजार रुपये महीने से गुणा करें तो सरकार बनने पर तेजस्वी सिर्फ जीविका दीदियों पर 408,000,000,000 रुपये हर महीने सरकारी खजाने के खर्च करने का वादा कर चुके हैं। बिहार के बजट के हिसाब से ये काफी बड़ी रकम है। इसके अलावा इन दीदियों पर कितना कर्ज है, इसका हिसाब सरकारी फाइलों में है। उसका ब्याज माफ करने पर भी भार सरकारी खजाने पर ही आएगा।
बाकी कांट्रैक्ट कर्मियों को भी परमानेंट का वादा
अब इसके अलावा जीविका दीदी ग्रुप के ऐसे सदस्य जिन्होंने ऋण लिया हैं, उनके ऋण की माफी का वादा कर भी तेजस्वी ने बड़ा दावा किया है। अब यह संख्या भी करोड़ में होगी। चुनावी माहौल में छोड़ा गया यह एक और तीर है जिसमें नौकरी के मुद्दे को लुभावने वादों में लपेटा गया है। इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने उर्मिला एजेंसी और बेलट्रॉन कंपनी के द्वारा विभिन्न विभागों में जो संविदाकर्मी बहाल हैं, उन्हें भी सरकारी कर्मचारी बनाने का वादा किया है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि 'इनका मानसिक,शारीरिक और आर्थिक शोषण किया जाता है। सरकार इनकी तनख्वाह में से 18 प्रतिशत जीएसटी भी काटती है। नौकरी कभी भी खत्म कर दी जाती है। आश्चर्य यह है कि पैसा सरकार का ही लगता है, पर कमीशन ऑफिसर खाते है।' तेजस्वी ने दावा किया कि वो कमीशनखोरी बंद कराएंगे और सभी संविदाकर्मियों को सरकारी कर्मचारी बनाएंगे।
हर परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा
इस घोषणा के पहले भी तेजस्वी ने बिहार विधानसभा की चुनावी बिसात पर एक बड़ी चाल सरकारी नौकरी की चली थी। तेजस्वी ने घोषणा की थी कि जिस भी परिवार के पास सरकारी नौकरी नहीं है उस हर परिवार को एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। तेजस्वी ने कहा कि उनकी सरकार बनती है तो 20 दिनों के अंदर नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, 20 महीने में ऐसा कोई घर नहीं बचेगा जहां नौकरी नहीं होगी।
NDA पर लगाया 'खटारा' आरोप
उस वक्त तेजस्वी ने एनडीए की सरकार पर आरोप भी लगाया था कि '20 साल से खटारा सरकार ने नौकरी पर कभी ध्यान ही नहीं दिया। वह भी तब जब बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है।' तब तेजस्वी ने तो वादा भी किया था कि जब 14 नवंबर को सरकार बनेगी तब बिहार का ऐसा कोई घर नहीं होगा जहां बेरोजगारी होगी। सबके हाथ नौकरी, रोजगार होगा। तेजस्वी ने आगे कहा है कि 'पांच साल नहीं केवल 20 महीने का मौका दीजिए। जो काम वर्तमान सरकार ने 20 सालों में नहीं किया उसे हम 20 महीने में करेंगे।'
बिहार में जीविका दीदियों की परमानेंट नौकरी का वादा
जीविका दीदियों का मतलब है 1 करोड़ 36 लाख से ज्यादा दीदियों को स्थाई सरकारी नौकरी दी जायेगी। अब वे मानदेय पर नहीं रहेंगी। तेजस्वी यादव के अनुसार महागठबंधन के सरकार में आने पर प्रति माह 30 हजार रुपयों का वेतन मिलेगा और साथ ही साथ सरकारी नौकरी की अन्य सुविधाएं भी। इन्हें दो हजार रुपए प्रति माह अन्य कार्य के लिए भी मिलेगा। अपनी इस घोषणा के साथ तेजस्वी यादव ने 1.36 करोड़ परिवार को लुभाने की बाजी खेल दी है।
जानिए, राजकोष से कितना होगा खर्च
सिर्फ इसी आंकड़े के हिसाब से बिहार में 1.36 करोड़ जीविका दीदियां हैं। सबको 30 हजार रुपये महीने का वादा तेजस्वी यादव ने किया है। अगर इस आंकड़े को 30 हजार रुपये महीने से गुणा करें तो सरकार बनने पर तेजस्वी सिर्फ जीविका दीदियों पर 408,000,000,000 रुपये हर महीने सरकारी खजाने के खर्च करने का वादा कर चुके हैं। बिहार के बजट के हिसाब से ये काफी बड़ी रकम है। इसके अलावा इन दीदियों पर कितना कर्ज है, इसका हिसाब सरकारी फाइलों में है। उसका ब्याज माफ करने पर भी भार सरकारी खजाने पर ही आएगा।
बाकी कांट्रैक्ट कर्मियों को भी परमानेंट का वादा
अब इसके अलावा जीविका दीदी ग्रुप के ऐसे सदस्य जिन्होंने ऋण लिया हैं, उनके ऋण की माफी का वादा कर भी तेजस्वी ने बड़ा दावा किया है। अब यह संख्या भी करोड़ में होगी। चुनावी माहौल में छोड़ा गया यह एक और तीर है जिसमें नौकरी के मुद्दे को लुभावने वादों में लपेटा गया है। इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने उर्मिला एजेंसी और बेलट्रॉन कंपनी के द्वारा विभिन्न विभागों में जो संविदाकर्मी बहाल हैं, उन्हें भी सरकारी कर्मचारी बनाने का वादा किया है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि 'इनका मानसिक,शारीरिक और आर्थिक शोषण किया जाता है। सरकार इनकी तनख्वाह में से 18 प्रतिशत जीएसटी भी काटती है। नौकरी कभी भी खत्म कर दी जाती है। आश्चर्य यह है कि पैसा सरकार का ही लगता है, पर कमीशन ऑफिसर खाते है।' तेजस्वी ने दावा किया कि वो कमीशनखोरी बंद कराएंगे और सभी संविदाकर्मियों को सरकारी कर्मचारी बनाएंगे।
हर परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा
इस घोषणा के पहले भी तेजस्वी ने बिहार विधानसभा की चुनावी बिसात पर एक बड़ी चाल सरकारी नौकरी की चली थी। तेजस्वी ने घोषणा की थी कि जिस भी परिवार के पास सरकारी नौकरी नहीं है उस हर परिवार को एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। तेजस्वी ने कहा कि उनकी सरकार बनती है तो 20 दिनों के अंदर नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, 20 महीने में ऐसा कोई घर नहीं बचेगा जहां नौकरी नहीं होगी।
NDA पर लगाया 'खटारा' आरोप
उस वक्त तेजस्वी ने एनडीए की सरकार पर आरोप भी लगाया था कि '20 साल से खटारा सरकार ने नौकरी पर कभी ध्यान ही नहीं दिया। वह भी तब जब बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है।' तब तेजस्वी ने तो वादा भी किया था कि जब 14 नवंबर को सरकार बनेगी तब बिहार का ऐसा कोई घर नहीं होगा जहां बेरोजगारी होगी। सबके हाथ नौकरी, रोजगार होगा। तेजस्वी ने आगे कहा है कि 'पांच साल नहीं केवल 20 महीने का मौका दीजिए। जो काम वर्तमान सरकार ने 20 सालों में नहीं किया उसे हम 20 महीने में करेंगे।'
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